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मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में भारत नहीं चीन है टॉप पर, जानें आंकड़े

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नयी दिल्ली। भारत में भ्र्ष्टाचार और कालेधन का मुद्दा अकसर उठाया जाता है। इनमें मनी लॉन्ड्रिंग के जरिये कालेधन को सफेद करने का मामला भी अकसर चर्चा में रहता है। लोग टैक्स बचा कर या अवैध गतिविधियों से हासिल किये गये पैसे को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिये 1 नंबर की श्रेणी में लाते हैं। इसी मामले में एक नयी रिपोर्ट आयी है, जिसमें एक बड़ा खुलासा हुआ है। नयी रिपोर्ट के मुताबिक कारोबार के जरिये कालेधन को सफेद करने के मामले में 135 देशों की लिस्ट में भारत की नंबर तीसरा है। ये दर्शाता है कि देश में भ्रष्टाचार अब भी बहुत ऊंचे स्तर पर है। अमेरिका स्थित थिंक टैंक ग्लोबल फाइनेंशियल इंटीग्रिटी (जीएफआई) की तरफ से जारी की गयी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में व्यापार से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए करीब 83.5 अरब डॉलर पर टैक्स की चोरी होती है।

क्या है अवैध धन

क्या है अवैध धन

जीएफआई ने अवैध तरीके से कमाया गया, स्थानांतरित, और / या एक अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार उपयोग किये जाने वाले फंड को अवैध धन की कैटेगरी में डाला है। अवैध प्रवाह के प्राथमिक स्रोतों में बड़ा भ्रष्टाचार, कमर्शियल टैक्स की चोरी और ट्रांसनेशनल अपराध शामिल हैं। इसे ऐसे समझें कि ड्रग्स की बिक्री से अवैध इनकम हासिल करने वाले ट्रेड-आधारित मनी लॉन्ड्रिंग तकनीकों का उपयोग करते हैं और उस पैसे से कारें खरीदते हैं, जिसे ड्रग सोर्स वाले देश में निर्यात करके बेच दिया जाता है। ये अवैध वित्तीय लेन-देन का एक उदाहरण है।

चीन है भारत से आगे
 

चीन है भारत से आगे

2017 के लिए Trade-related Illicit Financial Flows in 135 Developing Countries: 2008-2017 शीर्षक से रिपोर्ट के अनुसार जिन 5 देशों में मनी लॉन्ड्रिंग की रकम सबसे अधिक पायी गयी उनमें चीन 457.7 अरब डॉलर के साथ पहले नंबर पर है। इसके बाद 85.3 अरब डॉलर के साथ मेक्सिको दूसरे, 83.5 अरब डॉलर के साथ भारत तीसरे, 74.8 अरब डॉलर के साथ रूस चौथे और 66.3 अरब डॉलर के साथ पौलेंड पांचवे नंबर पर है। जीएफआई के मुताबिक ऐसी राशि जिस पर टैक्स नहीं चुकाया गया है, का मतलब है आयातकों और निर्यातक देशों ने उस रकम ठीक से टैक्स नहीं लगाया है।

10 सालों से भारत टॉप 10 में शामिल

10 सालों से भारत टॉप 10 में शामिल

135 विकासशील देशों और 36 विकसित अर्थव्यवस्थाओं के बीच अमेरिकी डॉलर में द्विपक्षीय व्यापार में मूल्य अंतराल के संदर्भ में भारत लगातार दस साल की अवधि में शीर्ष दस सबसे बड़े वैल्यू गैप वाले देशों में शामिल रहा है। यानी भारत लगातार 10 सालों से मनी लॉन्ड्रिंग के मामले टॉप 10 देशों में बना हुआ है।

 

यह भी पढ़ें - कालाधान रखने वालों को नोटिस, स्विस बैंक में 3,500 खाताधारकों की हुई पहचान

English summary

In China money laundering is much more than India know statistics

According to a report released by the US-based think tank Global Financial Integrity (GFI), tax evasion of around $ 83.5 billion is done through money laundering related to trade in India.
Story first published: Wednesday, March 4, 2020, 14:23 [IST]
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