Mutual Fund : सेबी ने खोले निवेश के नए रास्ते, ये मिलेगा फायदा
नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (sebi) ने मुच्युअल फंड (Mutual Fund) और पोर्टफोलियो मैनेजरों (Portfolio Manager) को कमोडिटी डेरिवेटिव्स (Commodity derivatives) में निवेश की अनुमति प्रदान की है। सेबी के बोर्ड की बैठक के बाद बाजार विनियामक ने कहा, "बोर्ड ने विचार-विमर्श करके कुछ सुरक्षा के अधीन भारत में एक्सचेंज में ट्रेड होने वाले कमोडिटी डेरिवेटिव्स (Commodity derivatives) में मुच्युअल फंड (Mutual Fund) और पोर्टफोलियो मैनेजरों (Portfolio Manager) को भागीदार बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान दे दी है।" जानकारों की राय है कि इससे म्युचुअल फंड मैनेजरों पास निवेश के नए मौके आएंगे, जिससे निवेशकों को फायदा होगा। इसमें अच्छा रिटर्न मिलने के अलावा आसेट एलोकेशन (Asset allocation) में विविधता लाने में मदद मिलेगी।
ये होगी शर्त
सेबी ने कहा, "कमोडिटी डेरिवेटिव्स (Commodity derivatives) में भागीदारी के लिए पहले ही स्वीकृत श्रेणी-3 के वैकल्पिक निवेश फंडों (Alternative investment fund) को ऐसे अनुबंधों के भौतिक निपटान पर डिलीवरी में प्राप्त वस्तुओं में कारोबार करने की अनुमति दी गई है।" वर्तमान में कमोडिटी बाजार में खुदरा स्तर के कारोबारियों और कुछ कॉरपोरेट हेजर्स व सटोरियों का वर्चस्व है। मुच्युअल फंडों (Mutual Fund) और पोर्टफोलियो मैनेजरों (Portfolio Manager) के आने से बाजार में ज्यादा से ज्यादा हेजर्स आकर्षित होंगे और इसका सर्वागीण विकास होगा।
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सेबी की ये है राय
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य एसके मोहंती के अनुसार म्यूचुअल फंडों की उपस्थिति से कमोडिटी ईटीएफ जैसे नए उत्पादों के लॉन्च का रास्ता खुल जाएगा। इससे कमोडिटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट (Commodity Derivatives Segment) में खुदरा निवेशकों (Retail investor) की भागीदारी भी बढ़ेगी। वह उद्योग संगठन फिक्की (FICCI) और कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स (MCX) के एक कार्यक्रम के मौके पर बोल रहे थे। मोहंती ने यह भी कहा कि सेबी ने हाल ही में कस्टोडियल नियमों में संशोधन किया था, जिससे इस सेगमेंट में आपसी विवाद के जल्द निपटारे में मिल सके।
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