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TCS ने दिया अब तक का सबसे बड़ा चुनावी चंदा

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नई दिल्ली। टाटा ग्रुप (Tata group) की कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने बीते वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में में करीब 220 करोड़ रुपया चुनावी चंदा (Election fund) दिया है। कंपनी ने घोषित अपने वित्तीय परिणामों (Financial results) में यह जानकारी दी है। टीसीएस (TCS) की तरफ चुनाव में चंदे के रूप में दी गई यह सबसे बड़ी रकम है। हालांकि टीसीएस (TCS) ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि चंदा किन राजनीतिक दलों (Political party) को दिया है।

TCS ने दिया अब तक का सबसे बड़ा चुनावी चंदा

टाटा ग्रुप चलाता है चुनावी ट्रस्ट (Electoral trust)
टीसीएस (TCS) समेत टाटा ग्रुप (tata group) की कंपनियां पहले भी चुनावी ट्रस्टों (Electoral trust) को पैसा देकर राजनीतिक दलों की मदद कर चुकी हैं। टीसीएस (TCS) ने इससे पहले टाटा ट्रस्ट की तरफ से 2013 में स्थापित प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट (PET) को चंदा दिया था। पीईटी (PET) ने 1 अप्रैल, 2013 से 31 मार्च, 2016 के बीच कई राजनीतिक पार्टियों को चुनावी चंदा (Election fund) देकर उनकी मदद की थी।

पीईटी (PET) ने की थी सबसे ज्यादा कांग्रेस और बीजू जनता दल को मदद
पीईटी (PET) की तरफ से सबसे ज्यादा चुनावी चंदा (Election fund) कांग्रेस और बीजू जनता दल को दिया गया था। हालांकि इस दौरान पीईटी (PET) के चंदे में टीसीएस (TCS) की हिस्सेदारी केवल 1.5 करोड़ रुपये ही थी। प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट (PET) ने हाल ही में चुनाव आयोग के सामने अपनी सालाना रिपोर्ट जमा कराई है। इसमें पीईटी (PET) वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान किसी भी राजनीतिक दल को चंदा नहीं देने की बात कही थी।

प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट जुटाता है सबसे ज्यादा चंदा
देश में कई इलेक्टोरल ट्रस्ट (Electoral trust) को कॉरपोरेट (Corporate) घरानों और राजनीतिक दलों के बीच मध्यस्थता निभाने की मान्यता मिली हुई है। इनमें सबसे बड़ा प्रूडेंट इलेक्ट्रोरल ट्रस्ट को माना जाता है। इसके खाते में पिछले चार साल में देश के सभी इलेक्टोरल ट्रस्टों को मिली रकम का करीब 90 फीसदी हिस्सा आया है। इस ट्रस्ट में चंदे का सबसे ज्यादा योगदान भारती ग्रुप की कंपनियाें और डीएलएफ समूह ने किया है। वित्त वर्ष 2017-18 में प्रूडेंट ने अपने पास जमा करीब 169 करोड़ रुपये में से 144 करोड़ रुपये भाजपा को दिए थे। भाजपा (BJP) को मिले इस पैसे में भारती ग्रुप ने 33 करोड़ रुपये और डीएलएफ (DLF) ने 52 करोड़ रुपये का योगदान दिया था।

सुप्रीम कोर्ट (SC) ने दिया था आदेश
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट (SC) ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि सभी राजनीतिक पार्टियों को चुनावी चंदे के बारे में जानकारी देनी होगी। सभी राजनीतिक दलों को 15 मई तक मिले इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral bond) की जानकारी सीलबंद लिफाफे में 30 मई तक चुनाव आयोग (Election commission) को सौंपनी होगी। दलों द्वारा दी गई इस जानकारी में चंदा देने वालों का ब्यौरा भी शामिल होगा।

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English summary

TCS gives the largest election fund TCS biggest Political funding

Tata Group gives Political funding of political parties through Tata Group Progressive Electoral Trust.
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