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प्याज पर सरकार का बड़ा फैसला, जानिये क्या होगा असर

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नयी दिल्ली। सरकार ने प्याज को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने प्याज के निर्यात से प्रतिबंध हटा लिया है, जिसके बाद कारोबारी विदेशों में प्याज भेज सकेंगे। केंद्र सरकार की तरफ से ये फैसला प्याज की बंपर फसल को देखते हुए लिया गया है। बता दें कि पिछले साल के अंतिम महीनों मे प्याज के दाम तेजी से बढ़े थे, जिसकी वजह थी मंडियों में प्याज की कमी। इसी कमी को देखते हुए सरकार ने प्याज के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। कहीं सूखे और कहीं बाढ़ की वजह से प्याज की फसल खराब हुई थी, जिससे इसकी मंडियों में आपूर्ति प्रभावित हुई। दिसंबर में प्याज के भाव 200 रुपये का आंकड़ा पार कर गये थे। इसके बाद सरकार ने विदेशों से प्याज आयात करने का फैसला लिया, जिससे आपूर्ति बढ़ी और प्याज के दाम नीचे आये।

किसानों को मिलेगा अच्छा दाम

किसानों को मिलेगा अच्छा दाम

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री के मुताबिक प्रतिबंध हटाने से किसानों को अच्छे दाम मिलेंगे, क्योंकि मार्च की फसल पिछले साल की तुलना में 40 फीसदी अधिक 40 लाख टन है। पिछले साल सितंबर में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया था, जब कुछ खुदरा बाजारों में इसकी कीमतें 150 रुपये प्रति किलोग्राम के पार पहुंच गई थीं। सरकार ने कीमतों को कम करने के लिए मिस्र, अफगानिस्तान और तुर्की से प्याज आयात भी किया था।

अब कितने हैं दाम
 

अब कितने हैं दाम

एक अधिकारी के मुताबिक इस समय ज्यादातर खुदरा बाजारों में प्याज की कीमतें घटकर 30-40 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई हैं। मजबूत आवक के साथ, कीमतों में और कमी आ सकती है। निर्यात से किसानों को पारिश्रमिक मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी। केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने ट्वीट करके कहा है कि "देश में प्याज की बम्पर फसल और बाजार में प्याज की स्थिर कीमतों को देखते हुए सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगी रोक को हटाने का फैसला किया है। पिछले साल मार्च महीने में 28.4 लाख टन के मुकाबले, इस साल मार्च में प्याज की पैदावार लगभग 40 लाख टन होने का अनुमान है।"

अधिक प्याज का होगा भंडारण

अधिक प्याज का होगा भंडारण

इस बार के जैसा प्याज संकट को दोबारा आने से रोकने के लिए, केंद्र सरकार ने 2020 में 1 लाख टन के प्याज का बफर स्टॉक बनाने का फैसला किया है। सरकार ने चालू वर्ष के लिए 56,000 टन का बफर स्टॉक बनाया था, लेकिन यह कीमतों को नियंत्रण रखने के लिए पर्याप्त नहीं था। नतीजतन सरकार को एमएमटीसी के माध्यम से प्याज का आयात करना पड़ा। कीमतें तो कम हो गयीं मगर देश में पसंद न किये जाने के कारण आयातित प्याज सड़ा भी है।

 

यह भी पढ़ें - प्याज का बवाल : एक समय था हाहाकार, अब सड़ रहा 7000 टन प्याज

English summary

Government big decision on onion know what will be the effect

Onion prices rose sharply in the last months of last year, due to shortage of onions in the mandis. In view of this shortage, the government banned the import of onions.
Story first published: Thursday, February 27, 2020, 17:57 [IST]
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