मोबाइल कंपनियों से डरा आरबीआई, जानें कारण
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कल यानी 5 दिसंबर को अपनी मौद्रिक नीति जारी की थी। इस नीति में उसने उम्मीदों के बाद भी रेपो रेट में कटौती नहीं की। आरबीआई ने कहा था कि महंगाई बढ़ने की आशंका के चलते वह रेपो रेट में कटौती नहीं कर रहा है। लेकिन साथ ही उसने कहा कि हाल ही रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया की तरफ से रेट बढ़ाने से उसे आशंका है कि इससे देश में महंगाई के आंकड़ों में बढ़ोत्तरी दर्ज हो सकती है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति घोषणा के बाद मीडिया के साथ बातचीत में कहा, "कोर महंगाई के संदर्भ में इसके वर्तमान जोन में इसी तरह बने रहने की उम्मीद है, जो 4 फीसदी से नीचे है। लेकिन कुछ साक्ष्य से पता चलता है कि टेलीकॉम व अन्य से जुड़े कुछ फैसले इसे बढ़ाने की भूमिका निभा सकते हैं। उनका महंगाई पर प्रभाव पड़ सकता है। यह उम्मीद है कि महंगाई अगले साल के दूसरी तिमाही में 3.8 फीसदी हो सकती है।"
दास ने कहा, "वर्तमान में मंहगाई ज्यादा है, जो खाद्य महंगाई की वजह से है। हमारा आकलन बताता है कि चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में खाद्य महंगाई के विशेष रूप से बहुत ज्यादा रहने की संभावना है और इसका संतुलन आगामी महीनों में कई कारकों पर निर्भर करता है।"
देश के तीनों बड़े निजी टेलीकॉम कारोबारी वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल और रिलायंस जियो ने प्रीपेड टैरिफ प्लान को महंगा कर दिया है। इन कंपनियों ने इसमें 40 से 50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। वोडाफोन आइडिया व एयरटेल की संशोधित दरें मंगलवार से प्रभावी हो गई और जियो की दरें शुक्रवार से प्रभावी हुई हैं।
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