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वेतन ज्यादा है तो लगेगा झटका, जानिए बजट के ये सीक्रेट प्रस्ताव

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नयी दिल्ली। बजट 2020 में टैक्स के संबंध में कई बड़े उलटफेर किये गये हैं। नये टैक्स स्लैब के बीच नये टैक्स सिस्टम को समझने में करदाताओं को उलझन भी हो रही है। वहीं बजट में ऐसे कई सीक्रेट प्रस्ताव भी हैं जो एक-एक करके सामने आ रहे हैं। सरकार का दावा है कि नया टैक्स सिस्टम पूरी कर व्यवस्था को आसान बनाने के लिए है, मगर जैस-जैसे बजट में टैक्स के नये प्रस्ताव सामने आ रहे हैं सरकार का यह दावा एक दम उलटा लग रहा है। सबसे बड़ी चीज कि नये टैक्स सिस्टम में टैक्स रेट में छूट दी गयी है, मगर उसके लिए आपको कई तरह की छूटों से हाथ धोना पड़ेगा। नये प्रस्तावों में एक नया नियम आपको भी झटका दे सकता है। दरअसल कई टैक्स सेविंग योजनाओं में आप जितना चाहे उतना निवेश नहीं कर कर सकेंगे, बल्कि इनमें निवेश की अधिकतम सीमा तय कर दी गयी है। वहीं अब टैक्स बेनिफिट वाली तीन योजनाएँ, जिनमें ईपीएफ, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) और रिटायरमेंट फंड शामिल हैं, को अब टैक्स के दायरे लाया जा सकता है। इनमें निवेश की अधिकतम सीमा 7.5 लाख रुपये तय कर दी गई है। वैसे इसका असर सिर्फ उच्च सैलेरी वालों पर ही पड़ेगा।

7.5 लाख रुपये से अधिक निवेश पर टैक्स

7.5 लाख रुपये से अधिक निवेश पर टैक्स

अगले साल यानी 2021 में 1 अप्रैल से एनपीएस, रिटायरमेंट फंड और प्रविडेंट फंड में मिला कर एक साल में कुल निवेश की अधिकतम सीमा 7.5 लाख रुपये होगी। इससे ज्यादा निवेश की गयी राशि पर टैक्स लगेगा। साथ ही अब पिछले साल कमाये गये ब्याज और लाभांश पर भी टैक्स लगेगा। 7.5 लाख रुपये के अधिकतम निवेश वाले नियम को ऐसे समझें यदि आप पीएफ में 3.60 लाख रुपये, एनपीएस में 3 लाख रुपये और रिटायरमेंट फंड में 1.50 लाख रुपये का निवेश करते हैं। आपका कुल निवेश हुआ 8.10 लाख रुपये का। 7.5 लाख रुपये से ऊपर की राशि 60000 रुपये पर आपको टैक्स देना होगा।

अभी तक नहीं था कोई टैक्स

अभी तक नहीं था कोई टैक्स

अभी तक इन योजनाओं में निवेश की कोई अधिकतम सीमा तय नहीं थी और पीएफ या एनपीएस में निवेश भी टैक्स फ्री था। बता दें कि एम्प्लोयर को कर्मचारी के ईपीएफ में बेसिक सैलरी का 12 फीसदी और कर्मचारियों को एनपीएस में 10 फीसदी का योगदान करना होता है। इसी में टैक्स छूट का फायदा मिलता है। वैसे आपको बता दें कि जिन लोगों की सैलरी कम होगी उन पर नये प्रस्ताव का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। अधिक सैलेरी वालों का पैकेज ही इस तरह बनाया जाता है कि इन तीनों योजनाओं में उनकी सैलेरी का बड़ा हिस्सा डाला जा सके और कोई टैक्स न लगे। मगर अब यह बदलने वाला है।

60 लाख से ज्यादा सालाना वेतन वाले होंगे प्रभावित

60 लाख से ज्यादा सालाना वेतन वाले होंगे प्रभावित

इन प्रस्तावित बदलावों पर राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने कहा कि बजट में एम्प्लोयर द्वारा ईपीएफ, एनपीएस और रियाटर फंड में सालाना 7.5 लाख रुपये तक टैक्स फ्री निवेश को सीमित करने से केवल वहीं लोग प्रभावित होंगे, जिनकी वार्षिक इनकम 60 लाख रुपये से अधिक है। सरकार की तरफ से सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि दूसरे देशों में भी ऐसी व्यवस्था है।

यह भी पढ़ें - बजट 2020 : नये टैक्स सिस्टम से खत्म हो जायेंगी 70 छूट

English summary

If salary is higher then it will be a shock know this secret proposal of the budget

From April 1 in the next year i.e. 2021, the maximum limit for total investment in a year by joining NPS, Retirement Fund and Provident Fund will be Rs 7.5 lakh. The amount invested more than this will be taxed.
Story first published: Tuesday, February 4, 2020, 14:22 [IST]
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