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RBI : कारोबारियों पर राहत की बारिश, जानें क्या-क्या दिया

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नई दिल्ली। मोदी सरकार ने कुछ ही दिन पहले करीब 21 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज जारी किया था। आज रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने उसी से संबंधित जानकारी को आगे बढ़ाया। उन्होंने बताया कि कारोबारियों को कैसे वार्किंग कैपिटल मिलेगा, तो निर्याताकों को कैसे राहत मिलेगी। आइये जानते हैं कि आरबीआई गवर्नर ने कारोबारियों के लिए क्या-क्या किया।

कंपनियों के लिए वर्किंग कैपिटल पर ब्याज के पेमेंट में छूट की अविध को बढ़ाया

आरबीआई ने मार्च में बैंकों को छूट दी थी कि वे अगले तीन महीने तक वर्किंग कैपिटल लोन पर ब्याज की वसूली न करें। अब आज इसे अगले 3 महीने और लिए और बढ़ा दिया है। वर्किंग कैपिटल लोन वह कर्ज होता है, जिसे कंपनियां अपनी रोज की जरूरतों के लिए लेती हैं। आरबीआई ने कहा है कि वर्किंग कैपिटल पर ब्याज चुकाने में जो छूट दी जाएगी, उसे एक अलग लोन की तरह किस्त में चुकाया जा सकेगा।

यह भी पढ़ें : Loan EMI पर छूट का पहले जानें गुणा-गणित, फिर उठाएं पूरा फायदा

निर्यातकों को कर्ज चुकाने के लिए ज्यादा समय

निर्यातकों को कर्ज चुकाने के लिए ज्यादा समय

लॉकडाउन को देखते हुए निर्यातको का क्रेडिट पीरियड 12 महीने से बढ़ाकर 15 महीने कर दिया गया है। यानी एक्सपोर्टर को कर्ज चुकाने के लिए 3 महीने का ज्यादा समय मिलेगा।

आयात निर्यात बैंक के लिए 15,000 करोड़ की क्रेडिट लाइन जारी

आयात निर्यात बैंक के लिए 15,000 करोड़ की क्रेडिट लाइन जारी

आयात निर्यात बैंक एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट से जुड़े कारोबारियों को लोन देता है। कोरोनावायरस की वजह से एग्जिम बैंक को फंड जुटाने में दिक्कत हो रही है। इसलिए एग्जिम बैंक को 90 दिन के लिए 15,000 करोड़ रुपए का क्रेडिट लााइन जारी की गई थी। आज इसे एक साल तक बढ़ाने का फैसला किया गया है।

कॉर्पोरेट को लोन की लिमिट बढ़ाने का फैसला
 

कॉर्पोरेट को लोन की लिमिट बढ़ाने का फैसला

कॉर्पोरेट ग्रुप को उनकी नेटवर्थ के आधार पर बैंकों से कर्ज मिलता है। इस लिमिट को 25 फीसदी से बढ़ाकर 30 फीसदी कर दिया गया है। यानी किसी ग्रुप को अब अपनी नेटवर्थ के हिसाब से 5 फीसदी ज्यादा कर्ज मिल सकेगा। हालांकि यह लिमिट पूरे ग्रुप के लिए होगी, ना कि ग्रुप की किसी एक कंपनी के लिए।

अर्थव्यवस्था का हाल अच्छा नहीं

अर्थव्यवस्था का हाल अच्छा नहीं

जीडीपी ग्रोथ : कोरोनावायरस की वजह से दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ है। इस साल देश की जीडीपी ग्रोथ निगेटिव रहने का अनुमान है, हालांकि दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) में थोड़ी तेजी आ सकती है।

महंगाई दर : कोरोनावायरस की वजह से महंगाई का अनुमान लगाना मुश्किल है, लेकिन दालों के रेट बढ़ना चिंता की बात है। अप्रैल-सितंबर में महंगाई दर स्थिर रह सकती है, अक्टूबर-नवंबर में इसमें कमी आ सकती है। इस वित्त वर्ष की तीसरी या चौथी तिमाही में महंगाई दर 4% से नीचे जा सकती है।

लॉकडाउन का असर : दो महीने के लॉकडाउन से देश में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। टॉप-6 इंडस्ट्रियल राज्यों के ज्यादातर इलाके रेड और ऑरेंज जोन में हैं। इन राज्यों की इंडस्ट्री का आर्थिक गतिविधियों में 60% कॉन्ट्रिब्यूशन होता है।

English summary

What relief did the RBI give to businessman today know the details

Today, RBI announced relief to all, from traders to exporters.
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