Airtel हुई ब्लैकलिस्ट, जानिये क्या है पूरा मामला
नयी दिल्ली। एयरटेल ग्राहकों के लिए एक बड़ी खबर है। विदेश व्यापार महानिदेशालय या डीजीएफटी ने सुनील मित्तल की भारती एयरटेल को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। साथ ही डीजीएफटी ने एयरटेल को Denied Entities List में भी डाल दिया है। डीजीएफटी ने यह कदम सरकार द्वारा शुरू की गयी एक्सपोर्ट प्रमोशन कैपिटल गुड्स (ईपीसीजी) योजना के तहत एयरटेल के अपने निर्यात दायित्वों को पूरा नहीं करने के बाद उठाया है। सीएनबीसी-टीवी18 की रिपोर्ट के मुताबिक डीजीएफटी के अनुसार अलग-अलग स्कीम के तहत निर्यात दायित्वों को पूरा न करने की वजह से Denied Entities List को बनाए रखा जाता है। इस सूची में किसी कंपनी को शामिल किये जाने से उस कंपनी का आयात लाइसेंस रद्द हो जाता है।
एयरटेल ने किया इनकार
हालांकि सीएनबीसी-टीवी18 की रिपोर्ट बताती है कि भारती एयरटेल ने कहा कि उसने अप्रैल 2018 से ऐसा कोई लाइसेंस नहीं लिया है। एयरटेल के मुताबिक किसी कारोबारी गतिविधि की जरूरत न होने की वजह से कंपनी ने ये लाइसेंस नहीं लिया है। कंपनी ने पहले ही अपने पिछले लाइसेंसों को बंद करने के लिए आवेदन कर दिया है, जिन्हें रद्द किया जाना है। बल्कि एयरटेल संबंधित अधिकारियों से इन लाइसेंसों को रद्द करने की मंजूरी के लिए प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही है।
शेयर का हुआ बुरा हाल
इस खबर के कारण आज एयरटेल का शेयर काफी नीचे गिरा। कंपनी का शेयर 23.40 रुपये या 4.55 फीसदी की कमजोरी के साथ 490.90 रुपये के भाव पर बंद हुआ। जबकि एयरटेल के शेयर ने 22 जनवरी को ही 515.30 रुपये का 52 हफ्तों का सबसे ऊँचा भाव छुआ था। एयरटेल को दूरसंचार विभाग से 100 फीसदी एफडीआई मंजूरी मिलने के बाद इसके शेयर में काफी तेजी देखी गयी। इस मंजूरी के बाद एयरटेल एक विदेशी कंपनी बनने की राह पर है।
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