कोरोना का कहर : फिल्म इंडस्ट्री के डूब सकते 800 करोड़ रु
कोरोनावायरस की वजह से पूरे बाजार पर काफी असर पड़ रहा है। ऐसे में बॉलीवुड और फ़िल्म इंडस्ट्री भी इससे अछूता नहीं है।
नई दिल्ली: कोरोनावायरस की वजह से पूरे बाजार पर काफी असर पड़ रहा है। ऐसे में बॉलीवुड और फ़िल्म इंडस्ट्री भी इससे अछूता नहीं है। अब फिल्म इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान होने की आशंका है। इससे बचने के लिए राज्य सरकारों ने सिनेमाघरों को बंद करने की घोषणा की है। अब तक 3500 से ज्यादा स्क्रीन्स को बंद कर दिया गया है। हिंदी फ़िल्मों के प्रमुख बेल्ट मुंबई, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, पंजाब और बिहार में थिएटर्स बंद हैं। वहीं, कई फ़िल्मों की रिलीज़ डेट टाल दी गई है। टीवी शोज़ की शूटिंग भी बंद कर दी गई है। इस वायरस के बढ़ते प्रभाव के चलते थिएटर बंद कर दिए गए हैं, शूटिंग्स रोक दी गई हैं, बड़ी फिल्मों की रिलीज को आगे बढ़ा दिया गया है। कोरोना को लेकर ऑनलाइन बीमा प्लान जारी, 499 रु में मिल रहा ये भी पढ़ें
फिल्म इंडस्ट्री के लिए सबसे बुरा समय: भूषण कुमार
बता दें कि इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि वायरस के बॉलीवुड पर पड़ रहे असर की वजह से फिल्म इंडस्ट्री को 300 से 800 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं एक दूसरे जानकार ने कहा कि मौजूदा स्थिति की वजह से इंडस्ट्री को मौजूदा साल की पहली तिमाही में लगभग 350 करोड़ का नुकसान हो सकता है। अन्य लोगों ने कोई आंकड़ा नहीं बताया लेकिन वह इस बात पर सहमत थे कि यह हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के लिए संकट है। इस पर टी सीरीज के हेड भूषण कुमार ने बताया कि यह फिल्म इंडस्ट्री के लिए नहीं, बल्कि सभी लोगों के लिए सबसे बुरा समय है। जहां तक इंडस्ट्री का सवाल है, तो इससे कारोबार पर असर हो रहा है। उनके मुताबिक अभी कोई आंकड़ा सामने रखना जल्दबाजी होगी लेकिन अभी स्थिति सामान्य कब होगी, यह जानकारी नहीं है।
15 अप्रैल तक जारी रह सकती बंद की स्थिति
शुभ मंगल ज्यादा सावधान के निर्माता ने बताया कि खतरा कम होने पर फिल्मों के रिलीज होने के समय में बदलाव होगा। वहीं उन्होंने कहा कि वे अपनी फिल्मों को शिफ्ट करेंगे जिससे पहले रिलीज होने वाली फिल्मों को जगह मिले। वहीं उन्होंनं कहा कि जिस हिसाब से मामले बढ़ रहे हैं, उससे यह बंद की स्थिति 15 अप्रैल तक जारी रह सकती है। वहीं चमेली और हजारों ख्वाहिशें ऐसी जैसी फिल्मों के लिए मशहूर निर्माता सुधीर मिश्रा ने कहा कि उन्होंने अपने 35 साल के फिल्मी करियर में ऐसा पहला संकट देखा है। उन्होंने कहा कि मनोरंजन संवेदनशील कारोबार है क्योंकि लोग समूहों में काम करते हैं और रेवेन्यू आपके काम को देखने आने वाले लोगों पर निर्भर करता है। जो फिल्में रिलीज होने वाली थीं, उन पर असर हुआ है, इसके साथ ही जिन फिल्मों की शूटिंग चल रही है, उन पर भी। यह एक संकट है। बता दें कि प्रोड्यूसर गिल्ड ऑफ इंडिया ने दिहाड़ी मजदूरों के लिए एक रिलीफ फंड तैयार किया है, जिसे मिश्रा, विक्रमगदित्य मोटवाने, अनुराग कश्यप और अनुभव सिन्हा के सुझाव पर शुरू किया गया।
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