बजट 2020 : म्यूचुअल फंड निवेशकों को तगड़ा झटका, देना होगा टीडीएस
नयी दिल्ली। इस बार का बजट म्यूचुअल फंड निवेशकों को भी झटका देकर गया है। पिछले कुछ सालों में देश में म्यूचुअल फंड निवेशकों की संख्या में काफी तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है। मगर अब सरकार ने करोड़ों म्यूचअल फंड निवेशकों पर टैक्स का बोझ डालने की तैयारी कर ली है। केंद्रीय बजट 2020 के तहत वित्त मंत्रालय के एक प्रस्ताव के मुताबिक 5,000 रुपये से अधिक की म्यूचुअल फंड आय पर अब 10 फीसदी टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) कटेगा। फाइनेंस बिल 2020 के खंड 80 में शामिल एक प्रस्ताव के अनुसार वित्त मंत्रालय ने मौजूदा आयकर अधिनियम के 194जे से नीचे एक नया खंड 194के शामिल करने का प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत म्यूचुअल फंड से प्राप्त आय पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा। यानी अगर एक साल में म्यूचुअल फंड में 1 लाख रुपये के निवेश से आपको 10000 रुपये की आय हो तो इसमें से 5000 रुपये की आय टैक्स फ्री रहेगी, जबकि 5000 रुपये पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा।
कंपनी ही काटेगी टीडीएस
10 फीसदी टीडीएस म्यूचुअल फंड कंपनी ही आपकी आय में से काट लेगी। यदि 5000 रुपये के ऊपर आपकी अतिरिक्त म्यूचुअल फंड आय 5000 रुपये है तो म्यूचुअल फंड कंपनी उस 5000 रुपये में से 10 टीडीएस यानी 500 रुपये काट कर आपको 4500 रुपये देगी। अभी तक 1 लाख रुपये से अधिक की म्यूचुअल फंड आय पर ही टीडीएस कटता था। वो भी भारत के घरेलू निवासियों नहीं बल्कि सिर्फ एनआरआई निवेशकों और गैर-भारतीय निवेशकों को ही टीडीएस देना पड़ता था। सरकार के नये प्रस्ताव को छोटे म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है।
म्यूचुअल फंड निवेशक होंगे निराश
सरकार के नये प्रस्ताव से म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों को निराशा हाथ लगेगी। निवेशकों को उम्मीद थी कि इक्विटी म्यूचुअल फंडों पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन यानी एलटीसीजी को समाप्त किया जायेगा। बाजार जानकारों को भी उम्मीद थी कि एलटीसीजी को खत्म किया जा सकता है। मगर ऐसा नहीं हुआ। उल्टे सरकार ने लाभांश वितरण टैक्स का बोझ कंपनियों से हटा कर अब निवेशकों पर डाल दिया।
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