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बड़ा फैसला : ये सरकारी कंपनियां चलाएंगे अब निजी क्षेत्र

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नई दिल्ली। देश में आर्थिक दिक्कतों को दूर करने के लिए मोदी सरकार ने फिर कई बड़े लिए हैं। इनमें 5 कंपनियों का विनिवेश और भारी मुश्किल में फंसे कंस्ट्रक्शन और टेलीकॉम सेक्टर में जान डालने की कोशिश की है। सरकार ने तय किया इस बार विनिवेश के तहत कुछ कंपनियों की हिस्सेदारी बेचने के साथ ही उनको चलाने की जिम्मेदारी भी निजी क्षेत्र को दे दी जाएगी। वहीं कांस्ट्रक्शन सेक्टर के लिए लिए गए फैसलों से निजी क्षेत्र के लिए अब और मौके खुल जाएंगे। यह जानकारी वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण कैबिनेट की बैठक के बाद दी है।

बड़ा फैसला : ये सरकारी कंपनियां चलाएंगे अब निजी क्षेत्र

ये हैं विनिवेश होने वाली कंपनियां

मोदी कैबिनेट ने जिन 5 कंपनियों के विनिवेश का फैसला लिया है उनमें से बीपीसीएल का स्ट्रैटेजिक विनिवेश होगा। इसकी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। वहीं कुछ सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी को 51 फीसदी से घटाने को भी मंजूरी मिली है। हालांकि बीपीसीएल के साथ नुमालीगढ़ रिफाइनरी को नहीं बेचा जाएगा।
इसके अलावा एससीआई, कॉनकॉर के विनिवेश की भी मंजूरी दी गई है। कैबिनेट की इस मीटिंग में कुल मिलाकर 7 सरकारी कंपनियों के विनिवेश को मंजूरी दी गई है। जहां कॉनकॉर में 30.8 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी वहीं एससीआई में 53.75 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी। एससीआई के खरीदार को कंपनी का मैनेजमेंट कंट्रोल भी दिया जाएगा।

इंफ्रा, कंस्ट्रक्शन कंपनियों को मिली राहत

सरकार ने कंस्ट्रक्शन और इंफ्रा क्षेत्र की कंपनियों को भी राहत का ऐलान किया है। इंफ्रा टोल सिक्योरिटाइजन के जरिए एनएसएआई अब बड़ी रकम जुटाएगी और टोल ऑपरेट ट्रांसफर (टीओटी) नियमों में ढील देने का भी फैसला लिया गया है।

कंस्ट्रक्शन सेक्टर को राहत

कंस्ट्रक्शन सेक्टर के रिवाइवल के लिए सीसीईए के बड़े फैसलों की बात करें तो अब टीओटी के आधार पर चल रहे हाईवे 1 साल बाद ही मॉनेटाइज हो सकेंगे। पहले इनके लिए 2 साल बाद मॉनेटाइज की शर्त थी। इस फैसले के बाद इस सेक्टर में निजी कंपनियों के लिए निवेश का रास्ता आसान हो जाएगा। टोल कलेक्शन पीरियड 30 साल से घटाकर 15 से लेकर 30 साल कर दिया गया है। नए नियमों के तहत अब कंसेशनर की वैल्यू और पीरियड एनएसएआई का बोर्ड तय करेगा। इसके अलावा अब टोल कलेक्शन रसीद गिरवी रखकर इंफ्रा कंपनियां कर्ज भी ले सकेंगी। इसके अलावा सरकार मध्यस्थता-संबंधी राशि का 75 फीसदी तुरंत कॉन्ट्रैक्टर को दे सकेगी।

टेलीकॉम कंपनियों के लिए बड़ी राहत

कैबिनेट की मीटिंग में टेलीकॉम कंपनियों के लिए भी बड़ी राहत दी गई है। कैबिनेट ने टेलीकॉम कंपनियों के रिवाइवल के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। टेलीकॉम कंपनियों को तुरंत एजीआर रकम चुकाने से राहत मिल गई है। इसके अलावा स्पेक्ट्रम पेमेंट के लिए 2 साल की छूट देने के प्रस्ताव मंजूर किया गया है। वित्तीय वर्ष 21 और 22 के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी पेमेंट को टाल दिया गया है। हालांकि टेलीकॉम कंपनियों को सरकार को इसके लिए बैंक गारंटी देंगी होगी।

दिल्ली को तोहफा

दिल्ली की अवैध कॉलोनियों नियमित करने का प्रस्ताव भी मादी कैबिनेट ने मंजूरी कर लिया है। पीएम मोदी की कॉलोनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात हुई थी, इसके बाद ही उम्मीद थी कि इस संबंध में कुछ फैसला होगा। इस समय दिल्ली में करीब 1728 अवैध कॉलोनियां हैं, जिन्हें इस फैसले से राहत मिल गई है।

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English summary

Cabinet approves disinvestment of 7 companies including bpcl sci and concor

Modi cabinet gave approval to sell to many government companies. Many government companies will now run private sector companies after disinvestment.
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