म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम में निवेश के 5 बड़े फायदे, यहाँ जाने
नयी दिल्ली। ऐसे बहुत से लोग हो सकते हैं जो इक्विटी में पैसा लगाना चाहते हैं, मगर जानकारी की कमी या भ्रांतियों के चलते वे अपने कदम आगे बढ़ाने से हिचकते हैं। यह सही भी है कि इक्विटी में निवेश करते समय निवेशकों के पास जरूरी ज्ञान, विशेषज्ञता और मार्गदर्शन की कमी महसूस हो। ऐसे लोगों के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश सबसे बेहतर विकल्प है। इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं को एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के योग्य और अनुभवी फंड मैनेजर संभालते हैं। ये वे अनुभवी मैनेजर होते हैं, जो इक्विटी निवेश में विशेषज्ञ हों। ऐसे में आपकी निवेश पूँजी के लिए जोखिम बेहद कम हो जाता है। इक्विटी म्यूचुअल फंड उन निवेशकों के लिए भी शानदार विकप्लप है, जिनकी लंबे समय में अपनी पूँजी बढ़ाने की योजना है। निवेशक अपने उद्देश्य को सामने रख कर निवेश करने के लिए सबसे बेहतर स्कीम चुन सकते हैं। आपको बता दें कि इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं में फंड मैनेजर शेयरों के बाजार पूंजीकरण की अलग-अलग श्रेणियों में पैसा लगाते हैं, जिनमें स्मॉल, मिड, लार्ज और कभी-कभी इन सभी में मिला कर, जिसे आमतौर पर मल्टीकैप फंड कहा जाता है, शामिल हैं। तो आइये जानते हैं इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं के 5 बड़े फायदों के बारे में।
पेशेवर मैनेजमेंट और पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन
आपको किसी भी ऐसे काम के लिए विशेषज्ञता की जरूरत होती है, जो आप खुद नहीं कर सकते या जिस चीज की आपके पास जानकारी बेहद कम है। इसी तरीके से आपको निवेश के लिए भी सलाह और विशेषज्ञ की जरूरत होगी। एसेट मैनेजमेंट कंपनी योजनाओं के लिए निवेश के उद्देश्य तय करती हैं और इक्विटी में आपके पैसे का निवेश करने के लिए अनुभवी और विशेषज्ञ पेशेवरों को नियुक्त करती हैं। फंड मैनेजर उन कंपनियों के बारे में अच्छी तरह रिसर्च करते हैं, जिनमें वे आपका पैसा निवेश करते हैं। इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करने पर आपको विभिन्न शेयरों का एक्सपोजर मिलता है। 500 रुपये की छोटी निवेश राशि पर भी म्यूचुअल फंड स्कीम में आपको एक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाने की सुविधा मिलती है।
लिक्विडिटी और नियमित निवेश
इक्विटी योजनाएँ लिक्विड होती हैं, यानी आप किसी भी समय अपनी निवेश राशि निकाल सकते हैं। इसका मतलब है कि आप अपने निवेश को जरूरत के समय या खरीदारी के समय नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) से अधिक एनएएवी पर रिडीम कर सकते हैं। साथ ही इसमें आपको बाजार में गिरावट के दौरान सस्ती एनएवी पर इकाइयां खरीदने के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं में अधिक निवेश करने की छूट मिलती है। इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं में आपको एसआईपी के जरिये नियमित समय पर छोटी रकम का निवेश करने की सुविधा भी मिलती है। एसआईपी के जरिये इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश करना आसान हो जाता है। इससे निवेश की नियमित आदत भी बनती है, जिसका फायदा आपको लंबी अवधि में मिलता है।
टैक्स बेनेफिट भी है यहाँ
इक्विटी म्यूचुअल फंड का एक बड़ा लाभ है टैक्स बेनेफिट। अगर इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश की अवधि एक वर्ष से अधिक है, तो पूंजीगत लाभ को टैक्स लायबिलिटी से छूट मिल जाती है। केंद्र सरकार भी आयकर अधिनियम 1961 की इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईलएसएस) यू/एस 80सी के तहत टैक्स छूट देती है। आप ईएलएसएस में निवेश करके टैक्स लायबिलिटी को कम करने के लिए कर योग्य आय में से 1,50,000 रुपये तक घटा सकते हैं।
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