लगातार चौथे महीने कोर सेक्टर का उत्पादन 15% घटा
कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू होने के पहले से देश की अर्थव्यवस्था में आ रही गिरावट का सिलसिला जून में भी जारी रहा है। 8 बुनियादी ढांचे के आंकड़े शुक्रवार को सरकार द्वारा जारी कर दिए गए हैं।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू होने के पहले से देश की अर्थव्यवस्था में आ रही गिरावट का सिलसिला जून में भी जारी रहा है। 8 बुनियादी ढांचे के आंकड़े शुक्रवार को सरकार द्वारा जारी कर दिए गए हैं। जून का महीना लगातार चौथा महीना रहा, जब इन 8 बुनियादी ढांचे के ग्रोथ में गिरावट आई है। साल-दर-साल के आधार पर इसमें 15 फीसदी की गिरावट रही। बता दें कि केवल उर्वरक उत्पादन में जून के दौरान तेजी देखने को मिली है। हालांकि, मई की तुलना में यह गिरावट कम रही है। इंडस्ट्री डिपार्टमेंट द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़े से पता चलता है कि जून में कोर सेक्टर ग्रोथ 15 फीसदी कम रहा है। मालूम हो कि मई में यह 22 फीसदी पर था। Paytm : अब ऐसे पता करें आपको Loan मिलेगा या नहीं, मिनटों में होगा काम ये भी पढ़ें
सबसे ज्यादा गिरावट स्टील सेक्टर (-33.8%), कोल सेक्टर (-15.5%), इलेक्ट्रिसिटी (-11%) और नैचुरल गैस (-12%) में रही है। उर्वरक उत्पादकता में 4.2 फीसदी की तेजी आई है। हालांकि, मई की तुलना में यह भी कम है। मई में यह आंकड़ा 7.5 फीसदी था। कन्ट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स (सीजीए) द्वारा अलग से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमही में केंद्र सरकार वित्तीय ने घाटे का 83.2 फीसदी खर्च किया है। पिछले साल की सामान अवधि में यह 61.4 फीसदी था।
लॉकडाउन का असर रिकवरी पर भारी
बता दें कि पिछले बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा था कि भारत की इकोनॉमिक रिकवरी पर फ्रिक्वेंसी इंडिकेटर्स भारी पड़ रहे हैं। आईएमएफ का कहना है कि लॉकडाउन का असर इतना ज्यादा है कि इससे उबरने की स्थिति उतनी साकारात्मक नहीं दिखाई दे रही है। आईएमएफ ने सरकार से कहा है कि वो जल्द से जल्द कोरोना वायरस महामारी को नियंत्रित करने पर दे और इसे ही सबसे ज्यादा वरीयता दे ताकि आर्थिक स्थिति बेहतर हो।
4.5 फीसदी चालू वित्त वर्ष में लुढ़केगी जीडीपी
आईएमएफ ने हालिया अनुमान में कहा है कि वित्त वर्ष 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 4.5 फीसदी की गिरावट आएगी। जबकि, गोल्डमैन सैक्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि जून तिमाही व्यापारिक गतिविधियों के लिए सबसे बुरी तिमाही साबित होगी। गोल्डमैन सैक्स ने यह अनुमान देश में करीब दो महीने तक लॉकडाउन लगाए जाने की वजह से लगाया है।