TCS दे रही गारंटीड कमाई का मौका, आज है अंतिम चांस
नई दिल्ली, फरवरी 20। बीते शुक्रवार को टाटा ग्रुप की टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), जो कि देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी है, के शेयर में 0.42 फीसदी की मजबूती आई। शुक्रवार को शेयर बाजार में गिरावट के बावजूद टीसीएस का शेयर मजबूत हुआ। हाल ही में टीसीएस ने बायबैक ऑफर की रिकॉर्ड डेट घोषणा की थी, जिसके बाद इसके शेयर बाजार में तेजी दिखी है। टीसीएस शेयरों की बायबैक करने जा रही है। बायबैक का मतलब होता है अपने ही शेयरों को शेयरहोल्डरों से वापस खरीद लेना। कंपनी अपने शेयरधारकों को मौजूदा भाव ऊंची रकम देगी। टीसीएस के बायबैक से शेयरधारकों को फायदा हो सकता है।
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शुक्रवार को कैसा रहा शेयर
शुक्रवार को टीसीएस का शेयर 0.42 फीसदी की मजबूती के साथ 3800 रु पर बंद हुआ है। टीसीएस के बायबैक ऑफर में शेयरों का भाव है 4500 रु। यानी टीसीएस बायबैक ऑफर के तहत शेयरधारकों से 4500 रु के भाव पर एक शेयर खरीदेगी। इस तरह निवेशक मौजूदा भाव से हर शेयर पर पूरे 700 रु या 18 फीसदी से अधिक का फायदा हासिल कर सकते हैं।
आज क्यों है आखिरी दिन
बायबैक में हिस्सा लेने के लिए आपके पास 23 फरवरी तक टीसीएस के शेयर होने चाहिए। भारत में शेयर खरीदने के लिए टी+2 सिस्टम चलता है। टी का मतलब है ट्रेडिंग डे। यानी आपने जिस दिन शेयरों में ट्रेड किया, उसके दो बाद ही आपके डीमैट खाते में शेयर आते हैं। अब यदि आप चाहते हैं कि 23 फरवरी, जो कि टीसीएस के बायबैक ऑफर की रिकॉर्ड तिथि है, को आपके पास टीसीएस के शेयर हों तो आपको आज ही इसके शेयर खरीदने होंगे। तब ही ये आपके डीमैट खाते में परसों तक आ पाएंगे।
5 साल में चौथा बायबैक ऑफर
टीसीएस 18000 करोड़ रु के बायबैक ऑफर लाने जा रही है। बताते चलें कि यह पिछले 5 साल में टीसीएस का चौथा बायबैक इश्यू है। ये इसका सबसे बड़ा बायबैक इश्यू भी है। मालूम हो कि कोई कंपनी जब अपने ही शेयरधारकों से अपने शेयर वापस खरीदती है तो इसे बायबैक कहते हैं। बायबैक आईपीओ का उलटा होता है। कोई कंपनी आईपीओ में शेयर बेचती है, जबकि बायबैक में वापस खरीदती है। बायबैक की प्रोसेस पूरी होने पर उन शेयरों का कोई वजूद नहीं रहता।
इन कारणों से वापस खरीदे जाते हैं शेयर
कंपनियां क्यों बायबैक ऑफर लाती हैं, ये एक जरूरी सवाल है। अकसर अलग अलग कारणों से कंपनियों द्वारा शेयरों का बायबैक किया जाता है। कंपनी की बैलेंस शीट में अतिरिक्त नकदी का होना इन कारणों में से एक है। कंपनी के पास ज्यादा नकदी होना अच्छा नहीं माना जाता। उस स्थिति में माना जाता है कि कंपनी अपने कैश का उपयोग नहीं कर पा रही। कभी किसी कंपनी के शेयर की कीमत कम यानी अंडरवैल्यूड होती है, तो बायबैक के जरिये उसे बढ़ाया जाता है। जैसे टीसीएस के मामले में ही देख लीजिए कि 3800 रु के मौजूदा भाव पर ये 4500 रु प्रति शेयर वापस देगी।
बायबैक ऑफर को मंजूरी
12 जनवरी को टीसीएस के निदेशक मंडल ने 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की कुल राशि के लिए 4 करोड़ शेयरों तक के बायबैक को मंजूरी दी थी। बायबैक का साइज कंपनी की कुल चुकता इक्विटी शेयर पूंजी का 1.08 फीसदी है। कंपनी ने कहा था कि यह 4,500 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से शेयर खरीदेगी।