RTGS : पैसे भेजने से पहले जान लें चार्ज, रहेंगे फायदे में
अगर आप बैंकिंग सेवा का इस्तेमाल करते है तो आपके लिए काम की खबर है। रियल टाइम ग्रॉस सेटेलमेंट (आरटीजीएस) सिस्टम का इस्तेमाल बड़ी राशि के ट्रांजैक्शन के लिए होता है।
नई दिल्ली: अगर आप बैंकिंग सेवा का इस्तेमाल करते है तो आपके लिए काम की खबर है। रियल टाइम ग्रॉस सेटेलमेंट (आरटीजीएस) सिस्टम का इस्तेमाल बड़ी राशि के ट्रांजैक्शन के लिए होता है। इससे बैंक ग्राहकों को फंड ट्रांसफर करने में आसानी होगी। पहले आरटीजीएस खास समय और हफ्ते के कुछ दिनों तक ही होते थे। SBI नेट बैंकिंग को Lock और unlock करने का ये है आसान तरीका
लेकिन दिसंबर 2020 में आरबीआई ने बड़ा ऐलान करते हुए आरटीजीएस की सुविधा 24 घंटे और सात दिनों की सुविधा दी। इससे पहले आरटीजीएस के जरिए छुट्टी वाले दिन को छोड़कर 7 बजे सुबह से लेकर शाम 6 बजे तक सुविधा थी। आरटीजीएस फंड ट्रांसफर करने की एक तेज प्रक्रिया है। इस सिस्टम के जरिए आप एक बैंक अकाउंट से दूसरे में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। चलिए हम आपको आरटीजीएस के कुछ फायदों के बारे में बता दें।
आरटीजीएस के 5 बड़े फायदे, जान लें नहीं होगा नुकसान
- आरटीजीएस के जरिए पैसे एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर किए जाते हैं। खाते में पैसा आते ही प्रोसेसिंग शुरू हो जाती है। इस तरह जिसे पैसा ट्रांसफर किया जाता है, उसे यह तुरंत मिल जाता है।
- आरटीजीएस सुविधा पहले सुबह सात बजे से शाम 6 बजे तक उपलब्ध थी। इसका इस्तेमाल दूसरे और चौथे शनिवार के साथ रविवार को छोड़ बाकी दिनों में किया जा सकता था। लेकिन अब यह सुविधा सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे उपलब्ध है।
- आरटीजीएस सुविधा का इस्तेमाल निम्न तरीकों से किया जा सकता है। 1- मोबाइल या इंटरनेट बैंकिंग के जरिए, 2- बैंक जाकर भी आप आरटीजीएस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- आरटीजीएस के जरिए कम से कम 2 लाख रुपये ट्रांसफर कर सकते हैं। अधिकतम कोई सीमा नहीं है।
- आरटीजीएस ट्रांसफर के लिए फीस ली जा सकती है। बता दें कि अलग-अलग बैंकों की फीस अलग-अलग हो सकती है। आरबीआई के नियमों के अनुसार, अधिकतम चार्ज डेबिट ट्रांजेक्शन के मामले में लिया जाता है।
आरटीजीएस प्रोसेसिंग फी
आरबीआई ने आरटीजीएस ट्रांजेक्शन के लिए प्रोसेसिंग फी के बारे में स्पष्ट दिशानिर्देश दिए हैं।
इनवर्ड ट्रांजेक्शन के लिए किसी तरह की फी नहीं वसूली जाती है। लेकिन आउटवर्ड ट्रांजेक्शन के लिए फी ली जाती है जो इस तरह है।
यदि आर 200, 000 से लेकर 500, 000 तक का लेन देन करते हैं तो शुल्क की राशि 24.50 रुपये होगी जिसमें टैक्स नहीं शामिल है। इसी तरह से अगर ट्रांजेक्शन की राशि 5 लाख से ऊपर है तो शुल्क की राशि 49.50 रुपए है जिसमें टैक्स नहीं शामिल है।
एनईएफटी, आरटीजीएस और आईएमपीएस पेमेंट ट्रांसफर के लिए तीनों की अहम भुमिका
आईएमपीएस पेमेंट मोड में रियल टाइम के आधार पर पैसों का हस्तांतरण जल्द हो जाता है। यह 2 लाख रुपये तक और छोटे मूल्य के ऑनलाइन लेनदेन के लिए उपयुक्त है। जबकि एनईएफटी मोड में हर आधे घंटे में फंड ट्रांसफर बैचों में होता है, यह सुविधा इंस्टेंट और रियल टाइम पर आधारित नहीं है। यदि लाभार्थी को तुरंत राशि की आवश्यकता नहीं है तो फंड ट्रांसफर करने के लिए इस पेमेंट मोड का उपयोग कर सकते हैं। कुल मिलाकर ये कहें कि एनईएफटी, आरटीजीएस और आईएमपीएस तीनों ही अपनी जगह अलग-अलग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये आपके लिए कैसे उपयोगी ये आप पर ही निर्भर करता है। अगर आप ज्यादा पैसे ट्रांसफर करना चाहते हैं तो आप आरटीजीएस कर सकते हैं बाकी छोटे-छोटे पेमेंट ट्रांसफर के लिए आईएमपीएस और एनईएफटी ही सही है।