आईआईटी मंडी दे रही 10 करोड़ रुपये, जानें लेने की शर्तें
मंडी। प्रौद्योगिकी उद्यम इंकूबेटर आईआईटी मंडी कैटालिस्ट अगले पांच सालों में स्टार्टअप्स को 10 करोड़ रुपये का अनुदान देगी। इसकी घोषणा मंगलवार को की गई। अब कोई स्टार्टअप आईआईटी मंडी कैटालिस्ट से 50 लाख रुपये का सीड कैपिटल हासिल कर सकता है। पहले इसकी अधिकतम सीमा 15 लाख रुपये थी। यह घोषणा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी उद्यमिता विकास बोर्ड द्वारा आईआईटी मंडी कैटालिस्ट में सीड सपोर्ट सिस्टम कार्यक्रम की स्थापना को मंजूरी देने के बाद की गई है।
ऐसे मिलेगा अनुदान
सीड सपोर्ट सिस्टम कार्यक्रम के तहत, स्टार्टअप्स को कम से कम 3 महीने आईआईटी मंडी में रेसीडेंशी कार्यक्रम के तहत रहना होगा। इस अवधि में, कैटालिस्ट स्टार्टअप के विचार पर काम शुरू करने और अपनी योग्यता साबित करने के लिए 1.5 लाख रुपये का अतिरिक्त अनुदान देगी। जो उद्यमी सफलतापूर्वक अपने विचार की योग्यता साबित कर पाएंगे, वे 50 लाख रुपये का अनुदान प्राप्त करने के योग्य होंगे।
अनुदान बढ़ाने से बढ़ेगी लोकप्रियता
कैटालिस्ट के फैकल्टी इंचार्ज पूरन सिंह ने कहा, "आईआईटी मंडी इस क्षेत्र में मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है, और स्टार्टअप्स के लिए अनुदान बढ़ाना इस दिशा में मजबूत कदम है।" उन्होंने कहा, "हमारा विजन कामांड वैली को देश भर के स्टार्टअप्स का पसंदीदा गंतव्य बनाना है।"
30 से ज्यादा स्टार्टअप्स को दी जा चुकी है मदद
पिछले तीन सालों में आईआईटी मंडी ने 1 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान जारी किया है। इसके अलावा 30 से अधिक स्टार्टअप्स में निवेश किया है, जिन्होंने 3 महीने की रेसिडेंशी कार्यक्रम में भाग लिया था।
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