एसबीआई होम लोन पर देने जा रहा ये बड़ी सुविधा, जानिए प्लानिंग
एसबीआई अपने ग्राहकों को होम लोन पर बड़ी सुविधा देने जा रहा है।
नई दिल्ली: एसबीआई अपने ग्राहकों को होम लोन पर बड़ी सुविधा देने जा रहा है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) एक ऐसा लॉन्ग टर्म होम लोन प्रॉडक्ट लाना चाहता है, जो शुरुआत में फिक्स्ड इंट्रेस्ट रेट वाला हो और बाद में फ्लोटिंग इंट्रेस्ट रेट्स में कन्वर्ट हो जाए। इस बात के लिए बैंक आरबीआई से स्पष्टता की मांग करेगा। इस बात की जानकारी एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कही है। रिजर्व बैंक ने बैंकों को सभी रिटेल लोन फ्लोटिंग रेट्स पर शिफ्ट करने का आदेश दिया है। फ्लोटिंग रेट्स एक्सटर्नल बेंचमार्क्स जैसे रेपो रेट के जरिए तय होंगे। इस बैंक के ग्राहक निकाल सकते हैं जमा से ज्यादा पैसा, ये है तरीका ये भी पढ़ें
बैंक कर सकता फिक्स्ड-फ्लोटिंग प्रॉडक्ट की पेशकश
चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि इस बारे में स्पष्टता की कमी है कि बैंक फिक्स्ड रेट वाले लोन प्रॉडक्ट को फ्लोटिंग रेट्स पर कैसे शिफ्ट कर सकते हैं। वहीं रेपो रेट के उतार-चढ़ाव के बारे में संकेत देते हुए एसबीआई चेयरमैन ने कहा कि कुछ घर खरीदार अपने लोन रेट्स फिक्स्ड रखना चाह सकते हैं। ऐसे खरीदारों के लिए बैंक फिक्स्ड-फ्लोटिंग प्रॉडक्ट की पेशकश कर सकता है। जहां ब्याज दर शुरुआती 5 या 10 सालों के लिए फिक्स्ड रहे और उसके बाद फ्लोटिंग हो जाए।
बैंक में नहीं है फिक्स्ड रेट होम लोन प्रॉडक्ट
बता दें कि रेपो रेट वह रेट है, जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। इस वक्त रेपो रेट 9 साल के निचले स्तर 5.40 फीसदी पर आ गई है। उन्होंने कहा आम तौर पर अब बैंक अधिकतम 30 साल अवधि वाले होम लोन की पेशकश कर रहे हैं। हालांकि कुछ प्राइवेट बैंक कर्जदार की उम्र के आधार पर 35 साल के लिए होम लोन की पेशकश कर रहे हैं। संपत्ति प्रबंधन नजरिए से देखें तो 30 साल जैसी लंबी अवधि के लिए निश्चित ब्याज दर पर प्रॉडक्ट की पेशकश करना कठिन है। जानकारी दें कि एसबीआई में फ्लोटिंग रेट होम लोन प्रॉडक्ट मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट्स (एमसीएलआर) से लिंक्ड है। इसके अलावा बैंक ने हाल ही में रेपो रेट से लिंक्ड होम लोन प्रॉडक्ट की भी पेशकश की है। बैंक में कोई भी फिक्स्ड रेट होम लोन प्रॉडक्ट नहीं है।
सबसे मई से रेपो रेट से जुड़े कर्ज और जमा की पेशकश शुरू
जानकारी दें कि अभी एमसीएलआर के तहत फ्लोटिंग रेट्स लोन, ब्याज दर के उतार-चढ़ाव के हिसाब से रीसेट होते हैं। लेकिन फिक्स्ड रेट लोन 9-12 माह में रीसेट होते हैं। लोन के रेपो रेट से लिंक्ड होने पर उनकी ब्याज दरें, रेपो रेट में आरबीआई द्वारा की गई कटौती-बढ़ोत्तरी के आधार पर तेजी से बदलेंगी। एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक्ड लेंडिंग रेट्स पर रिटेल लोन शिफ्ट करने के आरबीआई के निर्देश के बारे में कुमार ने कहा कि एसबीआई का इस मामले में कोई ज्यादा मसला नहीं है। सबसे पहले हमने मई से रेपो रेट से जुड़े कर्ज और जमा की पेशकश शुरू की। उसके बाद अब कई प्रॉडक्ट एक्सटर्नल बेंचमार्क से जुड़े हैं।