वित्त मंत्री ने की सरकारी बैंकों की खिंचाई, कहा 'ग्राहकों के साथ संपर्क में नहीं'
नयी दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्राहकों के साथ संपर्क कायम रखने में कमी के कारण सरकारी बैंकों की खिंचाई की है। उन्होंने बुधवार को कहा कि अकसर ब्रांच स्तर के अधिकारी ग्राहकों से स्थानीय भाषा में बात नहीं करते और उन्हें सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं देते। उन्होंने ये बातें एक कार्यक्रम में कहीं, जिसमें पब्लिक सेक्टर बैंकों की रिफॉर्म योजना की जानकारी दी गयी। बुधवार को नए सुधार एजेंडे EASE 3.0 को जारी करते हुए सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को प्राइवेट बैंकों के मुकाबले अपनी स्थानीय भाषा का लाभ उठाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि उन्हें देश भर से ग्राहकों की शिकायतें मिली हैं, जो सुधार के लिए EASE 3.0 पेश करने का एक मुख्य कारण है।
क्या है EASE 3.0 का मकसद
EASE 3.0 एक रिफॉर्म एजेंडा प्रोग्राम है, जिसका उद्देश्य सरकारी बैंकों को स्मार्ट और तकनीक से जुड़ी बैंकिंग के लिए तैयार करना है। साथ ही डोरस्टेप ऋण सुविधा के लिए डायल-ए-लोन सुविधा और डिजिटल ब्रांच एक्सपीरियंस जैसे कुछ अन्य कदम भी इस योजना का हिस्सा हैं। इस नये रोडमैप के माध्यम से वित्त मंत्री ने बैंकिंग के भविष्य के डिजिटल होने और डेटा संचालित होने की बात कही। उन्होंने लोन पास करते समय सरकारी बैंकों को क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के आंकड़ों पर अधिक भरोसा करने खिलाफ चेतावनी दी।
'पहले बेहतर थे हालात'
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि जब बैंक शाखा स्तर के कर्मचारी लोगों से उनकी भाषा में बात करते थे तो लोग कंफर्ट रहते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है। आंतरिक इलाकों में शाखाओं को तब समस्या आती है जब वहां के कर्मचारी अपनी स्थानीय भाषा में लोगों की ज़रूरतों को पूरा नहीं कर पाते। वित्त मंत्री का यह बयान क्रेडिट मंदी के बीच आया है, जिसे बैंकरों ने एजेंसियों द्वारा कथित धोखाधड़ी पर काबू पाने के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
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