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पारले-जी (Parle-G) बिस्कुट के सफलता के पीछे का रहस्य जानिए आप भी

पारले-जी (Parle-G) एक प्रतिष्ठित ब्रांड है जो 75 से अधिक वर्षों से समय के साथ पूरे विश्व में सबसे अधिक बिकने वाले बिस्कुट ब्रांड के रूप में विकसित हुई थी।

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पारले-जी (Parle-G) एक प्रतिष्ठित ब्रांड है जो 75 से अधिक वर्षों से समय के साथ पूरे विश्व में सबसे अधिक बिकने वाले बिस्कुट ब्रांड के रूप में विकसित हुई थी। यह एक ऐसा ब्रांड है जिसने अपने ग्राहकों की आय के आधार पर उनमें कभी भेदभाव नहीं किया। यह एक ऐसा ब्रांड है जिसका जन्म देश के स्वतंत्र होने से पहले ही हुआ था। पारले-जी का मैन्‍युफैक्‍चरिंग सर्वप्रथम 1929 में मुंबई में बहुत ही कम पैमाने पर किया गया लेकिन बिस्कुट प्रेमियों द्वारा इसे तुरंत ही स्वीकार कर लिया गया।

इसकी प्रारंभिक सफलता और विकास के अच्छे अवसर को देखते हुए विदेशी बिस्कुटों को प्रतियोगिता देने और भारतीय बिस्कुटों को बढ़ावा देने के लिए पारले ने 1947 में (भारत की स्वतंत्रता के बाद तुरंत ही) विज्ञापन देना प्रारंभ किया। इस विज्ञापन अभियान ने भारतीय उपभोक्ताओं की देशभक्ति की भावनाओं को उजागर किया क्योंकि यह मास्टर स्ट्रोक बन गया और ब्रांड को नई ऊंचाईयों पर ले गया। पारले जी तुरंत ही हिट हो गया और भारतीय लोगों ने इसे गले लगा लिया जो इसे एक देशी ब्रांड मानने लगे थे (जैसे आजकल बाबा रामदेव के पतंजलि को माना जाता है)।

उत्पाद की अनुकरणीय प्रकृति के कारण अन्य कंपनियों ने भी पारले-जी की रणनीति को दोहराना शुरू कर दिया। हालाँकि पारले-जी ने प्रतियोगिता को बहुत ही पेशेवर तरीके से लिया। उन्होंने अपने उत्पाद को "एनर्जी बिस्कुट ब्रांड" से हटाकर "टेस्टी, हेल्दी फ़ूड फॉर ऑल" के रूप में पुनर्स्थापित किया और इस तरह पारले ग्लूको पारले-जी बन गया (जी का अर्थ है जीनियस)।

आगे आपको बताएंगे कि पारले-जी बिस्‍कुट के अपार सफलता के पीछे का रहस्‍य क्‍या है:

पारले-जी की कीमत

पारले-जी की कीमत

पारले-जी की कीमत 5 रूपये है और इसे सबसे किफायती बिस्कुटों में से एक माना जाता है। इसकी कम कीमत की रणनीति के साथ ही पारले-जी ने यह सुनिश्चित किया कि दूर क्षेत्रों में रहने लोगों के लिए भी यह आसानी से उपलब्ध हो। हालाँकि भारत में मुद्रा स्फीति हर साल बढ़ती है परन्तु पिछले दशक में पारले-जी ने यह सुनिश्चित किया कि निरंतर अपनी नई खोज से वे इसकी कीमत को एक निश्चित स्तर से आगे नहीं बढ़ने देंगे। इतनी कम कीमत के लिए ग्राहकों के लिए अनुमानित मूल्य अधिक है जिसके परिणामस्वरूप बिक्री में वृद्धि होती है।

