Gold में निवेश के 4 शानदार तरीके, कम पैसे से करें शुरुआत
सोने में निवेश काफी तेजी से बढ़ा है। सोना निवेश के लिहाज से भी काफी अच्छा मुनाफा देता रहा है। सोना आज भारत के लोगों का सबसे पसंदीदा इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है।
नई दिल्ली: सोने में निवेश काफी तेजी से बढ़ा है। सोना निवेश के लिहाज से भी काफी अच्छा मुनाफा देता रहा है। सोना आज भारत के लोगों का सबसे पसंदीदा इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है। सोने में निवेश काफी तेजी से बढ़ा है। फिर चाहे त्योहारों का मौसम हो या परंपरागत समारोह, प्रत्येक घर में इस पीली धातु की एक खास जगह है। Gold को बेचने से पहले जान लें कितना लगेगा Tax, नहीं होगा नुकसान ये भी पढ़ें
सोना निवेश के लिहाज से भी काफी अच्छा मुनाफा देता रहा है। सोना खरीदना हमेशा से भारतीयों की पसंद रहा है। सोना सिर्फ परंपरा की वजह से ही नहीं, बल्कि निवेश के लिहाज से भी खरीदा जाता है। सोना को गहनों के तौर पर खरीदने के अलावा निवेश का एक मजबूत माध्यम समझा जाता है। इस बार भी बड़े पैमाने पर लोग गोल्ड ज्वेलरी खरीदने की तैयारी कर रहे होंगे। खासकर महिलाएं त्योहारों में ज्वेलरी जरूर खरीदती हैं।
वैक्सीन की खबरों के कारण सोने-चांदी के दामों में गिरावट
पिछले कुछ महीनों में सोना-चांदी के भावों से काफी उतार चढ़ाव देखा गया है। महामारी के दौरान अगस्त में सोना सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। सोना का भाव 60000 रुपए प्रति 10 ग्राम की तरफ बढ़ रहा है वहीं चांदी 73000 रुपये प्रति किलो के ऊपर चली गई है। जबकि हाल के दिनों की बात करें तो कीमतों में सुधार देखा जा रहा है। महामारी वैक्सीन को लेकर आई खबरों के कारण सोने-चांदी के दामों में गिरावट देखने को मिल रही है। महामारी वैक्सीन के कारण शेयर बाजार में रौनक बढ़ी है। निवेशक सोने से पैसा निकालकर शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं। वहीं डॉलर के कमजोर होने से महामारी वैक्सी आने और इकोनॉमी में रिकवरी की आशा से इक्विटी की तरफ ध्यान जाने लगा। इन कारणों से सोने की कीमत में गिरावट आ रही है। कोरोना का कारगर टीका बनाने के करीब दुनिया की कई दवा कंपनियां पहुंच चुकी हैं। इसकी वजह से आने वाले समय में कोरोना का डर कम होगा और सोना बहुत ज्यादा सुरक्षित निवेश नहीं रह जाएगा। यही वजह है सोने के रेट में गिरावट आ रही है। अगर आप सोने में कम पैसे लगाकर निवेश करना चाहते है तो हम यहां आपको ऐसे 4 तरीके बताएंगे जिसके जरिए आप कम पैसे में ही निवेश कर सके।
सोने में थोड़े पैसे लगाने के 4 तरीके हैं
गोल्ड ईटीएफ
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के जरिये भी सोने में निवेश किया जा सकता है। गोल्ड ईटीएफ की यूनिटें स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होती हैं। आप वहां से इन यूनिटों को खरीद सकते हैं। इनका मूल्य सोने की कीमतों की तर्ज पर होता है। गोल्ड ईटीएफ में निवेश के लिए आपके पास डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए।
गोल्ड ईटीएफ के तीन प्रमुख लाभ हैं:
- आप ईटीएफ की एक इकाई के रूप में कम खरीद सकते हैं।
- आपको धातु के भंडारण के लिए व्यवस्था करने की आवश्यकता नहीं है।
- गोल्ड ईटीएफ भौतिक सोने के स्वामित्व के लाभों के साथ स्टॉक-मार्केट ट्रेडिंग के लचीलेपन और आसानी को जोड़ती है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी)
