ITR भरने में देरी पर जानें क्या होगा आपके साथ, रहें सतर्क
नई दिल्ली। देश में वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से शुरू होकर 31 मार्च को खत्म होता है। 31 मार्च को वित्तीय वर्ष खत्म होने के बाद लोगों की कानूनी जिम्मेदारी है कि वह इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करें। इस बार लोगों को वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए अपना टैक्स रिटर्न फाइल करना है। इसके लिए लोगों को 4 माह का समय मिलता है, यानी 31 जुलाई 2019 तक लोगों के पास अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कारने का मौका है। अगर इस दौरान लोगों ने अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर दिया तो ठीक, नहीं तो उन भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। हां इस जुर्माने के साथ लोग 31 मार्च 2020 तक अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
आ सकता है इनकम टैक्स विभाग का नोटिस
अगर किसी ने 31 जुलाई 2019 तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया तो इनकम टैक्स विभाग नोटिस भी भेज सकता है। इसीलिए अभी भी मौका है कि आप रिटर्न फाइल करके कानूनी दिक्कतों से बच सकते हैं।
कितनी देनी होगी पेनाल्टी
देश के इनकम टैक्स कानून में बदलाव कर दिया गया है। यह बदलाव 2017 के बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किया था। यह पेनल्टी वित्तीय वर्ष 2017-18 से लागू हो गई है। इससे पहले यह नियम नहीं था और असेसिंग अफसर यह तय करता था कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल की देरी पर पेनल्टी लगाई जाए या नहीं। इनकम टैक्स एक्ट में सेक्शन 234एफ के शामिल होने से रिटर्न के लेट फाइल होने पर पेनाल्टी अनिवार्य हो गई है।
-31 जुलाई 2019 के बाद और 31 दिसंबर 2019 तक आप रिटर्न फाइल करते हैं, तो 5,000 रुपये लेट फाइन लगाया जा सकता है।
-1 जनवरी 2020 से लेकर 31 मार्च 2020 तक रिटर्न फाइल करने पर, 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।
छोटे टैक्सपेयर्स पर पेनल्टी कम
अगर कोई छोटा करदाता है, जिनकी कुल कमाई 5 लाख रुपये से कम है, और वो 31 मार्च से पहले रिटर्न फाइल करते हैं, तो उन पर अधिकतम लेट फीस के रूप में 1000 रुपये की पेनल्टी लगाई जा सकती है।
-अगर किसी टैक्सपेयर्स की कुल इनकम, टैक्स स्लैब छूट के दायरे में है तो उसके देर से रिटर्न फाइल करने पर कोई पेनल्टी नहीं लगती है।
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