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वित्त मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस : 105 लाख करोड़ रुपये के इन्फ्रा प्रोजेक्ट सहित कई बड़ी घोषणाएँ

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नयी दिल्ली। मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये कई बड़ी घोषणाएं की हैं। ये वित्त मंत्री की एक हफ्ते से भी कम समय में दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस रही। निर्मला सीतारमण ने इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में 105 लाख करोड़ रुपये की नयी परियोजनाएँ लाने का ऐलान किया। उन्होंने बताया कि पिछले 6 सालों में केंद्र सरकार और राज्यों ने मिल कर 51 लाख करोड़ रुपये खर्च किये और हम 100 लाख करोड़ रुपये और खर्च करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वित्त मंत्री के अनुसार इस समय एनआईपी मैकेनिज्म में केंद्र सरकार और राज्यों की 39-39 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि बाकी 22 फीसदी शेयरहोल्डिंग प्राइवेट सेक्टर का है। उन्होंने 2025 तक प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी 30 फीसदी तक बढ़ाने की उम्मीद जतायी।

वित्त मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस : कई बड़ी घोषणाएँ

42.7 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम चालू
सरकार ने आर्थिक मामलों के लिए एक टास्क फोर्स बनायी थी। वित्त मंत्री ने बताया कि टास्क फोर्स के तहत कई कार्य समूहों ने सुधार संबंधी कई कदम सुझाए हैं, जो वित्तीय क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं को देखेंगे। 42.7 लाख करोड़ रुपये की परियोजानओं पर काम चालू है और कुल इन्फ्रा परियोजनाओं की 63 फीसदी पहले से ही मजबूत स्थिति में हैं। घोषित की गयी 105 लाख करोड़ रुपये की परियोजानएँ बिजली, रेल, रिन्यूएबल, शहरी, सिंचाई गतिशीलता, जल और स्वास्थ्य क्षेत्रों की हैं। सीतारमण ने कहा कि अगले साल Annual Global Investor बैठक आयोजित की जाएगी, जिसका पहला संस्करण 2020 की दूसरी छमाही में आयोजित होगा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस की अन्य महत्वपूर्ण बातें
- हर साल एक वार्षिक पूरक रिपोर्ट भी जारी की जाएगी
- एनआईपी में से पोर्ट और एय़रपोर्ट परियोजनाओं के लिए 2.5 लाख करोड़ रुपये होंगे
- डिजिटल इंफ्रा परियोजनाओं के लिए 3.2 लाख करोड़ रुपये
- सिंचाई, ग्रामीण, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाओं के लिए 16 लाख करोड़ रुपये
- वित्त वर्ष 2019-20 में ही 18.44 करोड़ रुपये की इन्फ्रा परियोजनाएं शुरू की जाएंगी

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English summary

Finance Minister press conference Many announcements including infra project worth Rs 105 lakh crore

According to the Finance Minister, the central government and states currently hold 39-39 per cent stake in the NIP mechanism, while the remaining 22 per cent shareholding is from the private sector. He hoped to increase private sector participation by 30 per cent by 2025.
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