लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल : बीमा कंपनियां करें कोरोनोवायरस क्लेम को कवर
नयी दिल्ली। लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल ने कहा है कि प्राइवेट और सरकारी सभी बीमा कंपनियां कोरोनावायरस से संबंधित किसी भी डेथ क्लेम को तुरंत प्रोसेस करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल ने साफ किया है कि बीमा कंपनियां कोरोनावायरस के कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु के क्लेम को निपटाने के लिए बाध्य हैं। काउंसिल ने यह भी साफ किया है कि कोरोना से मौत के क्लेम के मामले में 'फोर्स मेजर' का नियम लागू नहीं होगा। फोर्स मेजर का मतलब एक ऐसा समझौता है जब किसी ऐसी अप्रत्याशित घटना के कारण कोई एक पक्ष समझौते का पालन करने के लिए बाध्यकारी नहीं होता। यह स्पष्टीकरण उन ग्राहकों को आश्वस्त करने के लिए दिया गया है जो पर्सनल जीवन बीमा कंपनियों से इस नियम पर स्पष्टता और सामने आ रही अफवाहों पर जवाह चाह रहे थे।
कंपनियों ने किया ग्राहकों से संपर्क
सभी जीवन बीमा कंपनियों ने इस संबंध में व्यक्तिगत रूप से अपने ग्राहकों को सूचित कर दिया है। इस मौके पर लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल के महासचिव ने कहा है कि कोरोनावायरस महामारी के वैश्विक और स्थानीय प्रभाव के कारण हर परिवार में जीवन बीमा की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जीवन बीमा इंडस्ट्री यह सुनिश्चित करने के लिए हर उपाय कर रहा है कि लॉकडाउन के कारण पॉलिसीधारकों के लिए दिक्कत कम से कम हो। इसके लिए ग्राहकों को डिजिटल रूप से बिना रुके सहायता प्रदान की जा रही है। साथ ही कोरोना से संबंधित डेथ क्लेम निपटान भी किया जा रहा है।
बीमा कंपनियां ग्राहकों के साथ
लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल महासचिव ने कहा है कि हम दोहराते हैं कि सभी जीवन बीमा कंपनियां इस कठिन समय में ग्राहकों के साथ खड़ी हैं। साथ ही उन्होंने ग्राहकों को आगाह भी किया कि गलत सूचना या गलत बयानी से प्रभावित न हों। नवंबर 2019 में लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल ने जीवन बीमा की आवश्यकता पर जोर देते हुए, "सबसे पहले लाइफ इंश्योरेंस" नाम से भारतीय बीमा इंडस्ट्री का पहला संयुक्त जागरूकता अभियान शुरू करने की घोषणा की थी। इस अभियान के जरिए भारतीयों से प्राथमिक सुरक्षा उपकरण के रूप में जीवन बीमा का विकल्प चुनने का आग्रह किया गया।
बढ़ी है बीमा की सेल्स
कोरोनोवायरस के बढ़ते मामलों के बीच जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों की मांग में तेजी देखने को मिली है। ऑनलाइन वितरण पोर्टल पॉलिसीबाजार के मुताबिक स्वास्थ्य बीमा ने 35-40 प्रतिशत की छलांग लगाई है, जबकि जीवन बीमा की मांग में इस दौरान में 20 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है। वैसे मार्च में हर साल ही बीमा इंडस्ट्री में जोरदार बढ़ोतरी देखने को मिलती है, क्योंकि लोग वित्त वर्ष खत्म होने से पहले पॉलिसी खरीदने में तेजी दिखाते हैं। मगर इस साल पिछले कुछ वर्षों की औसत के मुकाबले लाइफ और हेल्थ दोनों पॉलिसी की बिक्री में 10 फीसदी की अधिक बढ़त दिखी है।
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