राहत पैकेज से शेयर बाजार में आ सकती है तूफानी तेजी, संभल कर रहें
केंद्र सरकार ने घरेलू और विदेशी निवेशकों को बड़ी राहत दी है।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने घरेलू और विदेशी निवेशकों को बड़ी राहत दी है। बीते कल को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये इस बात से अवगत कराया है कि सरकार ने फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स यानी एफपीआई के तौर पर पैसा लगाने वाले विदेशी निवेशकों से सरचार्ज को हटा लिया है। इस तरह हम ये कह सकते हैं कि इस राहत पैकेज से शेयर बाजार में तेजी आ सकती है। ऐसे में निवेशकों को संभल कर निवेश करने की आवश्यकता है। अन्यथा जल्दबाजी में निवेश करने से हानी की संभावना बढ़ सकती है। अच्छी खबर: जल्द सस्ता होगा होम-ऑटो लोन ये भी पढ़ें
शेयर बाजार और बॉन्ड मार्केट से निवेशक पैसे निकाल रहे
वहीं कुछ टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरचार्ज लगने के बाद विदेशी निवेशकों के लिए भारत में निवेश करना उतना फायदेमंद नहीं रह गया था। इस कारण निवेशक लगातार अपना पैसा शेयर बाजार और बॉन्ड मार्केट से निकाल रहे हैं। आपको ये भी बता दें कि सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर लगने वाले सरचार्ज को भी ख़त्म कर दिया है। हालांकि, सरचार्ज वापस लेने का फैसला बड़ी राहत वाला हो सकता है, क्योंकि एफपीआई ने वित्त मंत्री से हुई बैठक में साफ कहा था कि अगर सरचार्ज वापस नहीं होगा तो निवेश कर पाना मुश्किल है। आपको बता दें कि 5 जुलाई को बजट पेश होने के बाद से लेकर 22 अगस्त तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में करीब 27525 करोड़ रुपये की बिकवाली की है।
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शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड्स में पैसा लगाने वालों के लिए बड़ी राहत
एसकोर्ट सिक्योरिटी के रिसर्च हेड आसिफ इकबाल ने इस बात की जानकारी दी हैं कि ये फैसला शेयर बाजार के लिए बड़ा राहत वाला है। इसके साथ ही, विदेशी निवेश बढ़ने से रुपये को भी सहारा मिलेगा, क्योंकि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 72 को पार कर चुका है। अगर बाजार में रिकवरी आती है तो म्यूचुअल फंड की इक्विटी कैटेगिरी के निवेशकों पर भी इसका असर होगा।
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हाल में बजट पेशी के दौरान हुआ था फैसला
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में अति समृद्ध लोगों पर सरचार्ज बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। बजट की घोषणाओं के अनुसार, दो करोड़ रुपये से पांच करोड़ रुपये के बीच आय वाले व्यक्तियों पर सरचार्ज 15 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया गया। वहीं, पांच करोड़ रुपये या उससे अधिक की सालाना आय प्राप्त करने वाले व्यक्तियों पर सरचार्ज 15 फीसदी से बढ़ाकर 37 फीसदी कर दिया गया है। सरचार्ज में की गई वृद्धि के बाद दो करोड़ रुपये से पांच करोड़ रुपये के बीच आय वाले व्यक्तियों को 39 फीसदी और और पांच करोड़ रुपये और उससे अधिक आय वाले व्यक्तियों को 42.7 फीसदी कर चुकाना होगा। ज्यादातर एफपीआई सालाना पांच करोड़ रुपये से अधिक की आय अर्जित करते हैं। इस प्रकार वे सबसे ज्यादा कर के दायरे में आएंगे।
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