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Life Insurance Claims लेने का जानें पूरा प्रोसेस, आसान है तरीका

कोरोनावायरस की वजह से देश लॉकडाउन के कारण अब सब कुछ ऑनलाइन उपलब्‍ध हो रही है। खाने पीने के सामान से लेकर ट्रांजेक्शन तक ऑनलाइन की जा रही है।

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नई द‍िल्‍ली: कोरोनावायरस की वजह से देश लॉकडाउन के कारण अब सब कुछ ऑनलाइन उपलब्‍ध हो रही है। खाने पीने के सामान से लेकर ट्रांजेक्श्न तक ऑनलाइन की जा रही है। हांलाकि कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन को 30 जून तक बढ़ा दिया गया है तो गैर कंटेनमेंट जोन के बाहर प्रतिबंधित गतिविधियों को चरणबद्ध तरीके से खोलने की अनुमत‍ि दी गयी है। इन सब बीच खास बात तो ये है कि इस इस दौरान हेल्थ पॉलिसी और जीवन बीमा की भी डिमांड काफी बढ गई है। ये बात भी सच है कि हर परिवार के लिए लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी बेहद जरूरी है। पॉलिसी धारक की मृत्‍यु होने पर यह परिवार के लिए आर्थिक रूप से मददगार होता है। अगर आपके पास लाइफ इंश्‍योरेंस कवर है तो आपको भी उसके क्‍लेम की प्रक्रिया अपने परिवार को बता कर रखनी चाहिए। आज हम आपको बताएंगे क‍ि लाइफ इंश्‍योरेंस का क्‍लेम कैसे किया जाता है और किन-किन दस्‍तावेजों की जरूरत होती है। Modi सरकार : 12 रु में लें 2 लाख रु का बीमा, जानिए डिटेल

क्‍लेम प्रोसेस

क्‍लेम प्रोसेस

सबसे पहले जानकारी दें कि पॉलिसी धारक की मृत्‍यु हो जाने पर आश्रितों को इंश्योरेंस कंपनी को पॉलिसी नंबर, बीमित व्यक्ति का नाम, मौत की तारीख, स्थान और कारण, इत्यादि जैसे डिटेल की एक लिखित सूचना भेजनी चाहिए। इसके लिए आप अपने नजदीकी ब्रांच से सूचना फॉर्म ले सकते हैं या ऑफिशियल वेबसाइट से इसे डाउनलोड कर सकते हैं।

डॉक्‍यूमेंट

डॉक्‍यूमेंट

बता दें कि क्‍लेम फॉर्म जमा करते समय, डेथ सर्टिफिकेट, बीमित व्यक्ति का आयु प्रमाण, पॉलिसी दस्तावेज, डीड्स ऑफ असाइनमेंट आदि दस्‍तावेज दाखिल करें। यदि एक पॉलिसी धारक की मौत, लाइफ इंश्योरेंस खरीदने के तीन साल के भीतर हो जाती है तो कुछ अतिरिक्त दस्तावेज भी पेश करने पड़ते हैं। ज‍िसमें कि अस्पताल का प्रमाणपत्र यदि मृत व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती किया गया था, घटना के दौरान उपस्थित व्यक्ति से दाह-संस्कार या दफन का प्रमाणपत्र, नियोक्ता का प्रमाणपत्र यदि मृत व्यक्ति नौकरी करता था, बीमारी के विवरणों का उल्लेख करते हुए एक मेडिकल अटेंडेंट का प्रमाणपत्र शामिल है।

क्‍लेम सेटलमेंट

क्‍लेम सेटलमेंट

आईआरडीएआई के नियमानुसार, बीमा कंपनियों को बीमे की रकम क्लेम करने के 30 दिन के भीतर जारी कर देनी चाहिए। यदि इंश्योरेंस कंपनी को अतिरिक्त छानबीन करने की जरूरत हो तो भुगतान प्रदान करने की प्रक्रिया, क्लेम प्राप्त होने के बाद 6 महीने के भीतर पूरी हो जानी चाहिए। 

ऑनलाइन इंश्‍योरेंस खरीदने वक्‍त इन बातों का रखें ध्‍यान

ऑनलाइन इंश्‍योरेंस खरीदने वक्‍त इन बातों का रखें ध्‍यान

वहीं दूसरी आपको बता दें कि ऑनलाइन खरीदने वक्‍त इन बातों का ध्‍यान रखना बेहद जरुरी है। इसके साथ ही इंश्‍योरेंस के फर्जी ऑनलाइन ऑफर से सावधान रहे। फिलहाल कोरोना से देशभर में लॉकडाउन के कारण इंश्‍योरेंस खरीदने के लिए इंटरनेट लोगों का पसंदीदा जरिया बन गया है। महामारी के चलते खासतौर से लोगों की हेल्‍थ इंश्‍योरेंस को खरीदने में दिलचस्‍पी बढ़ी है।

इन वेबसाइट से ही खरीदें इंश्योरेंस
हाल ही में बीमा नियामक लोगों को आगाह किया गया है कि कई फर्जी संस्‍थान डिजिटल माध्‍यम से बेहद कम प्रीमियम पर इंश्‍योरेंस पॉलिसी का लालच दे रहे हैं। ऐसे किसी झांसे में फंसने से उन्‍हें बचना चाहिए। इन संस्‍थानों से ही इंश्‍योरेंस पॉलिसी खरीदनी चाहिए:
1. इरडा से पंजीकृत बीमा कंपनियां
2. इरडा से पंजीकृत इंश्‍योरेंस इंटरमीडिएयरी जिन्‍हें ऐसा कारोबार करने की इंजाजत है
3. इंश्‍योरेंस कंपनियों के नियुक्‍त बीमा एजेंट

हाल ही में इरडा ने कहा है कि ग्राहकों को बीमा कंपनी, इंटरमीडिएरी या एजेंटों की वास्‍तविकता को जांच लेना चाहिए। जांच के बाद ही ऑनलाइन पेमेंट के बारे में सोचना चाहिए। नियामक ने कहा कि और अधिक जानकारी के लिए इरडा की कंज्‍यूमर एजुकेशन वेबसाइट http://www.policyholder.gov.in/ पर ग्राहक जा सकते हैं।

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English summary

know The Process Of Claiming Life Insurance Amount

You should also know how life insurance is claimed and what documents are required.
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