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डूबती Vodafone Idea को मिला सहारा, इस तरह मिलेंगे 4500 करोड़ रु

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नयी दिल्ली। संकट के दौर से गुजर रही वोडाफोन आइडिया को एक सहारा मिला है। दूरसंचार विभाग ने शुक्रवार को टेलीकॉम टावर कंपनियों भारती इंफ्राटेल और इंडस टावर्स के विलय को मंजूरी दे दी, जो वोडाफोन आइडिया के लिए राहत की खबर है। विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) के लिए दूरसंचार विभाग की मंजूरी दो टावर कंपनियों के विलय के लिए जरूरी थी। इससे वोडाफोन आइडिया अपनी टावर इकाई में हिस्सेदारी बेच कर पैसे जुटा सकेगी। गौरतलब है कि इस समय वोडाफोन आइडियो को अपना बकाया एजीआर (एक यूसेज शुल्क जो टेलीकॉम कंपनियां दूरसंचार विभाग को चुकाती हैं) चुकाने के लिए हजारों करोड़ रुपये की जरूरत है। बकाया न चुकाने पर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। मामले से जुड़े एक व्यक्ति के मुताबिक इंडस-इंफ्राटेल विलय के लिए जरूरी एफडीआई मंजूरी मिल गयी है। वोडाफोन आइडिया के लिए यह बहुत अच्छी खबर है।

दो हफ्ते में हो जायेगा विलय

दो हफ्ते में हो जायेगा विलय

भारती इंफ्राटेल और इंडस टावर्स का विलय दो हफ्तों में हो सकता है। वोडाफोन आइडिया की इंडस टावर्स में 11.15 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसे ये टावर विलय के बाद बेचने की तैयारी में है। इस सौदे से वोडाफोन आइडिया को 4500 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। बता दें कि वोडाफोन आइडिया के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला और शीर्ष सरकारी अधिकारियों के बीच बैठकों की एक श्रृंखला के बाद दूरसंचार विभाग ने इंडस टावर्स और भारती इंफ्राटेल के विलय को हरी झंडी दिखायी है। ज्ञात हो कि वोडाफोन आइडिया पर अब भी करीब 50000 करोड़ रुपये का बकाया एजीआर है। कंपनी ने अभी 3500 करोड़ रुपये ही अदा किये हैं।

सरकारी अधिकारियों से बिड़ला की मुलाकात

सरकारी अधिकारियों से बिड़ला की मुलाकात

बिड़ला बीते मंगलवार को टेलीकॉम कंपनी की बैंक गारंटी को भुनाये जाने पर अपनी चिंता साझा करने के लिए मंगलवार को दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश और फिर बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिले थे। सरकार की तरफ से वोडाफोन आइडिया की बैंक गारंटी न भुनाये जाने के संकेत दिये गये थे। सुप्रीम कोर्ट के एजीआर पर आये फैसले से सबसे अधिक झटका वोडाफोन को ही लगा, जिसकी वित्तीय हालत लगातार कमजोर हो रही है। पिछले साल दिसंबर और उसके बाद भी कंपनी की तरफ से भारत में अपना कारोबार बंद करने तक के संकेत दिये गये हैं।

अप्रैल में हुई थी विलय की घोषणा

अप्रैल में हुई थी विलय की घोषणा

भारती इंफ्राटेल और इंडस टावर्स ने अप्रैल 2018 में विलय का ऐलान किया था, मगर ये कंपनियां दूरसंचार विभाग की मंजूरी के इंतेजार में थीं। भारती इंफ्राटेल और इंडस टावर्स के विलय से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी टावर कंपनी बनेगी। संयुक्त इकाई 163,000 से अधिक टावरों का मालिक होगी, जो चीन टावर के बाद दूसरी सबसे बड़ी कंपनी होगी। भारती एयरटेल, जिसकी वर्तमान में भारती इंफ्राटेल में 53.5% हिस्सेदारी है, विलय की गई इकाई में 33.8-37.2% के बीच हिस्सेदारी की मालिक होगी, जबकि वोडाफोन पीएलसी के पास 26.7-29.4% हिस्सा होगा।

यह भी पढ़ें - बंद हो सकती है वोडाफोन आइडिया, बचा है सिर्फ एक रास्ता

English summary

Drowning Vodafone Idea gets support will get Rs 4500 crore like this

Bharti Infratel and Indus Towers may be merged in two weeks. Vodafone Idea holds 11.15 per cent stake in Indus Towers, which the tower is set to sell after the merger.
Story first published: Saturday, February 22, 2020, 12:58 [IST]
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