Rupa Choudhury : देश की पहली महिला फूड डिलिवरी गर्ल, जानें संघर्ष की कहानी
नई दिल्ली। कुछ लोगों को दिक्कतें तोड़ देती हैं और कुछ लोग दिक्कतों में ही अपने लिए नए रास्ते खोजते हैं। दिक्कतों में रास्ता खोजने वाली कोलकाता की रूपा चौधरी (Rupa Choudhury) भी शामिल हैं। यह देश की पहली फूड डिलीवरी महिला हैं। ट्रेडिशनली देश में यह काम पुरुषों का ही माना जाता है, लेकिन रूपा चौधरी (Rupa Choudhury) ने इस काम में भी नाम कमा लिया है। हालांकि वह पहले ओला कैब (Ola Cabs) चला कर भी नया कर चुकी हैं। पति से अलग होने के बाद और पिता की मौत से वह टूटी नहीं, बल्कि जीने के नए रास्ते खोजे। आइये जानते हैं इनके संघर्ष और सफलता की कहानी।
रूपा चौधरी (Rupa Choudhury) कैसे जुड़ी स्विगी (Swiggy) से
रूपा चौधरी (Rupa Choudhury) ने पति से तलाक होने के बाद पिता के साथ रहना शुरू किया, लेकिन उनकी तबियत खराब रहती थी। इसके चलते उनको अपनी नौकरी करने में दिक्कतें पेश आ रही थीं। हालांकि उनकी नौकरी 30 हजार रुपये महीने की थी, लेकिन उन्होंने अपने पिता की देखभाल के लिए नौकरी को छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने ने ऐसे काम शुरू किए जिसमें उनकी कमाई भी होती रहे और पिता की की देखभाल भी हेाती रहे। इसी दौरान स्विगी (Swiggy) ने फूड डिलीवरी के लिए जगह निकाली और महिलाओं को प्रथमिकता देने की बात की। रूपा चौधरी (Rupa Choudhury) ने इसे अपने लिए अवसर माना और आवेदन किया। बाद में स्विगी (Swiggy) ने रूपा चौधरी (Rupa Choudhury) को इस काम के लिए चुन लिया और इस तरह वह देश की पहली महिला फूड डिलीवरी करने वाली महिला बन गईं। रूपा चौधरी (Rupa Choudhury) अब सुबह 8 बजे से लेकर शाम को 5 बजे तक स्विगी (Swiggy) के लिए फूड डिलीवर करती है। इसके बाद वह शाम को से रात तक ओला कैब (Ola Cabs) चलाती हैं।
बेटे को पाने के लिए रूपा चौधरी (Rupa Choudhury) लड़ रहीं हैं कानूनी लड़ाई
रूपा चौधरी (Rupa Choudhury) का बेटा अपने पिता के साथ कोलकाता से करीब 30 किलोमीटर दूर बारासात में साथ रहता है। रूपा चौधरी (Rupa Choudhury) को जैसे ही समय मिलता है वह अपने बेट से मिलने के लिए स्कूटी चलाकर उसके पास पहुंच जाती हैं। रूपा चौधरी (Rupa Choudhury) अभी अपने 10 साल के बेटे को पाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं।
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