धड़ाम हो जाएगा Share बाजार, अगर फिर से नहीं बनी Modi Government
नई दिल्ली। शेयर बाजार (share market) की सांसें भी इस बार लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) को लेकर थमी हुई हैं। 7 चरण के इस लोकसभा चुनाव के 6 चरण पूरे हो गए हैं, और अंतिम चरण की वोटिंग 19 मई 2019 को होने वाली है। उसी दिन एग्जिट पोल (Exit poll) भी आ जाएंगे। हालांकि एग्जिट पोल (Exit poll) से सरकार नहीं बनती है, लेकिन शेयर बाजार (share ) को यह बना-बिगाड़ सकते हैं। यही कारण है कि जानकारों के साथ ही लाखों निवेशकों (investor) की धड़कने बढ़ी हुई हैं। हालांकि जानकारों की बीच जो राय बन रही है उसमें एक संभावना सेंसेक्स (sensex) के 40,000 अंक के पार जाने की है, दूसरी आशंका इसके धड़ाम होने की भी है। शेयर बाजार (share market) के जानकार मोदी सरकार (Modi government) को लेकर 3 तरह की संभावनाओं के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन सच्चाई का कुछ-कुछ पता एग्जिट पोल (Exit poll) और पूरी तरह से पता 23 मई को काउंटिंग वाले दिन (Counting Day) चल पाएगा। सरकार बनने या बिगड़ने की खबर से शेयर बाजार में अपर सर्किट (Upper circuit in stock market) या लोअर सर्किट (lower circuit in stock market) तक लग सकता है और ऐसा पहले भी हो भी चुका है।
2009 में लग गया था अपर सर्किट (Upper circuit in stock market 2009)
2009 में कांग्रेस गठबंधन वाली यूपीए (UPA) की सरकार बनी थी। यह इस गठबंधन की लगातार दूसरी जीत थी। इस जीत के बाद मुम्बई शेयर बाजार (BSE) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) दोनों में अपर सर्किट (Upper circuit in BSE and NSE) लग गया था। यह अपर सर्किट (Upper circuit) दिन में 2 बार लगा था, और कुल मिलाकर सेंसेक्स (sensex) करीब 2099.21 अंक यानी करीब 17.24 फीसदी बढ़ था, जबकि निफ्टी (nifty) करीब 636.40 अंक यानी करीब 17.33 फीसदी बढ़ा था।
जानिए कैसा था मोदी सरकार (Modi government) बनने वाले दिन शेयर बाजार का हाल
2014 में देश में कई दशकों के बाद पूर्ण बहुमत की मोदी सरकार (Modi government) बनी थी। शेयर बाजार ने इस सरकार को जोरदार स्वागत किया था, पूर्ण बहुमत की खबर आते ही शेयर बाजार में रिकॉर्ड तेजी दर्ज की गई थी। पहली बार शेयर बाजार ने 25,000 अंक का स्तर पर भी पार किया था। उस दिन शेयर बाजार का सेंसेक्स 1470 अंक बढ़ा था और यह 25375.63 अंक के स्तर पर बंद हआ था।
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जानकारों की नजर में मोदी सरकार (Modi government) की जीत या हार का गणित
19 मई 2019 को एग्जिट पोल आने के बाद से लेकर 23 मई 2019 तक मोदी सरकार (Modi government) को लेकर चर्चाएं ही चर्चाएं होती रहेंगी। लेकिन जानकार मोदी सरकार (Modi government) को लेकर तीनों संभावनाओं पर अपनी राय बना रहे हैं। पहली राय है कि मोदी सरकार अपनी दम पर आ जाएगी। वहीं दूसरी राय है कि मोदी सराकर (Modi government) तो बन जाएगी, लेकिन इसके लिए और दलों से मदद लेनी पड़ेगी। लेकिन जानकार इस संभावना पर विचार कर रहें कि मोदी सरकार (Modi government) नहीं भी बन सकती है। आइये जानते हैं कि इन तीनों स्थितियों शेयर बाजार (share karket) कैसा रह सकता है।
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मजबूत मोदी सरकार बनी तो (If strong Modi government is formed)
शेयरखान के वाइस प्रेसीडेंट मृदुल कुमार वर्मा और च्वॉइस ब्रोकिंग के प्रेसीडेंट अजय केजरीवाल के अनुसार अगर मजबूत मोदी सरकार (strong Modi government) बनती है, तो शेयर बाजार का सेंसेक्स (BSE Sensex) आसानी से 40,000 अंक का स्तर छू सकता है। इसका सबसे बड़ा कारण नीतियों में एकरूपता का बना रहना होगा। इसके अलावा कारोबारियों को लगता है कि मजबूत मोदी सरकार (strong Modi government) सुधारों को और तेजी से आगे बढ़ाएगी, जिससे शेयर बाजार को मजबूती मिलेगी।
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कमजोर मोदी सरकार बनी तो (If Weak Modi government is formed)
कमजोर मोदी सरकार (Weak Modi government) बनी यानी अन्य दलों से समर्थन लेकर अगर मोदी को सरकार बनानी पड़ी तो कुछ समय के लिए शेयर बाजार (share bazar) में दबाव दिख सकता है। शेयरखान के वाइस प्रेसीडेंट मृदुल कुमार वर्मा अनुसार ऐसा होने पर हो सकता है कि कुछ समय के लिए शेयर बाजार स्थिर रहे, लेकिन गिरावट की आशंका नहीं रहेगी। वहीं च्वॉइस ब्रोकिंग के प्रेसीडेंट अजय केजरीवाल के अनुसार शेयर बाजार इस फैक्टर को पहले ही डिस्काउंट कर चुका है। पिछले कुछ दिनों से शेयर बाजार की गिरावट उसी स्तर पर आ गई है, जहां मोदी सरकार (Modi government) को बाहरी समर्थन की जरूरत पड़े। अगर चुनाव के बाद यह फैक्टर बनता है तो शेयर बाजार में गिरावट तो नहीं आएगी, लेकिन तेजी की संभावना भी कम हो जाएगी।
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अगर नहीं बनी मोदी सरकार तो (If not the Modi government then)
शेयरखान के वाइस प्रेसीडेंट मृदुल कुमार वर्मा के अनुसार शेयर बाजार (share market) में इस तरह की राय रखने वाले भी हैं कि हो सकता है कि मोदी सरकार न बने (If not the Modi government then)। अगर ऐसा होता है तो तुरंत में शेयर बाजार में तेज गिरावट की आशंका (stock market fears a sharp downturn) को नकारा नहीं जा सकता है। वहीं च्वॉइस ब्रोकिंग के प्रेसीडेंट अजय केजरीवाल का मानना है कि चुनाव के बाद यह स्थिति भी बन सकती है। लेकिन अगर ऐसी स्थिति बनी तो हो सकता है कि तुरंत में शेयर बाजार में बड़ी गिरावट दिखाई दे (stock market fears a sharp downturn), लेकिन यह ज्यादा दिन नहीं चलेगी और नई सरकार की नीतियों को देखते हए शेयर बाजार की चाल तय होगी। इनके अनुसार कोई भी सरकार शेयर बाजार की उपेक्षा करके नहीं चल सकती है, इसलिए ऐसी स्थिति में भी ज्यादा चिंता की बात नहीं है।
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