जीडीपी का झमेला : किसी का अनुमान नहीं निकल रहा सही
नई दिल्ली। भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) कितना रहेगा, यह दुनियाभर के लिए पहेली बन गया है। कल तो जो लोग बड़ी बड़ी बातें कर रहे थे, वह उसे घटाने में लग गए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) सहित दुनिया भर की रेटिंग एजेंसियां देशों की जीडीपी का अनुमान जारी करती रहती हैं। लेकिन इस बार किसी का भी अनुमान फिट नहीं बैठ रहा है। कल यानी गुरुवार को ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी चालू वित्तीय वर्ष के लिए भारत का जीडीपी ग्रोथ अनुमान घटा दिया है। मूडीज ने अब इसे 6.2 फीसदी से घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया है।
आखिर क्या हैं कारण
भारत की जीडीपी ग्रोथ पर दुनियाभर की नजर में रहती है। यही कारण है कि सभी ग्लोबल रेटिंग एजेंसियां भारत की जीडीपी ग्रोथ को लेकर अपने अनुमान जारी करती हैं। मूडीज ने पिछली तिमाही में 6.2 फीसदी का जीडीपी ग्रोथ का अनुमान जताया था। लेकिन भारत की पहली तिमाही की जीडीपी की ग्रोथ घटकर 5 फीसदी पर ही आ गई। इसके बाद मूडीज ने अब जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया है। मूडीज ने इसका कारण अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन बताया है। हालांकि यह अचानक नहीं आया है, लेकिन अब इसी आधार पर जीडीपी गोथ का अनुमान घटाया गया है।
जानिए किसका क्या अनुमान
चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी को लेकर आरबीआई से लेकर तमाम रेटिंग एजेंसियों ने अपने अनुमान जारी किए थे। लेकिन भारत के जीडीपी के पहली तिमाही के आंकड़े जैसे ही 5 फीसदी के आए, तो सभी ने अपने जीडीपी के अनुमान को घटा दिया है।
आरबीआई ने पहले कहा था कि 6.8 फीसदी रहेगी भारत की जीडीपी, लेकिन अब उसने इसे घटा कर 6.1 फीसदी कर दिया है।
मूडीज ने पहले भारती की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.2 फीसदी का जताया था, जिसे घटाकर अब 5.8 फीसदी कर दिया गया है।
इंडिया रेटिंग ने पहले भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.7 फीसदी का जताया था, जिसे घटाकर अब 6.1 फीसदी कर दिया है।
एडीबी ने पहले भारत की जीडीपी की ग्रोथ का अनुमान 7.2 फीसदी का जताया था, जिसे अब घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया गया है।
वहीं ओईसीडी ने पहले भारत की जीडीपी की ग्रोथ का अनुमान 7.2 फीसदी का जताया था, जिसे अब घटाकर 5.9 फीसदी कर दिया गया है।
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