सरकार अलग-अलग समय पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) जारी करती है। जब कभी इसके इश्यू को जारी किया जाता है, निवेशक एसजीबी को सब्सक्राइब कर सकते हैं। निवेशक 1 ग्राम के डीनॉमिनेशन में इसमें निवेश कर सकते हैं। अलॉटमेंट पर उन्हें गोल्ड बॉन्ड सर्टिफिकेट दिया जाता है। भुनाते समय निवेशक को सोने का मूल्य प्राप्त होता है। इसका रेट पिछले तीन दिनों के औसत क्लोजिंग प्राइस पर तय होता है। बॉन्ड की अवधि में पहले से तय दर से निवेशक को ब्याज का भुगतान किया जाता है। जब एसजीबी का इश्यू खुलता है, तो निवेशक बैंक की ब्रांच, पोस्ट ऑफिस, अधिकृत स्टॉक एक्सचेंजों में इसमें सीधे या अपने एजेंटों के जरिये अप्लाई कर सकते हैं।
गोल्ड म्यूचुअल फंड
गोल्ड म्यूचुअल फंड ओपन-एंडेड निवेश प्रोडक्ट है जो गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश करते हैं। उनका नेट एसेट वैल्यू ETFs के प्रदर्शन से जुड़ा हुआ है। इसके लिए डीमैट काउंट की जरूरत नहीं होती है। इसमें किसी दूसरे म्यूचुअल फंड की तरह की निवेश किया जा सकता है। पिछले एक साल की बात करें तो गोल्ड फंड ने निवेशकों को बंपर रिटर्न दिया है। कई ऐसे फंड हैं जिनका रिटर्न 30 से 40 फीसदी के बीच रहा है। गोल्ड म्यूचुअल फंड में निवेश पर एक्सपेंस रेश्यो देना पड़ता है। जबकि कुछ फंड एक्जिट लोड भी लेते हैं। इसमें एसआईपी के जरिए भी पैसा लगा सकते हैं। गोल्ड म्युचुअल फंड में 3 साल से अधिक के निवेश को लॉन्ग-टर्म माना जाता है। एसबीआई गोल्ड फंड, कोटक गोल्ड फंड, Axis गोल्ड ETF फंड, Invesco इंडिया गोल्ड एक्सचेंज ट्रेड फंड कुछ बेहतर गोल्ड फंड हैं।
डिजिटल गोल्ड
अगर सरल शब्दों में कहें तो डिजिटल सोना ऑनलाइन चैनल के माध्यम से फिजिकल सोना खरीदने की प्रक्रिया को कहते है। हालांकि आपके द्वारा खरीदा हुआ सोना तीसरे पक्ष द्वारा प्रबंधित किया जाता है।
जानिए कौन भारत में डिजिटल गोल्ड की बिक्री या सेवा प्रदाता
विभिन्न फिनटेक या निवेश कंपनियां (ग्रो, कुवेरा) और डिजिटल वॉलेट डिजिटल सोना खरीदने के लिए कम से कम 1gm तक के गोल्ड निवेश का मौका देता है। डिजिटल गोल्ड में निवेश काफी सस्ता होता है। इसके साथ ही डिजिटल गोल्ड में सिर्फ 1 रुपए से निवेश किया जा सकता है। हालांकि, अलग-अलग कंपनियों की शर्तें अलग हो सकती हैं। इसके बावजूद डिजिटल तरीके से निवेश करने पर आपके सामने 5 बड़े जोखिम आते हैं।
1. एमएमटीसी-पीएएमपी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
2. डिजिटल गोल्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड इसके सेफगोल्ड ब्रांड के तहत
3. ऑग्मेंट गोल्ड
डिजिटल गोल्ड नहीं होता रेगुलेटर
डिजिटल गोल्ड आपके खाते में जमा रकम की तरह होता है। इसे फिजिकल गोल्ड की तरह लॉकर में रखने की दिक्कत नहीं होती। सोने का निर्माता डिजिटल गोल्ड में निवेश का सबसे बड़ा जोखिम यह है कि इसके लिए कोई नियामक यानी रेगुलेटर नहीं होता। जब आप डिजिटल सोना खरीदते हैं तो निर्माता आपके नाम के बराबर राशि का सोना खरीदता है। यह सोना किसी थर्ड पार्टी या विक्रेता के वॉल्ट में (जैसा कि एमएमटीसी-पीएएमपी के मामले में होता है) संग्रहीत किया जाता है। सामान्य तौर पर एक ट्रस्टी को यह देखने के लिए नियुक्त किया जाता है कि निवेशक द्वारा खरीदे गए सोने की मात्रा और क्वालिटी ठीक है या नहीं। हालांकि ट्रस्टी ठीक से काम कर रहा है या नहीं ये देखने वाला कोई नियामक नहीं होता। मगर गोल्ड ईटीएफ के मामले में सेबी है और सोने के बांड के लिए आरबीआई नियामक होता है।