मंदी से बचने के लिए सबको याद आ रहा गोल्ड, जानिए क्यों
लगातार सोने की कीमतों में इजाफा देखने को मिल रहा है। उसके बाद भी लोगों की चाहत सोने के प्रति कम होने का नाम नहीं ले रही है।
नई दिल्ली: लगातार सोने की कीमतों में इजाफा देखने को मिल रहा है। उसके बाद भी लोगों की चाहत सोने के प्रति कम होने का नाम नहीं ले रही है। या यूं कहें कि सोने की इच्छा मानव जाति की सबसे सार्वभौमिक और गहरी जड़ वाली व्यावसायिक प्रवृत्ति है। खासकर बात करें अनिश्चितता के समय की तो, यह चाहत और भी अधिक स्पष्ट हो जाती है। सोने की कीमतों ने अपने उत्थान को जारी रखा है। लगातार सोने की कीमतों में बढ़ोतरी साफ देखने को मिल रही है। बता दें कि वहीं अगर इस वर्ष की बात करें तो अब तक 18% की वृद्धि हुई है, क्योंकि मंदी की खतरा बड़ी है। सस्ता हुआ सोना और चांदी, जानें क्या है आज की कीमत ये भी पढ़ें
फंड मैनेजरों के हाल ही के सर्वेक्षण में बैंक ऑफ अमेरिका के जानकार का कहना हैं कि अगले 12 महीनों में वैश्विक मंदी की उम्मीद 2011 के अनुपात ज्यादा है। या यू कहें कि उच्चतम स्तर पर है। पिछले हफ्ते, यूएस में आर्थिक उठा पटक के बाद पीली धातु में चमक ज्यादा देखने को मिल रही है। कह सकते हैं कि इस तरह और भी ज्यादा चमकने की संभावना है।
वहीं कुछ जानकारों का कहना हैं कि "अमेरिकी उपज वक्र एक प्रमुख कारक है जो सोने की कीमतों में तेजी को बढ़ाता है। यह कुछ वैसा ही है जैसा हमने 2008-09 के दौरान देखा थी। वर्तमान में, अमेरिकी उपज वक्र उलटा है और केंद्रीय बैंकों द्वारा अधिक सहजता से सोने को आकर्षक पदाथ बनाया जाएगा। बता दें कि वैश्विक उठा पटक एक तरह से मंदी के संकेत के रूप में देखा जाता है, जिसका अर्थ है कि सोने के लिए एक तरह से मांग में वृद्धि होने की उम्मीद है।
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक बहस का मुद्दा है। फिर भी, सोने के बाजार पर एक नजर डालने से पता चलता है कि व्यापारी कीमती धातु की शरण ले रहे हैं। हाल के हफ्तों में हमने वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतों में जो तेजी देखी है, उसके बावजूद सोने के प्रति धारणा सकारात्मक बनी हुई है।
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