यहां समझें Salary और Savings अकाउंट्स में क्या है अंतर, फायदे में रहेंगे
बैंकों में खोले जाने वाले अकाउंट कई तरह के होते हैं। देश में ज्यादातर लोगों की सैलरी सेविंग अकाउंट में आती है। सैलरी अकाउंट के नियम सेविंग्स अकाउंट के मुकाबले अलग होते हैं।
नई दिल्ली, मई 3। बैंकों में खोले जाने वाले अकाउंट कई तरह के होते हैं। देश में ज्यादातर लोगों की सैलरी सेविंग अकाउंट में आती है। सैलरी अकाउंट के नियम सेविंग्स अकाउंट के मुकाबले अलग होते हैं। दोनों खातों को अलग-अलग जरुरतों के मुताबिक खोला जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सैलरी अकाउंट वह खाता है जो कि एम्पलॉयर द्वारा खुलवाया जाता है। इस खाते में सैलरी ट्रांसफर की जाती है। बैंक कंपनी के खाते में से पैसा लेकर सैलरी अकाउंट्स में ट्रांसफर करते हैं। बड़ा झटका : सेविंग्स अकाउंट पर इस Bank ने कम किया इंटरेस्ट रेट, नई दरें आज से लागू
सैलरी अकाउंट में न्यूनतम बैलैंस की जरूरत नहीं
जबकि वहीं बात करें सेविंग अकाउंट की तो यह कोई भी व्यक्ति खुलवा सकता है इसमें कंपनी का कोई रोल नहीं होता। सैलरी अकाउंट में न्यूनतम बैलैंस की जरूरत नहीं हालांकि सेविंग खाते में न्यूनतम बैलेंस रखना जरूरी होता है जो कि अलग-अलग बैंकों द्वारा अलग-अलग होता है।
सेविंग्स अकाउंट को बदल सकते सैलरी अकाउंट में
अगर सैलरी अकाउंट में कुछ निश्चित समय तक (सामान्य तौर पर तीन महीना) के लिए सैलरी नहीं डाली गई है, तो बैंक सैलरी अकाउंट को रेगुलर सेविंग्स अकाउंट में बदल देगा जिसमें न्यूनतम बैलेंस की जरूरत है। दूसरी तरफ, अगर बैंक मंजूरी देता है, तो आप अपने सेविंग्स अकाउंट को सैलरी अकाउंट में बदल सकते हैं। यह उस स्थिति में आप कर सकते हैं, जब अपनी नौकरी बदलते हैं और आपका नया एम्प्लॉयर उसी बैंक के साथ आपका सैलरी अकाउंट खोलना चाहता है।
सैलरी और सेविंग्स अकाउंट्स में क्या है अंतर
- सैलरी और सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाली ब्याज दर समान रहती है।
- आपके सैलरी अकाउंट में बैंक लगभग 4 फीसदी की दर से ब्याज देता है।
- जबकि कॉरपोरेट सैलरी अकाउंट वह कोई व्यक्ति खोल सकता है जो कंपनी से सैलरी लेता है।
- सैलरी अकाउंट आपका एम्प्लॉयर खोलता है, जबकि सेविंग्स अकाउंट कोई भी व्यक्ति खोल सकता है।
- अगर आपने अपनी नौकरी बदली है, और आपने अपने सैलरी अकाउंट को बंद नहीं किया और न ही बदला है, तो उसमें मिनिमम बैलेंस बनाएं रखें।
- ऐसा नहीं करने पर बैंक उस सेविंग्स अकाउंट पर मैनटेनेंस फी या जुर्माना लगा सकता है।
एसबीआई सैलरी अकाउंट के फायदे
- जीरो बैलेंस अकाउंट
- फ्री अनलिमिटेड ट्रांजेक्शन किसी भी बैंक के एटीएम से
- फ्री एटीएम कम डेबिट कार्ड
- जॉइंट अकाउंट होल्डर के लिए एटीएम कार्ड
- फ्री इंटरनेट बैंकिंग
- फ्री मल्टीसिटी चेक
- लॉकर चार्ज पर 35 फीसदी की छूट
- फ्री ड्राफ्ट, एसएमएस अलर्ट, ऑनलाइन एनईएफटी/आरटीजीएस
- 2 महीने की सैलरी पर ओवरड्राफ्ट की सुविधा