शेयर बाजार में कैसे करें निवेश, जानें पूरी जानकारी
नयी दिल्ली। शेयर बाजार से पैसा कमाने के बहुत लोग इच्छुक होते हैं। खास कर भारत जैसे देश में जहाँ बड़ी आबादी युवाओं की है। मगर अधिकतर लोग शेयर बाजार के बारे में यह नहीं जानते कि शुरुआत कहाँ से और कैसे की जाये। हम आपको बताते हैं कि शेयर बाजार में आप शुरुआत कैसे करें और किस तरह धीरे-धीरे आगे बढ़ें। उससे पहले जानते हैं कि शेयर क्या हैं और कैसे जारी किये जाते हैं। कोई कारोबारी या कंपनी अपने व्यापार का विस्तार करने के लिए इक्विटी शेयर जारी करती है। लोग इन शेयरों को खरीद कर कंपनी में हिस्सेदार बन जाते हैं। कंपनी इन शेयरधारकों के साथ डिविडेंड और बोनस के जरिये अपना मुनाफा साझा कर सकती है। कोई कंपनी सबसे पहले आईपीओ यानी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश के जरिये आम निवेशकों को शेयर जारी करती है और फिर इसके शेयरों को स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट किया जाता है। अगर आप आईपीओ में आवेदन करें और यदि आपको शेयर आवंटित किए जाते हैं, तो आप उन्हें लिस्ट होने पर बीएसई और एनएसई तुरंत या उनका भाव और ऊपर जाने पर बेच सकते हैं। अगर आप इन शेयरों को अपने पास रखें तो आपको डिविडेंड भी मिल सकता है।
सबसे पहले चाहिए डीमैट अकाउंट
अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले आपको एक डीमैट खाते की जरूरत है। इसके लिए आपको किसी ब्रोकिंग फर्म से संपर्क करने की जरूरत है। यह ब्रोकिंग फर्म शेयरखान, जियोजित या एंजेल ब्रोकिंग कोई भी हो सकती है। यह ब्रोकिंग फर्म अपने एजेंट के माध्यम से आपको डीमैट खाता खुलवाने में मदद करेंगी। आपके दो खाते खोले जायेंगे एक ट्रेडिंग अकाउंट है और दूसरा डीमैट अकाउंट। ट्रेडिंग खाता शेयरों को खरीदने और बेचने के लिए होता है, जबकि डीमैट खाता आपके शेयरों को रखने के लिए होता है। डीमैट खाते में आपके शेयर इलेक्ट्रिक फॉर्म में रखे जायेंगे, जिसमें से बेचने पर वे डेबिट और खरीदने पर क्रेडिट होंगे। यानी डीमैट खाता खुलने के बाद आप शेयरों में खरीदारी बिकवाली शुरू कर सकते हैं।
इक्विटी शेयर खरीदने के फायदे
बैंक जमा पर आपको केवल ब्याज मिलता है, मगर शेयरों में आपको डिविडेंड, बोनस और राइट्स शेयर मिलते हैं। मगर सबसे बड़ा फायदा है कैपिटल एप्रीसिएशन का। आप कोई शेयर 50 रुपये पर खरीदें और उसका मूल्य 70 हो जाये तो एक शेयर पर आपको 20 रुपये का लाभ मिलेगा। डिविडेंड को लेकर आप यह सोच सकते हैं कि कोई बहुत बड़ी कंपनी को भला यह कैसे पता चलेगा कि आप उसके शेयरहोल्डर हैं। आपके सभी शेयर दो डिपॉजिटरी के माध्यम से रखे जाएंगे, जिनमें एनएसडीएल और सीडीएसएल शामिल हैं। उदाहरण के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज आपको डिविडेंड देना चाहती है तो वे इन दो डिपॉजिटरी से शेयरधारकों की सूची प्राप्त करके डिविडेंड सीधे आपके बैंक खाते में भेज देगी। इसी तरह आपको बोनस भी मिल जायेगा।
कैसे होता है शेयरों में उतार-चढ़ाव
शेयर के दाम किसी भी दूसरे वस्तु की तरह माँग-आपूर्ति के कारण ही ऊपर नीचे जाते हैं। माँग अधिक तो प्राइस बढ़ेगा, बिक्री बढ़ने पर शेयर लुढ़केगा। कौन से शेयर खरीदे और कब बेचें इसके लिए आपको ब्रोकिंग फर्म की सहायता ले सकते हैं। एक बात यहाँ जानना बहुत जरूरी है कि शेयर आपको रियल एस्टेट या बैंक ब्याज से बेहतर रिटर्न दे सकते हैं। मगर इसके लिए आपको सही शेयरों का चुनाव और बिक्री का सही समय का पता होना चाहिए। इसके लिए आपको गहन जानकारी होनी चाहिए, वर्ना किसी विशेषज्ञ की सलाह बेहतर रहेगी। शेयर पर मिलने वाले लाभ पर टैक्स लगता है। इन शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म के आधार पर आपको टैक्स देना होगा।
क्या हैं सेंसेक्स और निफ्टी
शेयर बाजार में निवेश से पहले आपको सेंसेक्स और निफ्टी के बारे में भी पता होना चाहिए। सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के देश में बेंचमार्क इंडेक्स में से एक है। दूसरी ओर एनएसई का निफ्टी देश का शीर्ष बेंचमार्क इंडेक्स है। सेंसेक्स में 30 स्टॉक्स शामिल हैं, जबकि निफ्टी में 50 स्टॉक्स शामिल हैं। ये देश की शीर्ष बड़ी कंपनियों के शेयर होते हैं। ये स्टॉक कुछ सबसे बड़ी कंपनियों के होने के कारण छोटे कंपनियों के शेयरों की मुकाबले ज्यादा सुरक्षित माने जाते हैं। शुरुआती निवेशकों के लिए मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों की तुलना में इन शेयरों में निवेश करना बेहतर होगा।
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