हाउडी मोदी : अमेरिका से बड़ी डील के मिले संकेत
ह्यूस्टन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को एक आकर्षक निवेश की जगह के रूप में पेश किया और कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका में 'आर्थिक चमत्कार' देखने को मिला है और वह राष्ट्रपति के साथ बैठकर कुछ समझौतों पर काम करेंगे। हाउडी मोदी कार्यक्रम में बोलते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है, अगर वह केंद्रित रहे। उन्होंने कहा कि देश बुनियादी ढांचे और निर्यात पर ध्यान केंद्रित करेगा और 'लोगों के अनुकूल, निवेश के अनुकूल माहौल' बनाएगा।
बुनियादी ढांचे पर खर्च करेंगे 1.3 ट्रिलियान डॉलर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हम बुनियादी ढांचे पर 1.3 ट्रिलियन डॉलर खर्च करने का लक्ष्य रखते हैं। पिछले पांच वर्षों में, भारत की विकास दर 7.5 प्रतिशत रही है, जिसे अतीत में कोई भी सरकार हासिल करने में कामयाब नहीं हुई।" उन्होंने कहा, "पहली बार, मुद्रास्फीति कम है, राजकोषीय घाटा कम है। हम एक प्रमुख एफडीआई स्थल हैं।"
ट्रंप ने किया चमत्कार
प्रधानमंत्री ने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप ने एक आर्थिक चमत्कार किया है, और यह 'सोने पे सुहागा' (भारत के लिए फायदेमंद) होगा। मैं राष्ट्रपति ट्रंप के साथ बैठूंगा, और हम कुछ सकारात्मक परिणाम की उम्मीद कर रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप ने मुझे एक उम्दा वार्ताकार कहते हैं। लेकिन वे खुद डील करने करने की कला में माहिर हैं। और मैं खुद उनसे बहुत कुछ सीख रहा हूं।"
रक्षा सौदों की उम्मीद
वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और भारत एक 'मजबूत रक्षा साझेदारी' स्थापित कर रहे हैं और दोनों पक्ष जल्द ही नए रक्षा सौदों को अंतिम रूप देने के लिए तैयार हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, "पिछले एक दशक में भारत में अमेरिकी रक्षा बिक्री 18 अरब डॉलर तक पहुंच गई है।" उन्होंने कहा, "हम जल्द ही कई नए रक्षा सौदों को पूरा करना चाहते हैं। इनमें से कईयों पर काम चल रहा है।"
आंतरिक्ष कार्यक्रम में बढ़ेगा सहयोग
ट्रंप ने कहा, "हम अमेरिकी अंतरिक्ष बल का निर्माण कर रहे हैं और अंतरिक्ष सहयोग में हाथ मिलाने के लिए भारत के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। नवंबर में भारत और अमेरिका हमारे रक्षा समझौते की प्रगति का प्रदर्शन करेंगे, जिसके तहत सैन्य अभ्यास 'टाइगर ट्रायंफ' आयोजित किया जाएगा। यह बहुत अच्छा नाम है। बहुत अच्छा नाम।" उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष अपने राष्ट्रों को 'पहले से कहीं अधिक समृद्ध बनाने' के लिए काम कर रहे हैं।
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