Silver : जल्द रेट हो जाएगा 70000 रुपये, जानिए क्यों
मुंबई। कोरोना महामारी के दौर में गोल्ड और चांदी की कीमत तेजी से बढ़ रही है। खासतौर से चांदी में कुछ ज्यादा ही निखार आ रहा है। औद्योगिक मांग बढ़ने और आपूर्ति कम रहने की वजह से वैश्विक बाजार में चांदी के रेट में जबरदस्त तेजी आई है। इससे भारतीय वायदा एवं हाजिर बाजार में चांदी की कीमतों में सोने से ज्यादा उछाल आई है। बाजार विश्लेषकों की मानें तो चांदी इस साल दिवाली तक 70,000 रुपये प्रति किलो तक जा सकती है।
चांदी के रेट ने बनाया रिकॉर्ड
घरेलू वायदा बाजार में बुधवार को सोना ने फिर नया रिकॉर्ड बनाया और चांदी 2012 के बाद के सबसे उंचे स्तर पर चली गई। सोने का भाव पहली बार 50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर चुका है। वहीं चांदी 61,000 रुपये किलो से ऊपर तक उछली गई। दुनियाभर में कोरोना महामारी का प्रकोप गहराने से मार्च के बाद अब तक चांदी और सोने में जबदरस्त तेजी आई है।
चांदी की औद्योगिक मांग बढ़ी
चांदी की औद्योगिक मांग बढ़ने की उम्मीदों से इसके रेट में ज्यादा तेजी आई है। घरेलू वायदा बाजार में 18 मार्च के बाद चांदी में 82 फीसदी का उछाल आया है। एमसीएक्स पर बुधवार को चांदी का भाव 61,280 रुपये प्रति किलो तक उछला, जोकि 18 दिसंबर 2012 के बाद का सबसे उंचा स्तर है। उस वक्त चांदी का भाव 62,164 रुपये प्रति किलो तक उछला था। वहीं, इस साल 18 मार्च को एमसीएक्स पर चांदी 33,580 रुपये प्रति किलो तक टूटी थी, जिसके बाद 27,700 रुपये यानी 82.48 फीसदी की तेजी आई है।
ये है चांदी का सबसे ऊंचा स्तर
चांदी एमसीएक्स पर इससे पहले 25 अप्रैल 2011 में 73,600 रुपये प्रति किलो तक उछला था, जबकि हाजिर बाजार में चांदी का भाव 77,000 रुपये प्रति किलो तक उछला था। इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के रेट के अनुसार, भारतीय सराफा बाजार में बुधवार को 24 कैरट सोने का हाजिर भाव (बिना जीएसटी) 50,220 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी का भाव 60043 रुपये प्रति किलो था।
चांदी में 3 कारणों से आई तेजी
आईबीजेए के नेशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता ने बताया कि चांदी में तीन कारणों से तेजी आई है। पहली वजह, सोना और चांदी के भाव का अनुपात मार्च में बढ़कर 125 के ऊपर चला गया था, जोकि आमतौर पर 65 के आसपास रहता है। इसलिए उसमें सुधार हो रहा है। दूसरी वजह, मैक्सिको में कोरोना के कारण खनन बाधित होने से सप्लाई की समस्या पैदा हो गई है। इसके अलावा चांदी की औद्योगिक मांग बढ़ने की संभावना बनी हुई और दिवाली तक चांदी का भाव घरेलू हाजिर व वायदा बाजार में 70,000 रुपये प्रति किलो तक जा सकता है।
ये है चांदी का अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रेट
चांदी का अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार कॉमेक्स पर 23 डॉलर प्रति औंस के ऊपर चला गया है, जबकि मार्च में चांदी का भाव 12 डॉलर प्रति औंस तक टूटा था। बता दें कि कॉमेक्स पर चांदी का भाव 2011 में 49.52 डॉलर प्रति औंस तक उछला था जोकि रिकॉर्ड स्तर है। कॉमेक्स सोने का भाव भी 1866.75 डॉलर प्रति औंस तक उछला जोकि 9 सितंबर 2011 के बाद उंचा स्तर है, जब सोने का भाव 1881 डॉलर प्रति औंस के करीब था। जबकि कॉमेक्स पर सोने का भाव छह सितंबर 2011 में 1911.60 डॉलर प्रति औंस तक उछला था जोकि अब तक का रिकॉर्ड स्तर है।
ग्रामीण मांग में तेजी की उम्मीद
वहीं एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने कहा, सोना जब महंगा हो जाता है, तो चांदी के आभूषणों की मांग बढ़ जाती है। इस बार मानसून अच्छा है जिससे फसलों की अच्छी पैदावार रहने पर त्योहारी सीजन में ग्रामीण इलाकों में चांदी की मांग जबरदस्त रह सकती है। इस कारण चांदी की कीमत 70,000 रुपये प्रति किलो तक जा सकती है।
एक और जानकार की राय
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण के कारण खनन कार्य प्रभावित होने और आपूर्ति बाधित होने से चांदी की कीमतों में ज्यादा तेजी देखी जा रही है। हालांकि कोरोना काल में निवेश के सुरक्षित साधन की तरफ निवेशकों का रुझान बढ़ने से महंगी धातुओं की कीमतों को लगातार सपोर्ट मिल रहा है। कमोडिटी विश्लेषक बताते हैं हार्ड एसेट्स के तौर पर इस समय सोना और चांदी लोगों की पहली पसंद बन गई है। सोना और चांदी के भाव का अनुपात कोविड-19 महामारी के पहले के स्तर पर पहुंच चुका है और इस समय 83 के स्तर पर है जोकि इस बात का सूचक है कि निवेशक सोने से कहीं ज्यादा चांदी में निवेश करने में दिलचस्पी ले रहे हैं।