गाड़ी खरीदने का है विचार तो जान लीजिए नये नियम, 1 अप्रैल से होंगे लागू
नयी दिल्ली। अगर आप बाइक या कार खरीदने की योजना बना रहे हैं तो ये खबर आपके काम की है। वाहनों की बिक्री से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट का एक महत्वपूर्ण फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने एसोसिएशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स की उस याचिका को रद्द कर दिया है जिसमें उन्होंने भारत स्टेज-4 (बीएस-4) तकनीक वाले वाहनों की बिक्री के लिए तय गयी डेडलाइन को एक महीने बढ़ाने की मांग की थी। डीलरों की मांग थी कि उन्हें अपना बीएस-4 स्टॉक निपटाने के लिए एक और महीना दिया जाये। शीर्ष अदालत ने 24 अक्टूबर 2018 को कहा था कि 1 अप्रैल 2020 से भारत में कोई भी बीएस-4 वाहन बेचा या रजिस्टर नहीं किया जाएगा। बीएस उत्सर्जन मानदंड सरकार द्वारा मोटर वाहनों से वायु प्रदूषकों के उत्पादन को विनियमित करने के लिए लगाए गए मानक हैं। अप्रैल 2017 से देश भर में बीएस-IV मानदंड लागू किए गए हैं, जो अब बदलने जा रहे हैं।
बीएस-5 छोड़ दिया गया
अगर आपकी योजना आने वाले महीनों में कोई मोटरसाइकिल खरीदने की है तो ध्यान दें कि वो बीएस-6 ही हो। एक खास बात और बता दें कि 2016 में केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि भारत बीएस-5 मानदंडों को पूरी तरह से छोड़ देगा और 2020 तक बीएस-6 मानदंडों को अपनाएगा। जस्टिस अरुण मिश्रा और दीपक गुप्ता की पीठ के समक्ष बीते शुक्रवार को सुनवाई के लिए एसोसिएशन की ओर से याचिका दायर की गई, जिसमें स्पष्ट किया गया कि शीर्ष अदालत एक दिन के लिए भी समय सीमा नहीं बढ़ाएगी।
मिल सकती है बड़ी छूट
वैसे ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला एक टेंशन है। मगर नये ग्राहकों को इससे फायदा मिल सकता है। वाहन इंडस्ट्री के जानकार कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से वाहन कंपनियों को अपनी बीएस-4 गाड़ियों को निपटाना होगा। उन पर इन गाड़ियों को 31 मार्च से पहले बेचने का दबाव भी होगा। ऐसे वाहन कंपनियों की तरफ से पुरानी यानी बीएस-4 गाड़ियों पर बड़ी छूट दिये जाने की संभावना है। लेकिन यह भी जान लीजिए की नयी बीएस-6 तकनीक वाली गाड़ियां महंगी मिलेंगी। इनके दाम 12 फीसदी तक अधिक होंगे।
क्या कहा वाहन एसोसिएशन ने
वाहन एसोसिएशन की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में मंदी है। हमें एक और महीने का समय दिया जाना चाहिए। कृपया स्टॉक क्लियर करने के लिए हमें बीएस-4 वाहन बेचने की अनुमति दें। मगर पीठ ने एसोसिएशन द्वारा दायर आवेदन में की गई याचिका का जिक्र करते हुए कहा कि यह आदेश शीर्ष अदालत ने डेढ़ साल पहले दिया था। आपको उसके बाद बीएस-4 वाहनों का उत्पादन नहीं करना चाहिए था। इस एप्लिकेशन को दाखिल करने के बाद भी आपने इन वाहनों का उत्पादन किया है।
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