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LIC की 6-7 फीसदी हिस्सेदारी बेचने से ही सरकार जुटा लेगी 90000 करोड़ रु

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नयी दिल्ली। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में पीएसयू कंपनियों में हिस्सेदारी बेच कर 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। मुख्य आर्थिक सलाहकार के.वी. सुब्रमण्यम ने कहा है कि इसमें से आधी राशि सरकार एयर इंडिया, भारत पेट्रोलियम और कॉनकॉर की बिकवाली जुटा सकती है, जबकि एलआईसी की सिर्फ 6-7 फीसदी हिस्सेदारी बेच कर ही सरकार के पास 90000 करोड़ रुपये की भारी भरकम रकम आ जायेगी। उनका ये बयान ऐसे समय आया है जब मौजूदा राजकोषीय विनिवेश राजस्व लक्ष्य को 40 प्रतिशत कम कर दिया गया है। ऐसे में इतनी बड़ी राशि को पूरा करने पर सवाल उठाए जा रहे थे। बजट 2020 के मुताबिक 2.10 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश के लक्ष्य में से 1.2 लाख करोड़ रुपये आईपीओ, हिस्सेदारी बिकवाली, बायबैक (शेयरों की वापस खरीद), ओएफएस (ऑफर फॉर सेल) से जुटाये जायेंगे। वहीं बाकी 90000 करोड़ रुपये एलआईसी और आईडीबीआई बैंक में हिस्सा बेचने से जुटाये जायेंगे।

एलआईसी के आईपीओ में 10-12 महीनों का समय

एलआईसी के आईपीओ में 10-12 महीनों का समय

सरकार ने एलआईसी की स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग की तैयारी कर ली है। मगर इसके लिए एलआईसी एक्ट में बदलाव किया जायेगा और साथ ही कई अन्य बदलावों की आवश्यकता पड़ेगी। इसके चलते एलआईसी के आईपीओ बाजार में आने में 10-12 महीनों का समय लग सकता है। सरकार ने जो विनिवेश लक्ष्य रखा है उस लक्ष्य को पूरा करने को लेकर भी अनिश्चितता है क्योंकि इनमें से अधिकांश बिकवाली अनुकूल बाजार स्थितियों पर निर्भर करती है। आम तौर पर शेयर बाजार की स्थिति बेहतर होने पर ही आईपीओ या ओएफएस जैसे इश्यू लाये जाते हैं।

'लक्ष्य बड़ा नहीं है'

'लक्ष्य बड़ा नहीं है'

हालांकि मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा है कि लक्ष्य बड़ा नहीं है और इसे समय के अंदर ही हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एलआईसी की 10 प्रतिशत हिस्सेदारी में कुल 2.1 लाख करोड़ के लक्ष्य के लगभग 90,000 करोड़ रु जुटाने की क्षमता है। उनके मुताबिक एलआईसी कानून की संशोधन प्रक्रियाओं में कोई अतिरिक्त समय नहीं लगाना चाहिए। वित्त मंत्रालय ने एलआईसी, बीपीसीएल और एयर इंडिया के साथ 1.05 लाख करोड़ के मौजूदा वित्तीय लक्ष्य को अगले वित्त वर्ष के लिए विनिवेश लक्ष्य को दोगुना कर दिया था।

सबसे बड़ा लक्ष्य

सबसे बड़ा लक्ष्य

2.10 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य अब तक किसी भी एक वित्त वर्ष में पीएसयू कंपनियों में विनिवेश के जरिये पूँजी जुटाने का अब तक का सबसे बड़ा टार्गेट है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि विनिवेश के जरिए जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए किया जाएगा, जिसका अर्थव्यवस्था पर कई तरह से पॉजिटिव असर पड़ेगा होगा और राजस्व घाटे में कमी नहीं होगी।

यह भी पढ़ें - एक और सरकारी कंपनी में बेची जायेगी हिस्सेदारी, जानिये अब किसका नंबर

English summary

Government will raise Rs 90000 crore only by selling 6-7 percent stake of LIC

out of the target of disinvestment of Rs 2.10 lakh crore, Rs 1.2 lakh crore will be raised from IPO, stake sale, buyback (buy back of shares), OFS (Offer for Sale).
Story first published: Sunday, February 16, 2020, 19:50 [IST]
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