Tax : ये नियम आज से बदल गए, उठाएं फायदा
बीते कल यानी 1 अप्रैल से नए फाइनैंशल इयर 2019-20 की शुरुआत हो गई है। टैक्स और इन्वेस्टमेंट से जुड़े कई नियमों में बदलाव हुए हैं। जिनका ध्यान इस साल आपको रखना होगा।
नई दिल्ली: बीते कल यानी 1 अप्रैल से नए फाइनैंशल इयर 2019-20 की शुरुआत हो गई है। टैक्स और इन्वेस्टमेंट से जुड़े कई नियमों में बदलाव हुए हैं। जिनका ध्यान इस साल आपको रखना होगा। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश भर में चल रहे 21 दिन के लॉकडाउन के कारण सरकार ने कुछ नियमों या प्रक्रियाओं की समय सीमा में इजाफा कर दिया है, इससे वे नए वित्त वर्ष के शुरू होने पर भी यथावत बनी रहेंगी। इसमें साल 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न की फाइलिंग भी शामिल है। सरकार ने इसकी आखिरी तारीख को आगे बढ़ा दिया है। वैसे ही पेन कार्ड को आधार से लिंक करने की अंतिम तिथि को भी आगे बढ़ाकर 30 जून कर दिया है। आज हम आपको बजट 2020 में घोषित हुए कुछे ऐसे आयकर से जुड़े नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो एक अप्रैल से प्रभावी हो गई है।
नया टैक्स स्लैब
बजट 2020 में हुई घोषणा के अनुसार, नया टैक्स स्लैब एक अप्रैल से प्रभावी रहेगा। हालांकि, पुराना टैक्स स्लेब भी प्रभावी रहेगा। इससे लोगों के सामने दोनों में से किसी एक का चयन करने का विकल्प रहेगा। बजट में घोषित नए टैक्स स्लैब में 2.5 लाख तक की सालाना आय पर शून्य, 2.5 लाख से 5 लाख तक की सालाना आय पर 5 फीसद, पांच लाख से ऊपर और 7.5 लाख से कम की सालाना आय पर 10 फीसद, 7.5 लाख से ऊपर और 10 लाख से कम सालाना आय पर 15 फीसद, 10 लाख से ऊपर और 12.5 लाख से कम सालाना आय पर 20 फीसद, 12.5 लाख से ऊपर और 15 लाख से कम सालाना आय पर 25 फीसद और 15 लाख से ऊपर की सालाना आय पर 30 फीसद टैक्स का प्रावधान है।
ईपीएफ, एनपीएस में 7.5 लाख रुपये से अधिक का योगदान
अगर एनपीएस, ईपीएफ और पेंशन फंड में एक साल में नियोक्ता का योगदान 7.5 लाख रुपये को पार करता है, तो यह कर्मचारी के सिरे पर करयोग्य होगा। आय कर नियम में यह परिवर्तन नए और पुराने दोनों टैक्स स्लैब में लागू होगा।
व्यक्तिगत आय स्लैब के अनुसार लाभांश आयकर
म्युचुअल फंड्स और घरेलू कंपनियों से मिला डिविडेंड्स प्राप्तकर्ता के लिए कर योग्य होगा। एक अप्रैल से प्रभावी नए टैक्स नियम से उच्च टैक्स ब्रैकेट्स में आने वाले निवेशकों पर ज्यादा बोझ पड़ेगा, जबकि निचले टैक्स ब्रैकेट्स वाले लोगों के लिए बोझ कम होगा।
एनआरआई की नियमों में बदलाव
बजट 2020 ने 'अनिवासी भारतीय (एनआरआई)' की स्थिति या किसी व्यक्ति की स्थिति का निर्धारण करने के लिए उपयोग किए जाने वाले मानदंडों में कुछ बदलावों का प्रस्ताव किया। हालाँकि, संसद में बजट पारित होने के समय उन प्रस्तावों में कुछ संशोधन किए गए थे। किए गए अंतिम परिवर्तनों के अनुसार, भारत में रहने वाले एक अनिवासी भारतीय को 'निवासी नहीं बल्कि सामान्य निवासी' माना जाएगा, यदि भारत में उसकी कर योग्य आय 15 लाख रुपये से अधिक है। या भारत में रहने का समय 120 दिन से अधिक है, या फिर पिछले चार वित्तीय वर्ष में भारत में 365 दिन या उससे अधिक है।
विदेशी टूर पैकेज के लिए टीसीएस
1 अप्रैल, 2020 से विदेशी टूर पैकेज खरीदना और विदेशों में कोई भी फंड खर्च करना महंगा हो जाएगा। अगर कोई विदेशी टूर पैकेज खरीदता है या विदेशी करेंसी एक्सचेंज कराता है तो 7 लाख रुपये से अधिक की रकम पर टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (टीसीएस) देना होगा। दरअसल, केंद्र सरकार ने आम बजट 2020 में सेक्शन 206C में संशोधन कर विदेशी टूर पैकेज और फंड पर 5 फीसदी टीसीएस लगाने का प्रस्ताव दिया।
घर खरीदने में मिलेगा फायदा
वे लोग जो पहली बार घर खरीद रहे हैं और इसकी कीमत 45 लाख रुपये तक है, तो उनके लिए सरकार ने अतिरिक्त कर लाभ की तारीख को एक साल के लिए 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया है। 45 लाख तक का घर खरीदने के लिए लोन लेने वाले मकान मालिक को मौजूदा दो लाख की टैक्स छूट के अतिरिक्त ब्याज पर 1.5 लाख की अतिरिक्ट टैक्स छूट का क्लेम करने का मौका मिलेगा।
इन कर्मचारियों को भी मिलेगी राहत
स्टार्टअप्स के कर्मचारियों को राहत देते हुए एक अप्रैल से लागू टैक्स नियमों में उन्हें ESOPs या एंप्लाई स्टॉक ऑनरशिप प्लान के अंदर आवंटित शेयर पर टैक्स भुगतान से मोहलत दी गई है।
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