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गोल्ड खरीद के बाद रसीद रखें संभाल कर, नहीं तो होगा नुकसान

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नयी दिल्ली। भारत में सोने की खरीदारी का चलन बहुत अधिक है। शादी वगेरह में देश में सोने बहुत इस्तेमाल अधिक होता है। अगर आप भी सोने की खरीदारी करते हैं या करने की योजना बना रहे हैं तो जान लीजिए कि सोने की खरीदारी की रसीद लेना बहुत जरूरी है। आप सोने का कोई भी सामान खरीदें आपको मिलने वाली रसीद या बिल उस सामान का वजन, कीमत और तारीख के संदर्भ के रूप में सबूत का काम करेगा। सबसे जरूरी है अगर आपने सोने में निवेश किया है तो आपके पास उसके कागजात होने जरूरी हैं। वहीं आयकर रिटर्न दाखिल करते समय या किसी भी आयकर से संबंधित मामले में आपके सोने की खरीद के लिए चालान, फिर चाहे वह आभूषण हो या बुलियन, आपकी कर योग्य आय के साथ निवेश के स्रोत के प्रमाण के रूप में कार्य करेगा। अगर आप अपने पास गोल्ड के स्रोत का सबूत न दे सकें तो आयकर निर्धारण अधिकारी इसे जब्त करने का अधिकार रखता है।

जितना चाहे उतना सोना रखें

जितना चाहे उतना सोना रखें

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के 1 दिसंबर 2016 को जारी किये गये सर्कुलर के अनुसार अगर निवेश या विरासत में मिले सोने के स्रोत की व्याख्या कर सकते हैं तो आप जितना चाहे उतना सोना अपने पास रख सकते हैं। मगर यह जरूरी है कि आपके यानी करदाता के पास जो सोने रखा है वह करदाता की आमदनी के मुताबिक हो। क्योंकि आपको आय के स्रोत के साथ सोना खरीदना होगा। जानकारी के लिए बता दें कि कर अधिकारियों को सीबीडीटी द्वारा निर्देश दिया गया है कि वे विवाहित महिला से 500 ग्राम तक के सोने के गहने और आभूषण, एक अविवाहित महिला से 250 ग्राम और परिवार के पुरुष सदस्य से 100 ग्राम सोने तक को जब्त न करें।

विरासत में मिला सोना

विरासत में मिला सोना

विरासत में मिले सोने के मामले में आप मूल खरीदार द्वारा भुगतान की गई कीमत का खुलासा कर सकते हैं। यदि आपके पास मूल कीमत की डिटेल्स नहीं है, तो आप 1 अप्रैल 2001 को उचित बाजार मूल्य का खुलासा कर सकते हैं। आपको विरासत में मिले सोने की भी कोई सीमा नहीं है। यदि कोई दस्तावेजी साक्ष्य उपलब्ध न हो तो आयकर अधिकारी परिवार के रीति-रिवाजों, सामाजिक स्थिति आदि के साथ सोने के स्रोत का निर्धारण करने का भी विकल्प चुन सकते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि कर अधिकारियों को सीबीडीटी द्वारा निर्देश दिया गया है कि वे विवाहित महिला से 500 ग्राम तक के सोने के गहने और आभूषण, एक अविवाहित महिला से 250 ग्राम और परिवार के पुरुष सदस्य से 100 ग्राम सोने तक को जब्त न करें।

कैसे लगेगा टैक्स

कैसे लगेगा टैक्स

सोने के आभूषण वगेरह की बिक्री पर आपको मिलने वाले मुनाफे पर टैक्स लगता है। इस लाभ को पूंजीगत लाभ माना जाता है और यह लागू होने पर अल्पकालिक यानी शॉर्ट टर्म या दीर्घकालिक या लॉन्ग टर्म पूंजीगत लाभ कर लगता है। यदि आपके पास तीन साल से कम समय के लिए सोना था तो अल्पकालिक पूंजीगत लाभ कर लगेगा, जिसमें पूरा लाभ आपकी आय में जोड़ा जाता है और आपके स्लैब के अनुसार कर लगाया जाता है। यदि आपके पास सोना 3 साल से ज्यादा समय के लिए था तो इंडेक्सेशन के बाद आपके मुनाफे पर 20 फीसदी टैक्स लगेगा। यदि सत्यापन आवश्यक हो तो सोने की बिक्री पर इस मुनाफे या नुकसान की गणना के लिए खरीद की रसीद आयकर अधिकारी को उचित प्रमाण के रूप में कार्य करेगी।

यह भी पढ़ें - डोनाल्ड ट्रम्प : चीन को कर्ज देना बंद करे वर्ल्ड बैंक

English summary

Why gold purchase receipt is important know here

You will need the source of the gold you posses. If you don't have proof of the gold you have tax officer can Seized it.
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