फास्टैग रिकॉर्ड : 1.15 करोड़ FASTags हुए जारी, रोजाना 1 लाख से अधिक बिक रहे
नयी दिल्ली। सरकार के नये इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन यानी FASTags ने सीमित समय में जोरदार रिकॉर्ड बनाया है। सरकार को इसका फायदा होता भी दिख रहा है, क्योंकि इस नये सिस्टम से राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल कलेक्शन में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और सरकार की औसतन प्रतिदिन टोल कलेक्शन कमायी 80 करोड़ रुपये के ऊपर पहुँच गयी है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण या एनएचएआई द्वारा जारी किये गये ताजा आंकड़ों के मुताबिक विभिन्न पॉइंट ऑफ सेल से 1.15 करोड़ फास्टैग जारी किये जा चुके हैं। एनएचएआई के अनुसार रोजाना 1 लाख से अधिक फास्टैग जारी किये जा रहे हैं। एनएचएआई की तरफ से जारी किये गये एक बयान के अनुसार फास्टैग के माध्यम से रोजाना 30 लाख से अधिक ट्रांजेक्शन हो रही हैं, जिससे प्रतिदिन का इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन 52 करोड़ रुपये के ऊपर पहुँच गया है।
क्या है नया सिस्टम या फास्टैग
जानकारी के लिए बता दें कि फास्टैग एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है, जो नेशनल हाईवे टोल प्लाजा पर उपलब्ध है। इस टैग को वाहन की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है जिससे टोल प्लाजा पर मौजूद सेंसर इसे जाँच सकते हैं। आसान शब्दों में कहें तो टोल पर पर्ची कटवाने की जगह ये एक ई-सिस्टम है, जिसे आप पहले से रिचार्ज करवा सकते हैं और टोल भुगतान कर सकते हैं। इससे हाईवे पर फास्टैग लेन से गुजरनी वाली गाड़ी से ऑटोमैटिक ही टोल शुल्क कट जायेगा। इससे आपका टोल प्लाजा पर लगने वाला समय बचेगा। आप फास्टैग डिजिटल माध्यमों से भी रिचार्ज कर सकते हैं।
15 दिसंबर से हुई शुरुआत
एनएचएआई ने 15 दिसंबर से देश भर में 523 टोल प्लाजा पर फास्टैग के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन शुरू किया। फास्टैग से टोल पर होने वाली गड़बड़ी पर रोक लगी है, जिससे टोल कलेक्शन बढ़ा है। फास्टैग के जरिये टोल कलेक्शन में और भी बढ़ोतरी की उम्मीद है, क्योंकि यह इससे रेवेन्यू लीकेज पर पूरी तरह से रोक लगने की उम्मीद है।
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