बैंकिंग फ्रॉड : सरकारी बैकों के 6 महीने में डूबे 95 हजार करोड़ रु
नई दिल्ली। देश के सरकारी बैंकों में चालू वित्त वर्ष के शुरुआती 6 माह में करीब 13.34 बिलियन डॉलर यानी 95 हजार करोड रुपये की धोखाधड़ी हुई है। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में इस बात की जानकारी दी है। इस साल देश में अप्रैल से सितंबर 2019 के दौरान बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों की संख्या भी बढ़कर करीब 5,743 हो गई है। इस प्रकार अगर देखा जाए तो भारत में रोज करीब 32 बैंक फ्रॉड की घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में अगर आपके साथ बैंकिंग फ्रॉड की घटना हुई हो तो यहां जानें इसकी कैसे करें शिकायत। अगर शिकायत नियमों के तहत की जाए तो पूरे नुकसान की भरपाई बैंक को करनी होगी।
वित्त मंत्री ने दी सफाई
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों को रोकने के लिए कई कदम उठा रही है। वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार ने सख्ती बरतते हुए पिछले दो वित्त वर्ष में करीब 3,38,000 बैंकिंग अकाउंट को जब्त किया गया है। इन पर ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी का आरोप था। साथ ही बैंकिंग फ्रॉड करके भागने वाले व्यक्ति की संपत्ति जब्त करने के लिए एक कानून इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट भी लाया गया है।
फ्राॅड होने के बाद कैसे करें शिकायत
आरबीआई के नियम के अनुसार बैंक में अपनी शिकायत 3 कार्य दिवस के अंदर दर्ज कराना जरूरी है। ऐसे में अगर धोखाधड़ी या अवैध लेन-देन उपभोक्ता की लापरवाही से हुआ है, तो भी ग्राहक को बैंक की तरफ से मुआवजा दिया जाएगा। अगर ग्राहक का पैसा किसी व्यक्ति की ओर से एटीएम से निकाल लिया जाता है, और उपभोक्ता इसकी शिकायत 3 कार्य दिवस के बाद, लेकिन 7 कार्य दिवस के अंदर करता है, तो एटीएम से निकाले गए पैसे और आरबीआई के नियम के आधार पर जो रकम कम होगी, वो पैसा बैंक की ओर से ग्राहक को दिया जाएगा। अगर उपभोक्ता शिकायत 7 कार्य दिवस के बाद दर्ज कराता है, तब उसे कितना पैसा बैंक देगा, यह बैंक के बोर्ड की मंजूरी नीति के हिसाब से तय होगा।
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