SBI के इस प्लान से बच्चों की पढ़ाई और शादी तक के पैसों का हो जाएगा इंतजाम
भारतीय स्टेट बैंक ने अपने कस्टमर्स को ऑनलाइन कई सुविधाएं उपलब्ध करा रखी हैं। इसी कड़ी में अब एसबीआई म्यूचुअल फंड ने नया इंवेस्टमेंट प्लान लॉन्च किया है।
नई दिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक ने अपने कस्टमर्स को ऑनलाइन कई सुविधाएं उपलब्ध करा रखी हैं। इसी कड़ी में अब एसबीआई म्यूचुअल फंड ने नया इंवेस्टमेंट प्लान लॉन्च किया है। एसबीआई मैग्नम चिल्ड्रंस बेनीफिट फंड इंवेस्टमेंट ऑप्शन नाम से लॉन्च किए गए। इस प्लान में निवेश करके बच्चों के भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं। सस्ते में मकान और दुकान खरीदने का मिल रहा अच्छा मौका, जानिए कैसे ये भी पढ़ें
जिसमें निवेश करने के बाद आप बच्चों की एजुकेशन से लेकर शादी तक की चिंता से मुक्त हो सकते हैं। इस इंवेस्टमेंट प्लान को सब्सक्रिप्शन के लिए 8 सितंबर को खोला जाएगा और 22 सितंबर को बंद कर दिया जाएगा। जानकारी दें कि एसबीआई म्यूचुअल फंड ने 7 सितंबर को एसबीआई मैग्नम चिल्ड्रंस बेनिफिट फंड इंवेस्टमेंट ऑप्शन लॉन्च कर दिया है।
100% हिस्सा ईटीएफ में किया जा सकता है निवेश
इस फंड में किए गए निवेश पर 5 साल की लंबी अवधि में 12 फीसदी से ज्यादा रिटर्न मिलने की उम्मीद है। चिल्ड्रंस बेनिफिट फंड ओपेन इंडेड फंड है, जिसमें निवेश कर पेरेंट्स अपने बच्चों की भविष्य की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए निवेश कर सकते हैं। यह एक सॉल्यूशन ओरिएंटेड फंड है। ये फंड आपकी पूंजी का कम से कम 65 फीसदी से लेकर 100 फीसदी तक इक्विटी एक्सचेंज्ड ट्रेडेड फंड्स में निवेश करेगा। निवेश का 35 फीसदी तक हिस्सा इंटरनेशनल इक्विटी और 20 फीसदी गोल्ड ईटीएफ में निवेश किया जा सकता है। डेट फंड में निवेश के लिए ये ट्रिपल-ए रेटेड सिक्योरिटी में पैसा लगाएगा। वहीं, 10 फीसदी हिस्सा इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट फंड में लगा सकता है।
5 साल का लॉक इन पीरियड
एसबीआई मैग्नम चिल्ड्रंस बेनिफिट फंड इंवेस्टमेंट ऑप्शन का लॉक-इन पीरियड पांच साल का है। समझें के लिए बता दें कि इस फंड में किए गए निवेश को पांच साल या बच्चे के 18 साल के होने तक नहीं निकाला जा सकता है। हालांकि, अगर बच्चा पांच साल का लॉक-इन पीरियड पूरा होने से पहले ही 18 साल का हो जाता है तो फंड से पैसे निकाले जा सकते हैं। इसे कुछ इस तरह समझा जा सकता है। मान लीजिए आपने बच्चे के 15 साल के होने पर इस फंड में निवेश किया तो लॉक-इन पीरियड पांच साल नहीं तीन साल का ही होगा। इसमें किए गए निवेश को आप जब तक चाहें फंड में रहने दे सकते हैं। एसबीआई का ये नया फंड 1 से लेकर 14 साल तक की उम्र के बच्चों के लिए शानदार है। इससे निवेश पर लंबी अवधि पर मिलने वाले फायदे उपलब्ध रहेंगे। कोई भी पेरेंट बच्चे के अकाउंट या बच्चे के साथ ज्वाइंट अकाउंट से इस फंड में निवेश कर सकते हैं। इसके बाद माता-पिता निवेश को बच्चे के 18 साल के होने तक मैनेज करेंगे। इसके बाद अकाउंट फ्रीज हो जाएगा। जब बच्चा केवाईसी की प्रक्रिया पूरी कर लेगा तो अकाउंट फिर से एक्टिव हो जाएगा। इसके बाद बच्चा खुद इस स्कीम के लिए म्यूचुअल फंड फोलियो को ऑपरेट कर सकता है।
100 फीसदी तक इक्विटी में निवेश का विकल्प
एसबीआई म्यूचुअल फंड के एमडी व सीईओ ने कहा कि पेरेंट्स को इस स्कीम में निवेश करने से बच्चों के भविष्य की चिंता से निजात मिल जाएगी। स्कीम के लिए अधिकतम एक्सपेंस रेशियो एसेट्स का 2.25 फीसदी रखा गया है। इस स्कीम में डिविडेंड ऑप्शन नहीं है। इसमें निवेशकों को सिर्फ ग्रोथ ऑप्शन मिलेगा। एसबीआई चिल्ड्रंस बेनिफिट फंड में 100 फीसदी तक इक्विटी में निवेश का विकल्प है। ऐसे में अगर एक साल से कम समय में पैसा निकाला जाता है तो 15 फीसदी शॉर्ट टर्म कैपिटेल गेंस टैक्स लगेगा।
10 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स
वहीं, लंबी अवधि तक पैसे नहीं निकालने पर 10 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगेगा। चिल्ड्रंस बेनिफिट फंड 35 फीसदी पूंजी इंटरनेशनल इक्विटीज, 20 फीसदी गोल्ड और 10 फीसदी रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट्स में निवेश की छूट देता है। एसबीआई म्यूचुअल फंड में इक्विटी के प्रमुख ने बताया कि इंटरनेशल इक्विटी और गोल्ड में निवेश को लेकर पहले कुछ भी तय नहीं होगा। इनमें निवेश का फैसला फंड मैनेजमेंट टीम करेगी। ये फंड इक्विटी और गोल्ड के साथ ही डेट फंड में निवेश की भी मंजूरी देता है। इसके लिए ट्रिपल-ए रेटेड डेट पर फंड मैनेजर का जोर रहेगा।