Education Loan: लेते वक्त इन बातों को रखें खास ख्याल, फायदे में रहेंगे आप
उच्च शिक्षा के लिए कई लोग एजुकेशन लोन का सहारा लेते हैं। विदेश की तुलना में भले ही भारत में शिक्षा की कीमत कम हो, मगर देश की प्रति व्यक्ति आय को देखा जाए, तो इसे किफायती भी नहीं कहा जा सकता।
नई दिल्ली, मार्च 26। उच्च शिक्षा के लिए कई लोग एजुकेशन लोन का सहारा लेते हैं। विदेश की तुलना में भले ही भारत में शिक्षा की कीमत कम हो, मगर देश की प्रति व्यक्ति आय को देखा जाए, तो इसे किफायती भी नहीं कहा जा सकता। जहां एक तरफ सरकारी संस्थानों में एडमिशन मुश्किल है, वहीं दूसरी ओर निजी संस्थानों की फीस भी काफी ज्यादा है। दोहरी तरफ से मार झेल रहे विद्यार्थियों के पास एजुकेशन लोन के अलावा कोई मार्ग नहीं बचता।
ऐसे में पढ़ाई के लिए कर्ज लेने वक्त कुछ बातों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। इसलिए एजुकेशन लोन पूरी सावधानी से पूरी जांच-पड़ताल करके ही लेना चाहिए। ऐसा करने से न केवल आपको बाद में ऋण चुकाने में आसानी होगी बल्कि आपको पैसे की भी बचत होगी। चलिए जानते हैं कि एजुकेशन लोन लेते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
Bank हड़ताल : 2 दिन नहीं होगा काम, चेक करें फिर जाएं
एजुकेशन लोन के सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म यूज करें
हायर एजुकेशन के दौरान फीस के अलावा हॉस्टल, लैपटॉप और किताबों जैसी चीजों पर भी पैसे खर्च होते हैं, ऐसे में इतना लोन अमाउंट होना चाहिए कि ये सारा खर्च कवर हो सके। ज्यादातर देश में पढ़ाई के लिए अधिकतम 10 लाख रुपये और विदेशों में पढ़ाई के लिए 20 लाख रुपये तक का लोन मिलता है. लेकिन IIT, IIM और ISB जैसे बड़े संस्थानों में पढ़ाई के लिए ज्यादा लोन सकता है। ऐसे में अपने कोर्स के लिए कई वित्तीय संस्थानों द्वारा ऑफर किए जाने वाले एजुकेशन लोन की तुलना जरूर करनी चाहिए। किसी एक बैंक में अप्लाई कर एप्रूवल का इंतजार करने से ज्यादा बेहतर होगा कि आप एजुकेशन लोन के सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म- प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी कार्यक्रम (पीएमवीएलके) यहां आप एक एप्लीकेशन पर तीन बैंकों में अप्लाई एक साथ कर सकते हैं। यहां 40 बैंक रजिस्टर्ड हैं।
लोन चुकाने का मिलता बढ़िया समय
एजुकेशन लोन में बढ़ते डिफॉल्ट और एनपीए को देखते हुए बैंक अब लोन एप्रूव करते समय में लोन के रीपेमेंट को सुनिश्चत करना चाहते हैं। ऐसे में अगर आप को-एप्लीकेंट के तौर पर माता-पिता या अभिभावक के साथ अप्लाई करते हैं तो एप्रूव होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आप एजुकेशन लोन लेते हैं तो पढ़ाई खत्म होने के 1 साल बाद आपको लोन चुकाना शुरू करना होता है। इसे आप अधिकतम 2 साल के लिए बढ़वा सकते हैं। वहीं एजुकेशन लोन पर ब्याज लोन लेने के साथ ही शुरू हो जाती है। इसके साथ ही एजुकेशन लोन चुकाने के लिए पढ़ाई खत्म होने के बाद 15 साल का समय मिलता है।
किस्तों में लोन विकल्प चुनें
एजुकेशन लोन के साथ एक अच्छी बात यह है कि बैंक केवल उस अमाउंट के आधार पर ब्याज लेते हैं जो डिस्बर्स्ड है। कई संस्थान और यूनिवर्सिटी में सेमेस्टर के आधार पर पेमेंट होता है। इसलिए पूरी फीस पेमेंट की जगह किस्तों में लोन को चुनें। एजुकेशन लोन पर टैक्स छूट का फायदा सेक्शन 80ई (80E) के तहत लिया जा सकता है। एजुकेशन लोन पर टैक्स डिडक्शन सिर्फ आठ साल तक के लिए ऑफर किया जाता है।
कई कालेज और बैंकों के बीच साझेदारी
कई शिक्षा संस्थान अपने छात्रों के लिए एजुकेशन लोन की व्यवस्था करने के लिए बैंकों के साथ साझेदारी करती हैं। इसलिए एजुकेशन लोन लेते समय अपने विश्वविद्यालय या संस्थान से पता करना चाहिए कि, उन्होंने किसके साथ साझेदारी की हुई है जो एजुकेशन लोन जल्दी और कम ब्याज पर मुहैया कराते हैं।
एजुकेशन लोन के प्रकार
1. अंडरग्रैजुएट एजुकेशन लोनः हायर सेकंडरी एजुकेशन पूरा करने के बाद ग्रैजुएशन करने के इच्छुक स्टूडेंट्स इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं।
2.करियर एजुकेशन लोनः इस तरह के एजुकेशन लोन स्टूडेंट्स को करियर ओरिएंटेड एजुकेशन प्रोग्राम के लिए मिलते हैं।
3. ग्रैजुएट एजुकेशन लोनः हायर एजुकेशन के लिए स्टूडेंट्स इस लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं लेकिन इसके लिए उनका ग्रैजुएट होना जरूरी है।
4. पैरंट्स के लिए लोनः ऐसे पैरंट्स जो अपने बच्चों की पढ़ाई का खर्च नहीं उठा पा रहे हैं, वे अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए इस लोन के तहत अप्लाई कर सकते हैं।