Sukanya Samriddhi Account और LIC कन्यादान पॉलिसी प्लान, जानिए किसमें मिलेगा ज्यादा फायदा
सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) बेटियों के लिए बहुत अच्छी बचत योजना है। बेटियों की पढ़ाई और विवाह के लिए पैसे जुटाने में काफी मददगार है। यह स्कीम केंद्र सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम के तहत चलाई जा रही है।
नई दिल्ली: सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) बेटियों के लिए बहुत अच्छी बचत योजना है। बेटियों की पढ़ाई और विवाह के लिए पैसे जुटाने में काफी मददगार है। यह स्कीम केंद्र सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम के तहत चलाई जा रही है। सरकार की ये योजना आम आदमी में बहुत ही प्रचलित स्कीम है। दूसरी ओर एलआईसी कन्यादान पॉलिसी योजना को भारत देश की जीवन बीमा कम्पनी ने बेटियों की शादी और शिक्षा के लिए निवेश करने के लिए आरम्भ की है। सुकन्या समृद्धि योजना : बंद खाते को दोबारा कैसे करें चालू, जानिए यहां
इस योजना के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति अपनी बेटी की शादी के लिए इन्वेस्ट कर सकते है। इन दोनों प्लान में इनमें फिक्स्ड इनकम के साथ पूंजी की सुरक्षा की गारंटी मिलती है। ऐसे में दोनों में से किसी एक का चुनाव करने से पहले इनके बीच फर्क को समझ लेना जरूरी है। तो चलिए अपनी खबर के जरिए आपको बताते है कि इन दोनों प्लान में से किसके जरिए आपको ज्यादा फायदा मिलेगा।
सुकन्या समृद्धि स्कीम और कन्यादान पॉलिसी की उम्र से जुड़ीं शर्तें
सुकन्या समृद्धि स्कीम में बेटी के जन्म के बाद उसके नाम पर खाता खुलवाया जा सकता है। उसके 10 साल का होने तक ऐसा किया जा सकता है। वहीं, एलआईसी कन्यादान पॉलिसी में बेटी का एक साल का होना जरूरी है। पिता की उम्र 18 से 50 साल होनी चाहिए। खाता पिता के नाम खुलता है। बता दें कि कोई भी भारतीय नागरिक सुकन्या समृद्धि खाता खुलवा सकता है। एनआरआई को इसकी इजाजत नहीं है। जबकि एलआईसी कन्यादान पॉलिसी में बाहरी भी इसे खरीद सकते हैं।
पॉलिसी की प्रीमियम की सीमा जानें
सुकन्या समृद्धि के मामले में किसी वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक निवेश की सीमा है। एलआईसी कन्यादान पॉलिसी में निवेश की ऊपरी सीमा नहीं है। सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खुलने के बाद से 21 साल पूरा होने पर अकाउंट मैच्योर होता है। वहीं, कन्यादान पॉलिसी में यह 13 साल से 25 साल में मैच्योर होता है। सुकन्या समृद्धि के मामले में यह चुकाए गए प्रीमियम पर निर्भर करता है। वहीं, कन्यादान पॉलिसी में न्यूनतम एक लाख रुपये का बीमा मिलता है। अधिकतम की सीमा नहीं है।
लोन की सुविधा
सुकन्या समृद्धि स्कीम पर कोई लोन उपलब्ध नहीं है। जबकि कन्यादान पॉलिसी में अगर खाताधारक लगातार 3 साल तक प्रीमियम का भुगतान करता है और अकाउंट एक्टिव है तो लोन लिया जा सकता है। सुकन्या समद्धि स्कीम में बेटी के 10 साल का होने तक अभिभावक अकाउंट ऑपरेट करते हैं। इसके बाद बेटी खुद खाता चला सकती है। यह खाता बेटी के नाम पर ही खुलता है। दूसरी ओर एलआईसी कन्यादान पॉलिसी के मामले में इसे बेटी के अभिभावक के नाम पर खोला जाता है। सुकन्या समृद्धि के मामले में खाता खुलने की तारीख से 15 साल तक डिपॉजिट करना पड़ता है। पहले यह अवधि 14 साल थी। दूसरी ओर एलआईसी कन्यादान पॉलिसी में 18 साल प्रीमियम का भुगतान करने की शर्त है।
पॉलिसी में मुआवजे का प्रावधान
सुकन्या समृद्धि स्कीम में बेटी यानी खाताधारक की मौत होने पर सामान्य ब्याज दर पर माता-पिता को जमा की गई रकम का भुगतान होता है। एलआईसी कन्यादान पॉलिसी में पिता की मौत होने की स्थिति में प्रीमियम माफ कर दिया जाता है। सुकन्या स्कीम में पिता की स्थायी विकलांगता पर मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है। एलआईसी कन्यादान में पिता की स्थायी विकलांगता पर किस्तें माफ हो जाती हैं। दुर्घटना में पिता की मौत हो जाए तो तुरंत 10 लाख रुपये का भुगतान होता है।