उत्पाद

उत्पाद

यद्यपि पारले-जी की कीमत कम होने के कारण लोगों द्वारा इसे अधिक पसंद किया गया परन्तु इसकी इतनी अधिक सफलता के पीछे एक अन्य कारण था, इसका अच्छा स्वाद और बिस्कुट की गुणवत्ता। इस बिस्कुट का स्वाद इतना सामान्य है कि सभी उम्र के लोग इसे पसंद करते हैं। लोगों द्वारा इसे इतना पसंद किए जाने का सबसे अच्छा प्रमाण यह है कि जब कोई व्यक्ति टी स्टॉल पर चाय पीने जाता है तो वह पारले-जी शब्द का उपयोग क्रिया की तरह करता है ('भैया, एक पारले-जी दे दो')। इस ब्रांड के बिस्कुट स्वादिष्ट हैं और सभी ग्राहकों को अच्छे लगते हैं।

पैकेजिंग

पैकेजिंग

पारले-जी बिस्कुट लाल और पीले रंग के कागज़ में वैक्स पेपर में लपेटा जाता है जिस पर एक छोटी लडकी की तस्वीर बनी हुई होती है। पैकेट पर बनी छवि का उपयोग ब्रांड एसोसिएशन बनाने और लोगों से जुड़ने के लिए किया जाता है। इतने सालों में पारले-जी ने पैकेजिंग के साथ कोई नया प्रयोग नहीं किया है और इसे बहुत ही सरल और साधारण रखा है। इसने ब्रांड को प्रतियोगियों से खुद को अलग रखने में सहायता की है और इससे ग्राहकों को भी इसे याद रखने में आसानी होती है।

ब्रांडिंग

ब्रांडिंग

पारले जी स्वयं की ब्रांडिंग इस तरह करता है - "भारत का अपना बिस्कुट"। (भारत का बिस्कुट) अपने प्रभावी टी.वी. और प्रिंट विज्ञापनों से यह ब्रांड 1939 से अपनी यादें बना रहा है। यह अपने विज्ञापन अभियानों से बहुत प्रभावी रहा है और यह सुनिश्चित करता है कि यह सभी आयु के लोगों तक पहुंचे, चाहे वो बच्चे हों, युवा हों या बुज़ुर्ग हों। एक ऐसा ही अभियान जिसमें बच्चों को लक्ष्य बनाया गया था और उसे बहुत सफलता मिली, वह था पारले-जी का "जी माने जीनियस" अभियान। इस अभियान के बाद बिस्कुट के इस ब्रांड की बिक्री में बहुत भारी वृद्धि देखी गयी और इसने बाज़ार में अपने प्रभुत्व को और मज़बूत किया।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

पारले-जी अपनी कम कीमत, उच्च गुणवत्ता और मज़बूत ब्रांड इमेज के कारण अपने ग्राहकों के लिए उच्च मूल्य स्थापित किया है। इसके परिणामस्वरूप इस ब्रांड का इतिहास 78 वर्ष पुराना है और इसने पारले-जी को बिस्कुट इंडस्ट्री में निर्विवाद नेता बना दिया। भारत जैसे देश में जहाँ प्रतिदिन बिस्कुट के नए ब्रांड, बहुत कम फर्क के साथ लॉन्च होते रहते हैं वहां इतने समय तक इस ब्रांड का चलना अकल्पनीय लगता है। हालाँकि पारले-जी ने यह दिखा दिया है कि यदि लोग आपके उत्पाद को पसंद करते हैं तो आपको प्रतियोगिता से नहीं घबराना चाहिए।

भारत में सबसे ज़्यादा खपत पारले-जी की होती है जो उन लोगों को खुशी भरे क्षण प्रदान करता है जो कुछ अच्छा खाना चाहते हैं एवं उन लोगों को एक अच्छा खाद्य पदार्थ मिल जाता है जो समाज में आर्थिक दृष्टि से कमज़ोर हैं। पारले-जी हर मायने में एक प्रतिष्ठित ब्रांड साबित हुआ है जो भारतीय जनता की जेब से पैसे कमाने के बजाय ग्राहकों को मूल्य देने पर ध्यान केंद्रित करता है। यही है जो इस ब्रांड को इसके प्रतियोगियों से अलग करता है और इसी कारण इसे इतनी अधिक सफलता मिली है।

 

English summary

Success Story Of Largest Selling Biscuit Brand Parle-G

Here you will read about success story of largest selling biscuit brand Parle-G in Hindi.
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