सुंदर पिचाई के सीईओ बनने से एल्फाबेट के संस्थापकों को 2.3 अरब डॉलर का तोहफा
नयी दिल्ली। गूगल की पैरेंट कंपनी एल्फाबेट के फाउंडर्स लैरी पेज और सर्गी ब्रिन को निवेशकों की तरफ से 2.3 अरब डॉलर का तोहफा मिला है। दरअसल लैरी पेज और सर्गी ब्रिन ने एल्फाबेट के मैनेजमेंट से इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को एल्फाबेट का भी सीईओ नियुक्त किया गया है। घोषणा से न्यू यॉर्क में एल्फाबेट के शेयर में 1.9 फीसदी की बढ़ोतरी, जिसके नतीजे में पेज और ब्रिन दोनों में प्रत्येक की संपत्ति में 1 अरब डॉलर से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। भारतीय मुद्रा देखें तो दोनों की मिला कर संपत्ति में 16,430 करोड़ रुपये से ज्यादा का इजाफा हुआ है। पेज और ब्रिन दोनों की इंटरनेट दिग्गज कंपनी में करीब 5-5 फीसदी हिस्सेदारी है। वहीं विशेष वोटिंग शेयर्स के जरिये एल्फाबेट का नियंत्रण इन दोनों के ही हाथ में है। ऐप्पल के टिम कुक और माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प के सत्य नाडेला की तरह पिचाई एक लंबी अवधि प्रतिनिधि हैं, जिन्होंने कामयाबी की सीढ़ियाँ चढ़ने में लगातार काम किया है।
निवेशकों को पसंद आये पिचाई
पिचाई के एल्फाबेट का सीईओ बनने से इसके शेयर में आयी मजबूती दर्शाती है कि कंपनी के निवेशकों को पिचाई की नियुक्ति पसंद आयी है। दरअसल 47 साल के पिचाई ने गूगल की विज्ञापन आमदनी को बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। गूगल की विज्ञापन आमदनी 2015 में 67.39 अरब डॉलर थी, जो 2018 तक 74 फीसदी बढ़ कर 116.32 अरब डॉलर पर पहुँच गयी। असल में गूगल की विज्ञापन आमदनी एल्फाबेट के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि एल्फाबेट के कुल रेवेन्यू में गूगल की विज्ञापन आमदनी की 85 फीसदी भागीदारी है।
पिचाई के लिए चैलेंजेस
भारत और अन्य उभरते बाजारों में आने वाले नये इंटरनेट यूजर्स की संख्या 1 अरब आँकी गयी है। ऐसे में इन उपभोक्ताओं को अपनी तरफ खींचना गूगल और पिचाई के लिए एक बड़ा चैलेंज साबित होगा। भारत की बात करें तो इसने दो साल पहले यहाँ डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म गूगल-पे लॉन्च किया था, जिसके दूसरे भाषाओं में विस्तार किया जा रहा है। पिचाई ने कहा भी है कि वे गूगल पर अपना ध्यान केंद्रित रखना जारी रखेंगे। कंप्यूटिंग के विस्तार और गूगल के लिए ज्यादा प्रभावी होने पर वे काम जारी रखेंगे।
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