Wipro : सीधे बना दिया 1100 करोड़ रु का मालिक, जानिए क्या किया
नई दिल्ली, जून 13। देश में एक से बढ़कर एक कंपनियां हैं। इसी में से एक कंपनी है विप्रो। इस कंपनी ने निवेशकों को तगड़ा रिटर्न दिया है। आज स्थिति यह है कि करोड़पति बनाना तो छोड़ों इस कंपनी ने तो सीधे 1100 करोड़ रुपये की वैल्यू बना दी है। शेयर बाजार में पैसा इसी तरह बनता है। अगर सही कंपनी में निवेश किया जाए, और लम्बे समय तक रहा जाए तो मामूली सी रकम करोड़ों रुपये या अरबों रुपये हो सकती है। अगर भरोसा न हो रहा हो तो यहां पर डिटेल ले सकते हैं। इसके अलावा अंत में यह जानिए आज विप्रो का क्या हाल है और आगे यह कैसे अमीर बना सकती है। इसके अलावा यह भी जानिए कैसे विप्रो ने एक पूरे गांव को करोड़पति बना दिया है। इस गांव में बच्चे के जन्म पर विप्रो का शेयर खरीद लिया जाता है।
व्रिपो ने 10,000 रुपये के निवेश को बना दिया है 1100 करोड़ रुपये
विप्रो निवेशकों को तगड़ा रिटर्न देने वाली कंपनी है। अगर किसी ने 1980 में विप्रो के शेयर में मात्र 10,000 रुपये का निवेश कर दिया होगा, और अभी तक निवेश बनाए रखा होगा तो उस निवेश की वैल्यू अब करीब 1100 करोड़ रुपये हो गई है। इस रिटर्न में बोनस शेयर और स्पिलिट शेयर को शामिल किया गया है। हालांकि इसमें समय समय पर मिलने वाले लाभांश को शामिल नहीं किया गया है, जो कि कई लाख रुपये का हो चुका है।
ऐसे बने 10,000 रुपये 1100 करोड़ रुपये
अगर आज से 42 साल पहले (1980 में) में किसी ने 10,000 रुपये के विप्रो के शेयर खरीदे होंगे, तो उनकी वैल्यू अब 1100 करोड़ रुपये है। यहां पर यह मान कर चला जा रहा है कि यह निवेश न तो निकाला गया है और न ही बोनस शयर और स्पिलिट शेयर को बेचा गया है। 1980 में विप्रो के शेयर की कीमत करीब 100 रुपये थी। बाद में कंपनी अपने शेयर स्पिलिट करती गई और बोनस शेयर देती गई। इस कारण 1980 में जिसने 100 शेयर खरीदे थे, उसके पास आज विप्रो के करीब 25536000 शेयर होंगे। इन शेयरों की वैल्यू आज के विप्रो के शेयर के रेट के हिसाब से करीब 1100 करोड़ रुपये होती है।
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जानिए कैसे तेजी से बढ़ी शेयरों की संख्या
1980 में विप्रो के शेयर में 10,000 रुपये लगाने वाले निवेशक को विप्रो के 100 शेयर मिले। बोनस शेयर और स्पिलिट के बाद 100 शेयर बढ़कर 25536000 शेयर हो गए।
जानिए कैसे तेजी से बढ़ी विप्रो के शेयर की संख्या
- 1980 में 100 शेयर
- 1981 में 1:1 के बोनस से 200 शेयर हो गए
- 1985 में 1:1 बोनस से 400 शेयर हो गए
- 1986 में शेयर स्पिलिट हुआ फेस वैल्यू 10 रुपये होने से 4,000 शेयर हो गए
- 1987 में 1:1 बोनस से 8,000 शेयर हो गए
- 1989 में 1:1 बोनस से 16,000 शेयर हो गए
- 1992 में 1:1 बोनस से 32,000 शेयर हो गए
- 1995 में 1:1 बोनस से 64,000 शेयर हो गए
- 1997 में 2:1 बोनस से 1,92,000 शेयर हो गए
- 1999 में शेयर स्पिलिट हुआ फेसवैल्यू 2 होने से 9,60,000 शेयर हो गए
- 2004 में 2:1 बोनस से 28,80,000 शेयर हो गए
- 2005 में 1:1 बोनस से 57,60,000 शेयर हो गए
- 2010 में 2:3 बोनस से 96,00,000 शेयर हो गए
- 2017 में 1:1 बोनस से 1,92,00,000 शेयर हो गए
- 2019 में 1:3 बोनस से 25536000 शेयर हो गए
नोट: यह जानकारी एनएसई और बीएसई के शेयर बाजार के जानकारों से ली गई है।
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और भी ऐसा रिटर्न देने वाले शेयर
शेयर बाजार के जानकारों के अनुसार अगर सही शेयर में निवेश किया जाए और काफी लम्बे समय तक रहा जाए तो विप्रो जैसे ही रिटर्न मिलते हैं। विप्रो के अलावा भी ढेर सारी ऐसी कंपनियां हैं, जिन्होंने ऐसा ही रिटर्न दिया है। अगर आईटी स्पेश में देखें तो इनफोसिस और टीसीएस ने भी ऐसा ही रिटर्न दिया है। वहीं आईटी के बाहर अन्य कंपनियों में आयशर मोटर्स, सिम्फनी, नाटको फार्मा और अजंता फार्मा शेयर ऐसे ही रिटर्न देने वाले शेयर रहे हैं। इन शेयरों ने भी निवेशकों को करोड़पति बना दिया है।
जानिए आज विप्रो के शेयर का हाल
विप्रो का शेयर आज गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा है। आज एनएसई पर विप्रो का शेयर 451 रुपये के करीब ट्रेड कर रहा है। लेकिन आज इस शेयर में गिरावट है। आज विप्रो के शेयर ने अपना न्यूनतम का स्तर 445.00 रुपये का और अधिकतम का स्तर 452.55 रुपये का बनाया है। वहीं विप्रो का एक साल का न्यूनतम का स्तर 443.20 रुपये का और अधिकतम का स्तर 739.85 रुपये का है।
वहीं विप्रो का शेयर आज बीएसई में भी गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा है। आज बीएसई पर विप्रो का शेयर 452 रुपये के करीब ट्रेड कर रहा है। लेकिन आज इस शेयर में गिरावट है। आज विप्रो के शेयर ने अपना न्यूनतम का स्तर 445.50 रुपये का और अधिकतम का स्तर 452.50 रुपये का बनाया है। वहीं विप्रो का एक साल का न्यूनतम का स्तर 443.15 रुपये का और अधिकतम का स्तर 739.80 रुपये का है।
अब जानिए व्रिपो का इतिहास
विप्रो आज एक बड़ी आईटी कंपनी है। लेकिन विप्रो की शुरुआत साबुन और वनस्पति तेल के कारोबार से हुई थी। विप्रो की शुरुआत 1945 में महाराष्ट्र में स्थित आलमनेर नाम के एक गांव में हुई थी। इस गांव में आज हर कोई करोड़पति है। हर परिवार के पास विप्रो के शेयर हैं। यहां विप्रो कंपनी के कुछ शेयर बच्चे के पैदा होते ही उसके लिए खरीद लिए जाते हैं। इसी कारण गांव को करोड़पतियों का शहर भी कहा जाता है।