फिर झटका : जीडीपी घटकर आई 4.5 फीसदी पर, 6 साल में सबसे कम
नई दिल्ली। जीपीडी के मोर्चे पर भारत को फिर झटका। चालू वित्तीय वर्ष के दौरान दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी घटकर 4.5 फीसदी पर आ गई है। जीडीपी की बढ़त की यह रफ्तार पिछली 26 तिमाही में सबसे कम है। वहीं पहली तिमाही में भारत की जीडीपी घटकर 5 फीसदी पर आ गई थी। वहीं भारत की पिछले वित्तीय साल की दूसरी तिमाही में जीडीपी की रफ्तार 7 फीसदी पर थी। वहीं दूसरी तिमाही में भारत की ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) सितंबर तिमाही में घटकर 4.3 फीसदी पर आ गई है। नेशनल इनकम डाटा 29 नवंबर को आज जारी हुआ। इन आंकड़ों से पता चला है कि जीडीपी के आंकड़े पिछले 6 साल में सबसे कम हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था और घरेलू सेंटीमेंट कमजोर होने के कारण यह मुमकिन है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में घरेलू जीडीपी ग्रोथ 6 फीसदी से कम रह सकती है।
ये हैं आंकड़े
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा शुक्रवार को जारी जीडीपी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 की जुलाई-सितंबर के दौरान स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीडीपी 35.99 लाख करोड़ रुपये रही जो पिछले साल इसी अवधि में 34.43 लाख करोड़ रुपये थी। इसी तरह दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही।
लगातार छठी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट गिरी
चालू वित्तीय वर्ष की सितंबर तिमाही लगातार छठी तिमाही है जब जीडीपी ग्रोथ रेट में कमी दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही में ग्रोथ रेट 8 फीसदी, दूसरी तिमाही में 7 फीसदी, तीसरी तिमाही में 6.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी पर थी। वहीं वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में जीडीपी गिरकर 5 फीसदी पर आ गई थी।
पहले ही जताया गया था गिरावट का अनुमान
इंडिया रेटिंग्स, क्रिसिल समेत कई एजेंसियों ने सितंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था की विकास दर में गिरावट का अनुमान जताया था। रेटिंग एजेंसियों का मानना था कि, सुस्त डिमांड, निवेश में कमी और लिक्विडिटी की दिक्कत के चलते आर्थिक सुस्ती और गहरा सकती है। इंडिया रेटिंग्स और क्रिसिल ने सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 4.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया था।
दूसरी तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ भी निगेटिव रही
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर : चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में महज -1.0 फीसदी, यह ग्रोथ पिछले साल समान अवधि में 6.9 फीसदी थी।
एग्रीकल्चर, फॉरेस्ट्री तथा फिशिंग सेक्टर : चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में 2.1 फीसदी, यह ग्रोथ पिछले साल समान अवधि में 4.9 फीसदी
माइनिंग सेक्टर : चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में 0.1 फीसदी, यह ग्रोथ पिछले साल समान अवधि में -2.2 फीसदी
इलेक्ट्रिसिटी, गैस, वाटर सप्लाई तथा अन्य यूटिलिटी सेक्टर : चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में 3.6 फीसदी, यह ग्रोथ पिछले साल समान अवधि में 8.7 फीसदी
कंस्ट्रक्शन सेक्टर : चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में 3.3 फीसदी, यह ग्रोथ पिछले साल समान अवधि में 8.5 फीसदी
ट्रेड, होटेल्स, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन तथा सर्विसेज : चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में 4.8 फीसदी, यह ग्रोथ पिछले साल समान अवधि में 6.9 फीसदी
फाइनेंशियल, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विसेज : चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में 5.8 फीसदी, यह ग्रोथ पिछले साल समान अवधि में 7.0 फीसदी
पब्लिक ऐडमिनिस्ट्रेशन, डिफेंस तथा अन्य सेवाएं : चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में 11.6 फीसदी, यह ग्रोथ पिछले साल समान अवधि में 8.6 फीसदी
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