Budget 2019 : बजट भाषण शुरू, क्या बढ़ेगी इनकम टैक्स छूट
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार चुनावी साल का अंतरिम बजट (Interim Budget 2019) आज पेश करेगी। वैसे तो हर बजट (Budget) से लोगों को काफी आशाएं होती हैं, लेकिन इस बार कुछ ज्यादा ही हैं। लोगों को लगता है कि मोदी ने पिछले 4 बजट में आमलोगों को ज्यादा रियायतें नहीं दी हैं। ऐसे में हो सकता है कि चुनावी साल होने के चलते अंतरिम बजट 2019 (Interim Budget 2019) में सरकार इनकम टैक्स में राहत से लेकर किसानों और कारोबारियों के लिए बड़ी राहत की घोषणा कर दे। आइये जानते हैं इस बजट 2019 (Budget 2019) से आम लोगों को क्या क्या मिल सकता है। इसके अलावा अगर आप घर से बाहर हों तो जानें कैसे मोबाइल या कंप्यूटर से कैसे जानें बजट 2019 के अपडेट।
सुबह 11 बजे पेश होगा बजट 2019
बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 13 फरवरी तक चलेगा। सरकार बजट 2019 (Budget 2019) आगामी 1 फरवरी को सुबह 11 बजे लोकसभा में पेश किया जाएगा। वित्तमंत्री आमतौर पर समय से अपना बजट (Budget) भाषण शुरू कर देते हैं। आमतौर पर बजट में हर साल 1 अप्रैल से 31 मार्च के बीच के लिए सरकार आय और खर्च के अलावा अक्सर नई योजनाओं की घोषणा भी करती है। लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव मई मे होने के कारण सरकार पूरे साल का बजट पेश नहीं करेगी।
आमतौर पर बजट (Budget) भाषण 1 से 2 घंटे का होता है। इस हिसाब से बजट भाषण करीब 1 बजे तक खत्म हो जाता है। इस बार अंतरिम बजट होने के कारण बजट भाषण का समय कम हो सकता है। लेकिन बजट पेश होने के पहले एक प्रक्रिया और पूरी करनी होती है। सुबह बजट पेश होने से पहले वित्त मंत्रालय से बजट डॉक्यूमेंट संसद लाए जाते हैं। इसके बाद पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक होगी। इस बैठक में बजट से जुड़े फैसलों पर चर्चा होगी। बैठक के बाद वित्त मंत्री लोकसभा में अतंरिम बजट 2019 (Budget 2019) पेश करेंगे।
जानें कैसे देख सकते हैं मोबाइल पर बजट 2019 (Budget 2019)
बजट को http://budgetlive.nic.in/ पर जाकर 1 फरवरी को सुबह 11 बजे लाइव देख सकते हैं। वित्त मंत्री की बजट 2019 (Budget 2019) स्पीच को आप हिंदी में https://www.indiabudget.gov.in/hindex.asp पर जाकर देख सकेंगे। बजट पेश होने के तुरंत बाद हिंदी और अंग्रेजी में इस वेबसाइट पर अपलोड भी किया जाता है। इसके अलावा अब मोबाइल टीवी चैनल भी उपलब्ध हो गए हैं, जिन पर जाकर भी बजट (Budget) भाषण सुना जा सकता है।
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क्या क्या हैं उम्मीदें
बढ़ सकती है इनकम टैक्स छूट की सीमा
पिछले 4 साल से इनकम टैक्स की सीमा नहीं बढ़ी है, हालांकि इन 4 सालों में लोगों की आमदनी बढ़ी है। ऐसे में इस बजट 2019 (budget 2019) में बढ़ाना चाहिए। वैसे भी पिछली सरकारें हर साल इनकम टैक्सपेयर्स (Income taxpayers) को कुछ न कुछ राहत देती थीं। फिलहाल इनकम टैक्स में छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये बनी हुई। ऐसे में उम्मीद है कि सवर्ण आरक्षण को अगर आधार माना मोदी सरकार इनकम टैक्सपपेयर्स को तोहफा दे सकती है। जैसी जानकारी मिल रही है उससे लगता है कि यह छूट 4 से लेकर 5 लाख रुपये तक की हो सकती है।
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सीनियर सिटीजन को राहत की उम्मीद
बजट 2019 (budget 2019) से सीनियर सिटीजंस टैक्सपेयर्स (Income taxpayers) की मांग है कि उनके लिए इनकम टैक्स छूट की सीमा 3 लाख रुपये काफी कम है। ऐसे में इसे बढ़ाकर कम से कम 5 लाख रुपये की जाए। वहीं सुपर सीनियर सिटीजन 7 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री करने की मांग कर रहे हैं। इन लोगों का तर्क है कि सीनियर सिटीजन सारी उम्र टैक्स चुकाते हैं, ऐसे में उन्हें बाद में राहत मिलनी चाहिए।
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इलाज के खर्च पर छूट चाहिए
वहीं बजट 2019 (budget 2019) में सीनियर सिटीजन टैक्सपेयर्स (Income taxpayers) चाहते हैं कि उन्हें इलाज के खर्च में भी ज्यादा रियायत मिले। उनकी मांग है कि मेडिकल इंश्योरेंस पर टैक्स छूट सीमा बढ़ानी चाहिए। सेक्शन 80डी के तहत सीनियर सिटीजन को ज्यादा छूट मिलनी चाहिए। इलाज के खर्च के लिए 50,000 रुपये तक की अब कम है, जिस बढ़ाना चाहिए।
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निवेशकों का रखा जा सकता है ध्यान
स्टॉक मार्केट के ट्रेडरों की मांग है कि बजट 2019 (budget 2019) में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स हटना चाहिए। मोदी सरकार ने यह टैक्स पिछले साल बजट में लागू किया था। इसके तहत शेयरों पर 1 लाख से ज्यादा की कमाई पर 10 फीसदी टैक्स लगने लगा है। कारोबारियों की मांग है कि 10 फीसदी टैक्स हटाया जाना चाहिए। इन लोगों का तर्क है कि यह एक रिस्की इन्वेस्टमेंट हाेता है, ऐसे में स्टॉक मार्केट में निवेश को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए न कि इस पर टैक्स लगाना चाहिए। इससे टैक्सपेयर्स (Income taxpayers) को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
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महिलाओं की ये हैं मांगे
देश की आधी आबादी महिलाओं की है जिसे इस बार वित्त मंत्री के बजट 2019 (budget 2019) से कई छूट की उम्मीद है। महिलाएं चाहती हैं कि मैटरनिटी लीव के दौरान सैलरी टैक्स फ्री होनी चाहिए। महिलाओं का कहना है कि उन्हें 2008 तक कुछ अतिरिक्त छूट मिलती थी जो वापस ले ली गई है, जिसे फिर से शुरू करना चाहिए। कई महिलाओं की मांग है कि उनके लिए अलग से टैक्स स्लैब बनाना चाहिए, जिससे टैक्सपेयर्स (Income taxpayers) महिलाओं को राहत मिले।
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