अब फर्जी बिल बना कर टैक्स छूट लेने वालों की खैर नहीं, बदले नियम
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने दूसरे कार्यकाल का अभी 1 महीना भी पूरा नहीं हुआ है कि टैक्स चोरों और भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसने के लिए कानून बनाने का काम शुरू हो गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के नए नियमों के अनुसार अब टैक्स चोरों और भष्टाचारियों को जुर्माना देकर बचने का प्रावधान खत्म कर दिया गया है। बदले हुए नियम आज से यानी 17 जून से लागू हो गए हैं। सीबीडीटी ने अनुसार 'कंपाउंडिंग ऑफ ऑफेंसेज डायरेक्ट टैक्स लॉ' पर संशोधित दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। यह संशोधित दिशा निर्देश दिसंबर 2014 में जारी दिशा निर्देश की जगह ले चुके हैं।
कहां लागू होंगे ये दिशा-निर्देश
सीबीडीटी की तरफ से जारी संशोधित दिशानिर्देश में कड़ाई बरती गई है। इसमें काला धन विरोधी कानून के तहत आने वाले अपराधों एवं अघोषित विदेशी खातों एवं संपत्तियों से संबंधित अपराधों में अब कंपाउंडिंग की अनुमति नहीं मिलेगी। कंपाउंडिंग का मतलब होता है कि जुर्माना देकर बच जाना। इससे पहले सीबीडीटी की पहली गाइडलाइंस में अघोषित विदेशी खातों और विदेशी संपत्तियों से संबंधित अपराधों पर बड़ा जुर्माना भरने के बाद सजा से बचने का प्रावधान था।
जानें किन किन पर लागू होंगे यह दिशा-निर्देश
अगर यह साबित होता है कि किसी करदाता ने दूसरों से टैक्स चोरी करवाई तो उसे भी कंपाउंडिंग की इजाजत नहीं मिलेगी। यही नियम उन पर भी लागू होगा जिन्होंने खरीद बिक्री की फर्जी पर्चियां बनाई हों। आमतौर पर यह पर्चियां होटलों के बिल और दूसरे ऐसे ही मामले में बनाई जाती थीं।
हजारों लोग जुर्माना देकर बचते रहते थे
पिछले साल अप्रैल से नवंबर 2017 तक में हजारों मामलों में जुर्माना लेकर टैक्स चोरों ने सजा से मुक्ति पाई थी। लेकिन अब नियम बदल गए हैं। अब ऐसे लोगों को कानून का सामना करना पड़ेगा। इसके चलते मुकदमों की संख्या काफी बढ़ने की आशंका है।
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