नहीं मिला गोल्ड भंडार : खोदा पहाड़, निकली चुहिया जैसी है स्थिति
नई दिल्ली। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) के बयान के अनुसार उत्तर प्रदेश में गोल्ड भंडार मिलने की बात बढ़ाचढ़ा कर बताई गई है। जीएसआई ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में 3000 टन सोने का कोई रिजर्व नहीं मिला है। इस तरह का दावा जिला खनन अधिकारी ने किया था। इस पर जीएसआई के महानिदेशक एम श्रीधर ने कोलकाता में बताया कि ऐसा कोई आंकड़ा जीएसआई की ओर से नहीं जारी किया गया है। जीएसआई को सोनभद्र जिले में इतने बड़े पैमाने पर सोना मिलने का कोई अनुमान नहीं हैं, वहां केवल 160 किलोग्राम सोना हो सकता है।
ये था जिला खनन अधिकारी का बयान
बता दें कि सोनभद्र जिला खनन अधिकारी केके राय ने शुक्रवार को कहा था कि जिले के सोन पहाड़ी और हरदी इलाकों में गोल्ड रिजर्व मिला है। अधिकारी ने सोन पहाड़ी में मिला सोना लगभग 2,943.26 टन और हरदी ब्लॉक में मिला सोना लगभग 646.16 किलोग्राम होने का अनुमान जताया था।
गोल्ड की खोज का परिणाम नहीं था संतोषजनक
श्रीधर ने कहा कि हम किसी भी अयस्क के संसाधन से जुड़ी खोज राज्य इकाइयों के साथ सर्वे करने के बाद साझा करते हैं। जीएसआई, नॉर्दर्न रीजन ने उस क्षेत्र में 1998-99 और 1999-2000 में काम किया था। उसके बाद रिपोर्ट को यूपी डीजीएस के साथ सूचना और आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए साझा किया गया था। गोल्ड के लिए जीएसआई का खोज कार्य संतोषजनक नहीं था और सोनभद्र जिले में बड़े पैमाने पर सोने का संसाधन मिलने जैसा प्रोत्साहित करने वाला नतीजा नहीं निकला था।
160 किलो हो सकता है गोल्ड
खनन अधिकारी के दावे को खारिज करते हुए जीएसआई के महानिदेशक एम श्रीधर ने कहा कि सोनभद्र जिले में खोज के बाद की रिपोर्ट में जीएसआई ने अनुमान जताया था कि जिले के सोन पहाड़ी सब-ब्लॉक एच में 170 मीटर की लंबाई में 52806.25 टन अयस्क का संसाधन हो सकता है। इसमें 3.03 ग्राम प्रति टन का औसत ग्रेड का सोना हो सकता है। यह कुल 52806.25 टन के अयस्क संसाधन से अलग किए जाने पर लगभग 160 किलोग्राम होगा, न कि 3000 टन जैसा मीडिया में खबरें हैं।
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