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Share Market : निवेशक हुए बर्बाद, 1 दिन में हुआ 6.82 लाख करोड़ रु का नुकसान

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नई दिल्ली, दिसंबर 20। आज एक बार फिर शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गयी। शेयर बाजार में गिरावट से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। आज बीएसई और एनएसई में दोनों में 2-2 फीसदी से अधिक की गिरावट आई। बाजार पर वैश्विक बाजार में गिरावट का निगेटिव असर पड़ा। दरअसल ओमिक्रॉन के फैलने का शेयर बाजारों पर काफी बुरा असर पड़ रहा है। निवेशकों में घबराहट है, क्योंकि कोरोना का नया वर्जन इकोनॉमिक रिकवरी को पटरी से उतार सकता है। आज शेयर बाजार में जो गिरावट आई है, उससे निवेशकों को 6.82 लाख करोड़ रु से अधिक का नुकसान हुआ है।

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सेंसेक्स और निफ्टी

सेंसेक्स और निफ्टी

सेंसेक्स 57,011.74 के पिछले बंद स्तर की तुलना में 56,517.26 पर खुला। कारोबार के दौरान यह 55,132.68 के निचले स्तर तक फिसला और आखिर में यह 1189.73 अंक या 2.09 फीसदी की कमजोरी के साथ 55,822.01 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 16985.20 के पिछले क्लोजिंग लेवल के मुकाबले 16,824.25 पर खुल कर आखिर में 371 अंक या 2.18 फीसदी फिसल कर 16,614.20 पर बंद हुआ। आज निफ्टी नीचे की ओर 16,410.20 तक फिसला।

कितना हुआ नुकसान

कितना हुआ नुकसान

आज निवेशकों को 6.82 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। बीएसई की मार्केट कैपिटल पिछले सत्र में 259.4 लाख करोड़ रुपये से घटकर 252.5 लाख करोड़ रुपये रह गयी। पिछले सत्र के आखिर में यह 2,59,37,277.66 करोड़ रु थी, जो अब घट कर 2,52,55,176.61 करोड़ रु रह गयी है। सटीक तौर पर निवेशकों को 682101.05 करोड़ रु का नुकसान हुआ।

ग्लोबल मार्केट में कमजोरी

ग्लोबल मार्केट में कमजोरी

वैश्विक मोर्चे पर, जापान का निक्केई और हांगकांग का हैंग सेंग 2 प्रतिशत से अधिक गिरे, जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट 1 प्रतिशत और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1.8 प्रतिशत गिर गया। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) वैश्विक केंद्रीय बैंकों के उन संकेतों के मद्देनजर पिछले तीन महीनों से भारतीय बाजारों से पैसा निकाल रहे हैं जिनके तहत आने वाली तिमाहियों में ब्याज दरें बढ़ने की संभावना है।

ये हैं दो बड़े कारण

ये हैं दो बड़े कारण

ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है। निवेशक ज्यादातर ट्रेवल रेस्ट्रिक्शन और लॉकडाउन की संभावना को लेकर चिंतित हैं, जिसका अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। अगर भारत में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ते हैं तो भारतीय अर्थव्यवस्था, जो महामारी की पहली और दूसरी लहरों के बाद वापसी की राह पर है, को झटका लगेगा। दूसरा कारण है यूएस फेडरल रिजर्व जैसे प्रमुख वैश्विक केंद्रीय बैंकों का संकेत देना है कि 'ईज़ी मनी' पॉलिसी को कम किया जाएगा, जिससे बढ़ती मुद्रास्फीति से निपटने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी संभव है। बैंक ऑफ इंग्लैंड ने शुक्रवार को नीतिगत दरों में बढ़ोतरी की।

क्या करें निवेशक

क्या करें निवेशक

जानकारों का मानना है कि लंबी अवधि के निवेशकों को निवेश बरकरार रखना चाहिए, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आगे संभावनाएं उज्ज्वल बनी हुई हैं। ऐसे निवेशकों को घबराना नहीं चाहिए और मौजूदा बिकवाली के कारण शेयरों को बेचना नहीं चाहिए। पिछले साल भी बाजार में गिरावट आई थी, लेकिन चीजों के नियंत्रण में आने से इनमें तेजी से सुधार हुआ। इसके अलावा, म्यूचुअल फंड सहित घरेलू संस्थान इन दिनों बाजार में खरीदारी कर रहे हैं, जो शेयर बाजार के लिए अच्छा संकेत है।

English summary

Share Market is on freefall today investors lost aound rs 7 lakh crore here are reasons

Today investors lost more than Rs 6.82 lakh crore. The market capitalization of BSE declined to Rs 252.5 lakh crore from Rs 259.4 lakh crore in the previous session.
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